हमारी आकाशगंगा में एक बेहद ही अद्भुत वस्तु या यूं कहें की एक खगोलीय चमत्कार मौजूद हैं, जिसे हम पृथ्वी कहते हैं। ये पृथ्वी जिस सौर-मण्डल में स्थित है, वो भी किसी खास खगोलीय संरचना से कम नहीं है। परंतु क्या आप जानते हैं, हमारे सौर-मण्डल में मौजूद हमारा सूर्य भी अपने-आप में एक अजूबा है। कहने का मतलब ये हैं कि, सूर्य के ऊपर हो रहें सभी खगोलीय घटनाएँ (Gargantuan Superflare Solar Storm) किसी भी रूप से साधारण या नॉर्मल नहीं हैं। मित्रों! ये ही वजह हैं कि, आज भी वैज्ञानिक सूर्य के ऊपर इतनी ज्यादा उत्सुकता के साथ शोध कर रहें हैं।
आज के इस लेख में हम हमारे सूर्य (Gargantuam Superflare Solar Storm) के जैसे ही एक और सूर्य के बारे में चर्चा करने जा रहें हैं। जिसमें हम देखेंगे कि, आखिर कैसे हाल ही में इसके ऊपर एक बेहद ही दुर्लभ घटना घट चूकी है, जिसके बारे में आज शायद ही कोई बात कर रहा है। इसके अलावा आप लोगों को बता दूँ कि, इस सूर्य के ऊपर घटी घटना के बारे में मैं आपको पूरी तरीके से जानकारी दूंगा। इसलिए आप लोगों से अनुरोध है कि, आप मेरे साथ इस लेख में बने रहिए और इसके बारे में जानते रहिए।
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सूर्य का सबसे शक्तिशाली सोलर स्टोर्म ! – Gargantuan Superflare Solar Storm! :-
कुछ वैज्ञानिक काफी समय से “Orion” नाम के तारा-मण्डल में मौजूद एक खास तरह के “सौर-मण्डल” (Gargantuan Superflare Solar Storm) के ऊपर अपना नजर गड़ाए हुए हैं। क्योंकि वैज्ञानिकों कि मानें तो, शायद ये सौर-मण्डल ब्रह्मांड का सबसे ताकतवर सौर-मण्डल हो सकता है। दरअसल बात ये है कि, ओरायन (कालपुरुष तारामंडल) में बसे एक सौर-मण्डल में आज-तक का सबसे शक्तिशाली सोलर-स्टोर्म “सुपर फ्लेम” को देखा गया है। और इसके बारे में सबसे खास बात ये है कि, ये काफी ज्यादा खतरनाक है।
कुछ वैज्ञानिक ये भी कह रहें हैं, ये सुपर-फ्लेयर इतना घातक है कि; ये अपने आस-पास मौजूद हर एक ग्रह को नष्ट करता हुआ जा रहा है। इस सौर-मण्डल में मौजूद सूर्य से इतनी तीव्रता से सोलर इरप्शन हो रहा है कि, ये उसके आस-पास के इलाकों में भारी तबाही मचा रहा है। खैर वैज्ञानिक इस सोलर-फ्लेयर को “Gargantuan Superflare” का नाम दिये हुए हैं। वैसे आसान भाषा में कहूँ तो, इस सोलर फ्लेयर की तीव्रता हमारे सूर्य से निकलने वाले सोलर-फ्लेयर से 10 गुना ज्यादा हैं। इसलिए ये सोलर-फ्लेयर इतना ज्यादा घातक हो जाता है।
हालांकि! वैज्ञानिकों को अभी तक इन सोलर-फ्लेयर्स के स्रोत (कैसे पैदा होते हैं) के बारे में कुछ पता नहीं चला है, परंतु एक अनुमान ये है कि, ज़्यादातर ऐसे सुपर-फ्लेयर मैग्नेटिकली काफी ज्यादा सक्रिय होते हैं। इसलिए इनके ऊपर लगातार इतने ताकतवर सोलर-फ्लेयर बन रहें हैं। इसके अलावा इन सोलर-फ्लेयर्स के बारे में खास बात ये हैं कि, इनके अंदर से काफी मात्रा में सोलर मटिरियल भी निकल रहें हैं, जो की हमारे सूर्य की तुलना में कई गुना ज्यादा अधिक हैं। मित्रों! इसलिए यहाँ जीवन पनपना कठिन होता है।
ऐसे सोलर स्टोर्म्स के पीछे का क्या कारण है? :-
अब कुछ लोगों के मन में ये सवाल आ रहा होगा कि, आखिर इस तरह के सोलर स्टोर्म्स (Gargantuan Superflare Solar Storm) कैसे बनते होंगे? क्योंकि, इस तरह के घटनाएँ वाकई में काफी ज्यादा लोगों को अचंभित भी करती हैं। तो अगर हम विज्ञान के दृष्टिकोण से देखें तो, ये पता चलता है कि, जो सितारे काफी ज्यादा सक्रिय होते हैं, वहाँ चार्ज़ पार्टिकल्स काफी ज्यादा मात्रा में मिलते हैं। ये ही पार्टिकल्स बाद में एक-दूसरे के साथ मिल कर सघन हो कर, एक बड़े से विस्फोट का रूप ले कर फट जाते हैं। जिससे काफी शक्तिशाली सोलर स्टोर्म्स पैदा होते हैं।
“V1355 Orionis” नाम के एक तारा-मण्डल की और वैज्ञानिकों का काफी ज्यादा ध्यान जा रहा है। बता दूँ कि, पृथ्वी से ये लगभग 400 प्रकाश वर्ष के दूरी पर है और इसके अंदर दो सितारे मौजूद हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये दो सितारे आपस में एक-दूसरे का चक्कर काट रहें हैं। खैर अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, ये दो सितारे एक खास श्रेणी से आते हैं। जो की “Sunspots” को बनाते हैं। सरल भाषा में कहूँ तो, सनस्पट्स वो जगह होते हैं, जहां पर मैग्नेटिक एक्टिविटी काफी ज्यादा होते रहते हैं। इसी वजह से यहाँ सुपर फ्लेयर्स भी देखने को मिलते हैं।
आमतौर पर जो सन फ्लेयर्स होते हैं, ये तब बनते हैं, जब किसी भी सितारे के वातावरण में मौजूद मैग्नेटिक फील्ड के लाइन्स आपस में एक दूसरे के साथ उलझ कर फिर से जुडने की कोशिश करते हैं। इस जुड़ाव के प्रक्रिया के दौरान, काफी भारी मात्रा में रेडिएशन निकलता है। बाद में ये रेडिएशन आसानी से किसी भी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम में दिखाई पड़ जाता है। मित्रों! आप लोगों को इसके बारे में क्या लगता है, जरूर कमेंट करिएगा।
सोलर फ्लेयर्स के बारे में कुछ अनोखी बातें! :-
हमारे सूर्य (Gargantuan Superflare Solar Storm) में जब किसी भी प्रकार का सोलर स्टोर्म या सोलर फ्लेयर्स पैदा होते हैं. तब उस इरप्शन के दौरान सूर्य के अंदर से प्लासमा भी निकलता है। प्लाजमा के निकलने की इस प्रक्रिया को “Prominences” कहते हैं। वैसे ये चीज़ सूर्य की सतह से कई हजारों किलोमीटर तक ऊपर उठ सकती हैं। हालांकि! यहाँ एक बेहद ही खास बात ये भी हैं कि, अगर ये प्रोमीनेंसेस आसानी से सूर्य के सतह से निकल जाते हैं, तब ये “Coronal Mass Ejection” (CME) के प्रक्रिया को अंजाम देते हैं।
इस प्रक्रिया के दौरान सूर्य के अंदर से इतनी शक्तिशाली पार्टिकल्स निकलते हैं कि, ये आसानी से सेटेलाइट्स को उनके ओर्बिट से निकाल देते हैं और पृथ्वी के ऊपर मौजूद पावर ग्रीड्स को भी ध्वस्त कर सकते हैं। तो जरा आप अंदाजा लगाएँ कि, सोलर फ्लेयर्स से निकलने वाली ये तीव्र चार्ज्ड पार्टिकल्स से भरी हुई तरंग अगर गलती से भी कहीं गिर जाएँ, तो कितनी भारी तबाही मचा सकती हैं। हालांकि! अभी ये हमारे लिए खतरनाक नहीं हैं। क्योंकि पृथ्वी सूर्य के करीब उतना नहीं हैं, जिससे CME हमें किसी भी तरह का नुकसान पहुंचा सकती हैं।
वैसे बड़े-बड़े सोलर स्टोर्म्स को ढूँढने के लिए, वैज्ञानिक “एक्सोप्लानेट सर्वे सैटेलाइट” और “सेईमेई टेलिस्कोप” का इस्तेमाल करते हैं। इससे वैज्ञानिकों को एक ही सितारे को अलग-अलग वेभलेंथ में देखने का मौका मिल जाता है और यहाँ पर उनके बारे में कई अहम जानकारी जुटाने का अवसर भी रहता है। सोलर फ्लेयर्स के बारे में पता लगा पाना बेहद ही कठिन होता है।
निष्कर्ष – Conclusion :-
हाल ही में की गई खोज में ये पता चला है कि, बड़े-बड़े सोलर स्टोर्म्स (Gargantuan Superflare Solar Storm) में जो सोलर प्रोमिनेंस होते हैं, वो सूर्य के सतह से ऊपर की और काफी तेजी से उठते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इनकी औसतन रफ्तार लगभग 35 लाख किलोमीटर/ घंटे की होती है। इतनी रफ्तार से अगर कोई भी चीज़ ऊपर उठती है, तब वो आसानी से किसी भी सितारे के एस्कैप वेलोसिटी को मात दे कर अन्तरिक्ष की और निकल सकती है। शायद ये ही वजह होगी, ब्रह्मांड के सबसे बड़े-बड़े सोलर स्टोर्म्स हमें दिखाई पड़ जाते हैं।
वैज्ञानिकों को अब एक चीज़ के बारे में पता लगाना है और वो ये है कि, ऐसे सोलर स्टोर्म्स का जीवन के ऊपर कैसा प्रभाव पड़ता है! मेरे कहने का मतलब ये है कि, भविष्य में अगर कभी हमारे सूर्य के ऊपर ऐसा एक सोलर स्टोर्म हुआ तो, हमारे पृथ्वी के ऊपर उसका क्या असर पड़ता है! बहरहाल कई वैज्ञानिक ऐसे सोलर स्टोर्म को महा-विनाश का प्रतीक मानते हैं। वैसे एक बात ये है कि, ऐसी घटनाएँ हमें ब्रह्मांड के बनावट के बारे में और भी गहन जानकारी देते आ रहीं हैं।