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एक ऐसा Internet जो कभी Hack नहीं हो सकता और देगा प्रकाश की रफ्तार जैसी Connectivity – Quantum Internet In Hindi

हमारी आने वाले पीढ़िओं के लिए Internet की ये तकनीक बन सकती है एक वरदान ! जाने इसके बारे में इस लेख के अंदर

COVID-19 के वजह से लोगों को घरों के अंदर रहने को कहा जा रहा हैं और आज के इस जमाने में घरों में रहना एक बहुत ही मुश्किल काम है। खैर औरों का तो पता नहीं परंतु व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए तो यह एक बहुत ही कठिन काम हैं। लेकिन यहाँ पर हमारे पास और कोई दूसरा विकल्प भी तो नहीं हैं, क्योंकि यह लोगों की जिंदगी से जुड़ी हुई हैं और इसमें लापरवाही बिलकुल भी बरदाश्त नहीं किया जा सकता हैं। खैर इसी दौर में घर में बैठे-बैठे बोरियत दूर करने के लिए लोगों के पास आज इंटरनेट (Quantum internet in hindi) हैं, परंतु खेद की बात तो यह है की हैवि ट्रैफिक के कारण इसकी हालत भी आज पस्त हैं।

वैसे इंटरनेट के स्पीड को अधिक बढ़ाने के लिए तथा इसे सुरक्षित करने के लिए वैज्ञानिकों ने क्वांटम इंटरनेट (quantum internet in hindi) का खोज कर लिया हैं। जो की प्रकाश के रफ्तार जैसे Connectivity देने में सक्षम होने के साथ ही साथ बहुत ही ज्यादा सुरक्षित भी होगा। क्योंकि आज के जमाने में स्पीड और सुरक्षा लोगों की दो सबसे बड़ी चिंताएँ होती हैं, जो की आने वाले समय में क्वांटम इंटरनेट दूर इन चिंताओं को दूर करने वाला हैं।

तो, मित्रों आज के इस लेख में हम लोग क्वांटम इंटरनेट तथा इससे जुड़ी कई अन्य विशेष बातों को जानेंगे, जिसे की आप लोगों ने शायद ही कहीं पढ़ा होगा।

क्वांटम इंटरनेट क्या हैं ? – What Is Quantum Internet In Hindi? :-

चलिए दोस्तों सबसे पहले हम लोग क्वांटम इंटरनेट (quantum internet in hindi) की संज्ञा को ही जान लेते हैं, जो की आपको आगे इस लेख को समझने में काफी ज्यादा करेगा।

तो, सरल भाषा में कहूँ तो क्वांटम इंटरनेट क्वांटम कम्प्युटर के मध्य इस्तेमाल होने वाला इंटरनेट हैं, जो की डैटा के पैकेट को Qubits के हिसाब में एक से दूसरे जगह तक स्थानांतरित करता हैं”। यह इंटरनेट हम लोगों के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इंटरनेट से काफी ज्यादा अलग होता हैं और काफी ज्यादा तेज भी। वैज्ञानिक कहते हैं की, क्वांटम इंटरनेट की डैटा ट्रांसफर करने का दर कम से कम 1 GB प्रति सेकंड का होता हैं। खैर मेँ बता दूँ की, इस इंटरनेट के तकनीक को चीन के वैज्ञानिकों ने ढूंढ कर निकाल लिया हैं, जहां 40 km दूरी पर मौजूद दो जगहों को इस इंटरनेट के माध्यम से जोड़ा गया था।

वैसे आमतौर पर साधारण कम्प्युटर बाइनरी नंबर सिस्टम के आधार पर (0 और 1) काम करता हैं, परंतु क्वांटम कम्प्युटर क्वांटम मेकानिक्स के सिद्धांतों के ऊपर काम करता हैं जो की Erwin Schrödinger’s paradox के ऊपर केंद्रित होता हैं। ऐसे में Qubits का प्रयोग होता हैं जो की अपने-आप में ही एक बहुत ही दिलचस्प चीज़ हैं।

Qubits और क्वांटम इंटरनेट के बीच का अजीब रिश्ता ! :-

दोस्तों ! आप लोगों को जानकर बहुत ही अजीब लगेगा की, Qubits जो हैं यह एक तरह से अनिश्चितताओं से भरी हुई चीज़ हैं। कहने का तात्पर्य यह है की, साधारण कम्प्यूटर में 0 या 1 यह दोनों वैल्यू मौजूद रहती हैं। परंतु क्वांटम कम्प्यूटर में ऐसा नहीं हैं, यहाँ पर Qubits के इस्तेमाल के चलते इन का एक ही साथ 0 और 1 दोनों ही वैल्यू रहती हैं। खैर यह दोनों वैल्यू तब तक मौजूद रहती हैं, जब तक कोई एक निर्धारित वैल्यू इस इंटरनेट को इस्तेमाल करने वाले के पास नहीं पहुँच जाता हैं।

वैसे Qubits से जुड़ी और एक गुप्त बात यह भी हैं की, अगर दो Qubits को कितने भी दूरी पर रखा जाए; बाद में यह दोनों ही Qubits आपस में उलझ ही जाएंगी। वैसे इसके ऊपर महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइन्सटाइन का कहना था की, Qubits में होने वाली डैटा का आदान-प्रदान इन्हीं उलझे हुए कणों की वजह से होती हैं जो की काफी तेजी से प्रकाश के गति के समान होती हैं। इसे उन्होंने “Quantum Teleportation” का नाम दिया था। मेँ आपको यहाँ बता दूँ की, टेलीपोर्ट के माध्यम से कोई भी वस्तु आपके कल्पना के परे की तेजी से एक से दूसरे जगह तक जा सकता हैं।

Quantum Teleport की एक हैरान कर देने वाली बात यह भी है की, इसके जरिए आप किसी भी कण को वास्तविक तौर पर बिना कहीं भेजे ही उसे एक से दूसरे जगह तक स्थानांतरित कर सकते हैं। मित्रों! हैं यह बहुत ही अद्भुत बात। विज्ञान की दृष्टि में यह किसी करिश्मे से कम नहीं हैं। आपको इसके बारे में क्या लगता हैं, अवश्य ही कहिएगा।

How Quantum Internet works?
क्वांटम इंटरनेट कैसे काम करता हैं ? | Credit: New Atlas.

क्वांटम इंटरनेट आखिर कैसे काम करता हैं और हम आज इस्तेमाल कर रहें इंटरनेट कैसे अलग हैं ? :-

दोस्तों सबसे पहले मेँ आपको यहाँ बता दूँ की, हम आज जिस इंटरनेट को इस्तेमाल कर रहें हैं वास्तविक तौर पर वह ऑप्टिकल फ़ाइबर जैसे कई प्रकार के अलग-अलग केवल के आधार पर बनाई गई एक संरचना हैं जो की, पृथ्वी में मौजूद सभी कम्प्यूटरों को एक दूसरे के साथ किसी न किसी तरह आपस में जोड़ता हैं। इसलिए कई बार इसको आसानी के साथ हैक भी किया जा सकता हैं। इसके अलावा इसकी अपनी ही एक सीमा हैं, जिसके कारण यह काफी धीमा भी हो जाता हैं।

परंतु मेँ जब क्वांटम इंटरनेट (Quantum internet in hindi) की बात करता हूँ, तो दोस्तों तब मेँ एक बहुत ही अत्याधुनिक डैटा ट्रांस्फर की तकनीक के संरचना के बारे में बात कर रहा होता हूँ। इसलिए कभी भी आप आम इंटरनेट को क्वांटम इंटरनेट के साथ तुलना नहीं कर सकते हैं। वैसे मेँ आपको बता दूँ की, क्वांटम इंटरनेट में किसी भी क्वांटम कम्प्युटर को आपस में जोड़ा नहीं जाता हैं। भौतिक तौर पर तो यह कम्प्युटर आपस में जुड़े नहीं होते हैं, परंतु शुख्म रूप से जुड़े हुए अवश्य ही रहते हैं। इसलिए क्वांटम इंटरनेट में डैटा पैकेट की ट्रांस्फर के लिए जिम्मेदार Qubits भी एक दूसरे से कई दूरी पर रहते हैं।

इसके अलावा गौरतलब बात यह भी है की, क्वांटम इंटरनेट को बनाए रखने के लिए व दो Qubits के अंदर के कनैक्शन को कायम रखना बहुत ही कठिन काम हैं। शुख्म से शुख्म कंपन तथा तरंग इस कनैक्शन को आसानी से खराब कर सकते हैं। इसलिए हमें इस बात का बहुत ही अच्छे तरीके से ध्यान रखना होगा। क्वांटम इंटरनेट को सही तरीके से काम करते रहने के लिए “Quantum Memory” का भी होना बहुत ही जरूरी हैं। तो यह Quantum Memory क्या हैं, चलिए इसके बारे में आगे लेख में जानते हैं।

Quantum Internet और Quantum Memory :-

संक्षिप्त में कहूँ तो, Quantum Internet (Quantum Internet In Hindi) में डैटा को संगृहीत करने वाले डिवाइस/ उपकरण को ही “Quantum Memory” कहा जाता हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने 50 km लंबी ऑप्टिकल फाइबर के इंटरनेट की Quantum Memory को सफल तरीके से निकालने में सक्षम रहें हैं। यहाँ पर बता दूँ की, आम इंटरनेट की Quantum Memory को बाहर निकाला जा सकता हैं।

कुछ वैज्ञानिक Quantum Memory को निकालने के लिए Photons का भी इस्तेमाल करते हैं। Photons के जरिए आसानी से किसी भी अणु को ऊर्जा के द्वारा Excite किया जा सकता हैं, जिससे Qubits की उलझी हुई संरचना सहज तरीके से सुलझ जाता हैं। इसके बाद वैज्ञानिक Photons के तीव्रता को संतुलित अवस्था में ले कर आते हैं जिससे उस जगह पर मौजूद Qubits को इक्कठा किया जा सके। इस प्रक्रिया के बाद Photon कण को पूर्व के भांति फिर से Optical Fiber के अंदर आगे बढ्ने के लिए छोड़ दिया जाता हैं। देखा जाए तो Quantum Memory को ढूँढने का प्रक्रिया उतना भी कठिन नहीं हैं।

हालांकि वैज्ञानिकों को अभी भी Quantum Teleportation को लेकर अभी भी कई सारे पुष्टीकरण लानी हैं, जिसके जरिए आगे Quantum Internet को विस्तृत रूप से उपयोग में लिया जा पाए। आपको क्या लगता हैं, क्या Quantum Internet कभी हकीकत में हमारे जीवन में इस्तेमाल होने लायक बन सकता हैं ?

Source :- www.livescience.com.

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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