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सनातन धर्म में गंगाजल (Gangajal) को बहुत पवित्र माना जाता है, आदिकाल से गंगा जल को ही पवित्रता के कार्यों में उपयोग किया जाता रहा है। माना जाता है कि गंगा भगवान शंकर की जटाओं से निकलती है, जिस कारण इसे पवित्र माना जाता है। गंगाजल चाहे पूजा हो या फिर घर की शुद्धि आदि हर तरह के कामों में काम आता है।
माना जाता है कि युगों पहले भागीरथ जी गंगा की धारा को जीवनदायनी दिव्य औषधियों व वनस्पतियों से भरे हिमालय के मार्ग से लाये। अत: गंगा जल को अमृततुल्य माना जाता है।
वैदिक ग्रंथों में शुभ कामों में गंगा जल का प्रयोग हेतु ढेरों लेख मिलते हैं। पुरानी मान्यताओं के अनुसार मां गंगा में नहाने व पूजा आदि करने से कई तरह के पाप कटते हैं।
वैज्ञानिक भी पुष्टि करते है कि गंगा के पानी में कई प्रकार के औषधिय गुण पाए जाते हैं जिसमें नहाने से कई प्रकार के रोग खत्म हो जाते हैं।
इतना ही नहीं गंगाजल को वास्तु शास्त्र से भी जोड़ा गया है।
आओ जानें गंगाजल के प्रयोग से आपकी किन परेशानियां को दूर किया जा सकता है :-
1. वास्तु दोष खत्म करने के लिए गंगाजल घर पर नियमित गंगाजल का छिड़काव करें। ऐसा नियमित करने से वास्तु दोष का प्रभाव खत्म हो जाता है और घर पर सकारात्मकता आती है।
2. यदि डरावने सपने आते हों तो हमेशा सोने से पहले बिस्तर पर गंगाजल का छिड़काव कर दें। ऐसा करने से डरवाने सपने इंसान को परेशान नहीं करते हैं।
3. गंगाजल को हमेशा घर पर रखने से सुख और संपदा बनी रहती है। इससे घर में पवित्रता का वातावरण भी बना रहता है इसलिए एक पात्र में हमेशा गंगा जल भरकर रखें।
4. भगवान सदा शिव को गंगाजल चढ़ाने से वे अति प्रसन्न होते हैं। इससे इंसान को मोक्ष और शुभ लाभ दोनों ही मिलते हैं।
5. धन प्राप्ति के लिए भगवान शिव को बिल्वपत्र कमल और गंगा जल चढ़ाएं।
6. काम में सफलता और तरक्की पाने के लिए गंगाजल को हमेशा अपने पूजा स्थल और किचन में रखें। गंगाजल को पीतल की बोतल में भर घर के कमरे में उत्तर पूर्व दिशा में रख दें। इससे ढेरों समस्या हल हो जाएगी।
साभार – विभिन्न हिंदी स्रोत