इतिहास में कुछ ऐसी घटनाएँ भी घटित होती हैं जिनके बारे में कोई बात ही नहीं करता। ये एक बहुत ही कड़वी बात हैं की, हर एक ऐतिहासिक घटना हर वक़्त इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज नहीं हो पाता है और एक ऐसी ही घटना का नाम है “वार्डेनक्लीफ़ टावर” (Wardenclyffe Tower In Hindi)। अब आप पूछेंगे की, भला एक टावर से संबंधित कौन सी ऐसी घटना घट गई जिसके बारे में मैंने एक स्वतंत्र लेख लिखने की जरूरत पड़ गई? मित्रों! यकीन मानिए इस खोज के बारे में जानने के बाद आपका विज्ञान को देखने का नजरिया ही बदल जाएगा।
अगर आपको याद हो तो, मैंने इससे पहले पृथ्वी के सबसे प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों में से एक निकोला टेसला के बारे में काफी कुछ बताया था। तो, अगर आपने अभी तक उस लेख को नहीं पढ़ा है तो उसे एक बार जरूर पढ़ें; क्योंकि आज के वार्डेनक्लीफ़ टावर (wardenclyffe tower in hindi) का विषय उससे काफी ज्यादा जुड़ा हुआ हैं। आपके जानकारी के लिए बता दूँ की, ये टावर निकोला टेस्ला के सबसे बेहतरीन आविष्कारों में से एक था। इसलिए इसको कई बार वैज्ञानिकों ने काफी महत्व दिया, परंतु जब भाग्य ने खुद निकोला टेस्ला का साथ नहीं दिया तो; भला उनके आविष्कारों को कौन सपोर्ट करता!
तो, चलिये दोस्तों अब लेख में आगे बढ़ते हुए निकोला टेस्ला के इस बेहतरीन आविष्कार के बारे में पूरे विस्तार से जानते हैं।
Wardenclyffe Tower के बारे में पूरी जानकारी! – Wardenclyffe Tower In Hindi :-
ये जो Wardenclyffe Tower या “Tesla Tower” हैं, ये निकोला टेस्ला के द्वारा बनाया गया एक वेरलैस कम्युनिकेशन टावर हैं। इसे निकोला टेस्ला ने साल 1901-1902 में न्यूयर्क के लॉन्ग आइलेंड में निर्मित किया था। मित्रों! इस टावर के जरिये टेस्ला के कई प्रमुख लक्ष्य थे, जो की काफी भविष्य वादी चिंताधाराओं पर आधारित थे।
टावर के जरिये टेस्ला साधारण शब्दों से बने मेसेजेस भेजने के साथ-साथ टेलीफोनी तथा फैक्स के जरिये न्यूयर्क से इंग्लैंड तक इमेजेस भी भेजना चाहते थे। मित्रों! उस जमाने में साधारण शब्दों से बने मेसेजेस को बहुत ही दूर भेजना और वो भी वेरलैस तरीके से, वाकई में ऐसा सोचना ही अपने-आप में एक बहुत ही बड़ी बात थी। इसके अलावा टेस्ला का ये भी लक्ष्य था की, वो अटलांटिक ओशन में जीतने भी जहाज मौजूद हैं उन सबके पास भी वो अपने मेसेजेस को पहुंचा पायें। इसलिए उन्होंने वार्डेनक्लीफ़ टावर (wardenclyffe tower in hindi) पर अपने अमूल्य जीवन का एक बहुत ही बड़ा हिस्सा न्योछावर किया था।
टेस्ला को वार्डेनक्लीफ़ टावर को बनाने का सोच 1880 के दशक में ही आ गया था, परंतु उस समय उनका सोच ये था की; वो इस टावर के जरिये तारों के बिना ऊर्जा को स्थानांतर कर सके। इसलिए उन्होने “Hertzian Waves” के ऊपर भी काम करना शुरू कर दिया था। साल 1899 में उन्होंने पहली बार एक ऐसे वेरलैस एनर्जि ट्रांसमिशन सिस्टम के बारे में दुनिया को बताया जो की, पूरे पृथ्वी को तारों रहित ऊर्जा का पिंड बना सकता था।
मित्रों! निकोला टेस्ला ने इस सोच को दुनिया के सामने रखते वक़्त एक बहुत ही गज़ब की बात भी कहीं जिसको की मेँ अभी आगे बताऊंगा।
पृथ्वी के अंदर से ही ऊर्जा निकाल सकते थे टेस्ला! :-
शीर्षक पढ़ के कई लोगों को अपने आँखों पर विश्वास ही नहीं आ रहा होगा! सच बताऊं तो जब मैंने भी इस बात को पहली बार पढ़ा मुझे भी यकीन नहीं आया, परंतु सच तो सच ही होता हैं। निकोला टेस्ला वार्डेनक्लीफ़ टावर (Wardenclyffe tower in hindi) के जरिये पृथ्वी से ही ऊर्जा को निकालने चाहते थे। अब आप लोगों ने देखा हैं की, आज के जमाने में हम ऊर्जा को किसी प्राकृतिक मूल स्रोत से ही निकालते हैं तो यहाँ कैसे हम पृथ्वी के अंदर से ही ऊर्जा को निकाल सकते थे।
मित्रों! निकोला टेस्ला ने ये सुझाव दिया की, पृथ्वी की अपनी ही एक इलेक्ट्रिक एनर्जि का भंडार हैं। फिर से बता दूँ की, मेँ यहाँ पर पानी या हवा तथा कोयला से बन रहे बिजली की बात नहीं कर रहा हूँ; मेँ यहाँ बात कर रहा हूँ पृथ्वी की अपनी खुद की बिजली के बारे में। खैर मुझे लगता हैं की, इसके बारे में आपने शायद ही कभी सुना होगा। तो, निकोला टेस्ला के अनुसार अगर वो एक बहुत ही नियंत्रित ढंग से बिजली की कुछ मात्रा को पृथ्वी के अंदर एक खास फ्रिक्वेंसि में डाल देते हैं तो पृथ्वी के अंदर से हम बिजली को निकाल सकते है।
इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया की, अगर सटीक फ्रिक्वेंसि में बिजली को पृथ्वी के अंदर डाला गया तो; पूरे पृथ्वी के किसी भी जगह से हम इस ऊर्जा (पृथ्वी के अंदर से निकलने वाली बिजली) को इस्तेमाल कर सकते हैं। बस हमें उचित फ्रिक्वेंसि में एक रिसेप्टर डिवाइस के जरिये ऊर्जा को एक बार ट्रेक करना होगा। तो, कुछ इस तरीके से टेस्ला पृथ्वी में से ही ऊर्जा को निकालने का सोच रहें थे।
आखिर क्यों टेस्ला का ये सपना कभी पूरा हो न सका! :-
वार्डेनक्लीफ़ टावर (wardenclyffe tower in hindi) के लिए टेस्ला ने न्यूयॉर्क सिटी के पास 200 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदी थी। इतने बड़े जगह को खरीदते वक़्त टेस्ला के मन में ये चल रहा था की, वो “वार्डेनक्लीफ़ सिटी” के नाम से एक सहर का निर्माण करें जिसके अंदर 30 से भी अधिक वार्डेनक्लीफ़ टावर लगे हुए होंगे और इस सहर में बसे हर एक घर में वेरलैस तरीके से कम्यूनिकेशन की सुविधा होगी। इसके मुताबिक टेस्ला ने पहले वार्डेनक्लीफ़ टावर को बनाया जिसकी ऊंचाई लगभग 186 फीट थी और चौड़ाई 68 फीट। वैसे टावर को बनाने में 55 टन स्टील का उपयोग भी किया गया था।
साल 1906 तक टेस्ला के इस प्रोजेक्ट को काफी ज्यादा आर्थिक मदद मिलती रहीं, परंतु किस्मत कहाँ टेस्ला के साथ थी। 1906 जब आया टेस्ला को इस प्रोजेक्ट के लिए मिलने वाली आर्थिक मदद धीरे-धीरे कम होने लगी। इसके चलते टावर में हो रहें जरूरी विकास के कामों पर काफी ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ा। इसी दौरान टेस्ला के इस टावर को डिज़ाइन कर रहें मुख्य इंजीनियर की भी हत्या कर दी गई। इसके बाद प्रोजेक्ट को सबसे बड़ी आर्थिक मदद दे रहें व्यक्ति की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई।
हालत देखते-देखते इतने बुरे हो गए की, वार्डेनक्लीफ़ टावर प्रोजेक्ट मैनेजर को अपने लिए दूसरे जगह पर जॉब देखना पड़ा। इसलिए प्रोजेक्ट में काम कर रहें कई सारे कर्मी बिना किसी नोटिस दिये धीरे-धीरे वहाँ से दूसरी जगहों पर जाने लगे। इससे पहले 1904 में टेस्ला ने इस प्रोजेक्ट को नीलामी में बेच दिया था, जिससे टेस्ला खुद अपने रहने और खाने-पीने का खर्चा उठा सके।
ऐसे हुआ Wardenclyffe Tower का अंत! :-
1904 में अपनी संपत्ति का पहली बार नीलामी करने के बाद टेस्ला ने 1908 में दुबारा अपने संपत्ति का नीलामी किया। इसलिए टावर के पास बचाखुचा जो भी था वो भी इस नीलामी के बाद खत्म हो गया। साल 1911 आते-आते टावर की मूल संरचना खराब होने लगी और आसपास का इलाका भी बीहड़ बनने लगा। 1915 में आए एक रिपोर्ट में ये साफ-साफ जाहिर हो रहा था की, टेस्ला की आर्थिक स्थिति उस समय काफी ज्यादा खराब था और वो काफी कर्जे में डूब चुके थे।
उस समय उनके ऊपर लगभग 20,000 डॉलर तक का कर्जा था। खैर टेस्ला ने अपनी संपत्ति को बेचने के बाद उस फैसिलिटी के नए मालिक ने उस टावर की अहमियत नहीं समझी और उसे पूरे तरीके से नष्ट करने का सोच लिए। 1917 में एक निजी कंपनी ने डाइनामाइट के जरिये टेस्ला के सपने को विस्फोट कर के खत्म कर दिया। खैर ये वो वक़्त था जब वार्डेनक्लीफ़ टावर (wardenclyffe tower in hindi) को आखिरी बार देखा गया था।
नष्ट होने के बाद टावर का मूल्य महज 1750 डॉलर तक ही रह गया। कहा जाता हैं की, टावर को गिराने के पीछे अमेरिकी सरकार का हाथ था। परंतु आज भी ये बात कभी साबित नहीं हो सकी है।
Source :- www.pbs.org.