अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पहली बार चूहे के सिर में छोटे मानवीय मस्तिष्क (आर्गेनॉइड) विकसित करने में सफलता हासिल कर ली है। वैज्ञानिकों को इसकी मदद से स्टेम कोशिकाओं के शोध को बढ़ावा तो मिलेगा ही साथ ही ऑटिज्म, डिमेंशिया, सीजोफ्रेनिया जैसे मानसिक रोगों का कारण जानने में आसानी होगी। विदित हो कि स्टेम कोशिकाएं अपनी तरह की अन्य कोशिकाओं का निर्माण करने में सक्षम होती हैं।
अमेरिका स्थित साल्क इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने स्टेम सेल से बनाए गए आर्गेनॉइड को चूहे के दिमाग के उस हिस्से में प्रवेश कराया जहां रक्त वाहिनियां अधिक मात्रा में मौजूद थी।
प्रवेश करने के बाद आर्गेनाइड ने एस्ट्रोसाइट्स नामक न्यूरॉन और न्यूरोनल कोशिकाओं का निर्माण किया, जिसके फलस्वरूप आर्गेनाइड में ना सिर्फ वाहिनियों का निर्माण हुआ बल्कि इनसे रक्त का प्रवाह भी होने लगा।
शोधकर्ता अबेद अलफत्ताह मंसूर ने कहा, ‘वाहिनियों से रक्त का प्रवाह होने से आर्गेनॉइड लंबे समय तक सक्रिय रह सकते हैं।’ वैज्ञानिकों ने आर्गेनॉइड का केवल आधा भाग ही चूहे के मस्तिष्क में प्रवेश कराया था। कुछ महीनों बाद चूहे में मौजूद आर्गेनॉइड स्वस्थ थे जबकि बाहर रखा आर्गेनॉइन मृत कोशिकाओं से भर गया था।
नई तकनीक से अलग-अलग तरह के आर्गेनॉइड बनाए जा सकते हैं। इनकी मदद से कई बीमारियों का इलाज ढूंढने के साथ दवाओं का परीक्षण और मृत कोशिकाओं की जगह स्वस्थ कोशिकाएं प्रत्यारोपित की जा सकती हैं।