फायटर जेट और लड़ाकू विमानों में जेट फ्यूल इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से ही वह इतनी रफ्तार पकड़कर आसामान में उड़ता है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि इन विमानों में जो जेट फ्यूल प्रयोग में लाया जाता है, वह वास्तव में कितना महंगा होता है?? उसे पायलट क्यों प्लेन से बाहर फेंक देता है??
विषय - सूची
पहली बात जेट फ्यूल महंगा नहीं होता:
- जेट फ्यूल केरोसिन का ही एक प्रकार है,
- साथ ही साथ एयरलाइन कम्पनिया इसे भारी मात्रा में खरीदती है जिससे ट्रांस्पोर्टशन का खर्चा भी काफी बचता है।
आखिर फ्यूल को हवा में क्यूँ फेंक दिया जाता है ?
आप में से कई लोग सोच रहे होंगे की यह तो ईंधन की बर्बादी है और पर्यावरण को नुकसान भी है और आज के ज़माने में ये सब करना मूर्खता है।
हवा में फ्यूल फेकने प्रक्रिया को Jettison कहते है।
यह प्रक्रिया हर विमान में नहीं होती और जिनमे होती भी है उनमे भी नियमित नहीं बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में ही की जाती है।
तो चलिए जानते है ऐसा क्यूँ किया जाता है:
विमान की डिज़ाइन कुछ ऐसा होता है की उड़ान भरने के समय (take off ), सुरक्षित तरीके से वजन उठाने की क्षमता ज्यादा होती है। विमान का ईंधन का वजन ज्यादा होता है, परन्तु टेक ऑफ करते समय वजन कोई दिक्क्त पैदा नहीं करता।
लेकिन अवतरण (landing) के समय सुरक्षित तरीके से लैंड करने के लिये विमानों का हल्का होना जरुरी है। यानि लैंडिंग के समय विमान का वजन एक निर्धारित मात्रा से ज्यादा नहीं होना चाहिये।
आम परिस्थितिओं में, विमान अपने गंतव्य तक पहुचते पहुंचते ईंधन के अधिकतर भाग खर्च कर चूका होता है और लैंडिंग के वक्त विमान हल्का हो जाता है। तथा सुरक्षित लैंड कर पाता है।
लेकिन मान लीजिये: आधे रास्ते में ही कोई आपातकाल परिस्थति आ गई, और विमान को तुरंत ही किसी नजदीकी एयरपोर्ट पर लैंड करवाना पड़े !
उस सिथ्ति में विमान सुरक्षित तरीके से लैंडिंग कर पाये इसके लिए विमान का बचा हुआ फ्यूल फेक दिया जाता है, ताकि हल्की हो जाय।
कुछ और परिस्थितियाँ जैसे विमान में आग लगने के वक्त भी ईंधन को विमान से बहार फेक दिया जाता है।
कुछ विमानों में Jettison नहीं करनी पड़ती क्युकी उनकी डिज़ाइन ऐसी होती है की लैंडिंग के वक्त भी ज्यादा वजन सह सकती है।
– दुनिया के सबसे विशालकाय टैंक्स जिनका आकार आपको चौंका देगा !
क्या इससे पर्यावरण को नुकसान नही होता ?
बिलकुल होता है, पर अब आप जानते है क्यों किया जाता है ये सब।
बस कोशिश की जाती है की जब भी यह प्रक्रिया की जाय नुकसान कम हो।
- Jettison प्रक्रिया बहुत कम की जाती है।
- अगर किया भी जाता है तो पृथ्वी की सतह से काफी ऊपर किया जाता है, ताकि प्रदुषण कम से कम हो।
लेकिन ये चीज ज्यादा होने लगे तो, जल, मिट्टी का प्रदुषण और कृषि पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
साभार- क्योरा