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मित्रों! क्या आप जानते हैं हमारा शरीर एक खास तरह का अजूबा हैं। हम दुनिया भर में अजूबों को ढूंढते फिरते रहते हैं, परंतु हम खुद ही एक अजूबे हैं। कहने का मतलब ये हैं कि, इंसानी शरीर को आज-तक कई लोगों ने पूरे तरीके से जानने का प्रयास किया हैं; परंतु आज भी ये शरीर एक राज ही हैं। हमें लगता हैं हम हमारे शरीर के बारे में सब कुछ जान चुके हैं, परंतु ये बिलकुल भी सच नहीं हैं। दोस्तों शरीर छोड़िए, हम तो इसके अंदर मौजूद कोशिकाओं (Formation of Cell in Hindi) के बारे में भी सही से नहीं जान पाएँ हैं।
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जी हाँ! आप लोगों ने बिलकुल सही सुना, इंसानी शरीर की कोशिकाएँ (Formation of Cell in Hindi) भी हमें आज तक उलझन में डालती आई हैं। इसलिए मैंने सोचा कि, क्यों न आज इसी के ऊपर ही एक लेख लिख लिया जाए,और वैसे भी जीव-विज्ञान से जुड़े विषयों के बारे में मैंने आप लोगों से काफी समय से कुछ खास बात भी नहीं की है।
विषय - सूची
“कोशिका” आखिर होते क्या हैं? – What is Cell in Hindi? :-
अब लोगों के मन में सबसे पहले ये सवाल आ रहा होगा कि, आखिर ये कोशिकाएँ (Formation of Cell in Hindi) होती क्या हैं? मित्रों! अगर मैं सरल भाषा में आप लोगों को बताऊँ तो, “जैसे एक घर कि इकाई उसकी ईंट होती हैं; ठीक उसी तरह हमारे शरीर की इकाई को ही कोशिकाएँ कहते हैं”। तो इसका ये मतलब हुआ कि, हम सारे के सारे लोग कोशिकाएँ से ही बने हुए हैं। इनके बिना हमारा कोई वजूद ही नहीं हैं। कोशिकाएँ ही हम लोगों को, पहचान देती हैं। हमारे शरीर के अंदर ऐसी अरबों-खरबों कोशिकाएँ होती हैं।
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हालांकि प्रकृति में ऐसे भी जीव हैं, जिनके पास सिर्फ एक ही कोशिका होती हैं; जिन्हें हम “सिंगल-सेल ओरगानीस्म या बैक्टीरिया” भी कहते हैं। मित्रों! कई वैज्ञानिकों के अनुसार कोशिकाएँ जीवन कि इकाई भी हैं। कोशिकाएं ही हमें जिंदा रखते हैं, इसलिए जब भी किसी जीव कि मृत्यु होती हैं; तब उसके शरीर के अंदर मौजूद ज़्यादातर कोशिकाएँ भी मृत हो जाते हैं। शरीर के सारे के सारे अहम बायोलोजिकल एक्टिविटी भी इसी कोशिका के अंदर ही होते हैं।
ऐसे में आप कह सकते हैं कि, जीवन और कोशिका एक-दूसरे के पूरक हैं। मित्रों! एक कोशिका के अंदर कई तरह के अलग-अलग हिस्से होते हैं, जहां शरीर के सारे के सारे जरूरी प्रक्रिया घटित होते हैं। हालांकि! इन सभी के बारे में हम आज बात नहीं करेंगे, क्योंकि ये अपने-आप में ही एक बहुत बड़ा व अलग विषय हैं। जिसको कि मेँ आप लोगों दूसरे लेख में बताऊंगा।
कोशिकाएँ की उत्पत्ति कैसे हुई? :-
कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी पर मौजूद सारे जीव एक ही कोशिका (Formation of Cell in Hindi) से ही ऑरिजिन हुए हैं। कहने का मतलब ये हैं कि, आज से लगभग 3.5 – 3.8 अरब साल पहले एक कोशिका से ही आज के सारे प्राणीओं कि उत्पत्ति हुई हैं। कुछ शोधकर्ता ये भी कहते हैं कि, उस समय ये कोशिका एक छोटे से माइक्रोस्कोपिक थैले जितना बड़ा था; जिसके अंदर कई अलग-अलग व अहम ओर्गानिक मॉलिक्यूल मौजूद थे। इसके अलावा उस के अंदर एक RNA मॉलिक्यूल भी मौजूद था, जो की जीवों के विकास के लिए कई जरूरी जानकारीओं को अपने अंदर समेटे हुए था।
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मित्रों! आपको क्या लगता हैं, क्या कोशिकाएँ आप लोगों की अस्तित्व को दर्शाता हैं? क्या कोशिकाएँ ही हम लोगों कि, पहचान हैं? कमेंट कर के अपना राय जरूर ही बताइएगा। वैसे अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, इंसानी शरीर के कोशिकाएँ कि जीवन आयु सीमित हैं। इसलिए चाह कर भी हम इंसान कभी भी अमर नहीं रह सकते हैं, हमारा ये शरीर एक न एक दिन नष्ट ही होने वाला हैं।
हालांकि! समय के साथ RNA मॉलिक्यूल बाद में एक कॉम्प्लेक्स DNA मॉलिक्यूल में तब्दील हो गया। बता दूँ कि, आज हम इन्सानों के अंदर भी ये डीएनए मॉलिक्यूल कई अहम जानकारीओं को हमारे लिए अपने अंदर समेटे हुए हैं। खैर कोशिकाओं के बारे में एक और अहम बात ये हैं कि, इसके आधार पर ही किसी भी जीव का गुण निर्धारित होता हैं। माने वो जीव एक कोशिय या बहू-कोशिय हैं; इन्हीं कोशिकाओं के ऊपर ही निर्भर हैं। इसके अलावा एक और खास बात ये भी हैं कि, जीव प्रोकार्योट हैं या यूकार्योट ये भी; कोशिकाओं के आधार पर ही फैसला किया जाता हैं।
कोशिकाएँ आखिर कैसे बनते हैं? – Formation of Cell in Hindi! :-
मित्रों! लेख के इस भाग में हम कोशिका (Formation of Cell in Hindi) के बनने के प्रक्रिया के बारे में चर्चा करेंगे। इसलिए आप लोगों से अनुरोध हैं कि, इस भाग को थोड़ा गौर से पढ़िएगा। तो, दोस्तों मूलतः शरीर के अंदर कोशिकाएं “कोशिका विभाजन” के प्रक्रिया से बनते हैं। इसलिए इनके बारे में हमें जानना बेहद ही जरूरी हैं। कोशिकाओं के बारे में एक गौर करने वाली बात ये हैं कि, ये खुद वो खुद विभाजन की प्रक्रिया में शामिल हो जाते हैं।
![Cell is unit of life.](https://vigyanam.com/wp-content/images/2023/02/engineering-4.png)
विभाजन के प्रक्रिया में शामिल होने के बाद, ये विभाजित हो कर दो नए-नए नवजात कोशिकाओं में बंट जाते हैं। बता दूँ कि, ये सारी कि सारी प्रक्रिया हमारे शरीर के अंदर एक चक्र, जिसे हम “सेल साइकल”/ “कोशिका चक्र” के अंदर होते हैं। वैसे अधिक जानकारी के लिए आप लोगों को बता दूँ कि, सेल साइकल के “M” फेज के अंदर मूलतः कोशिका का विभाजन घटित होता हैं। अब ये “M” फेज कोशिका विभाजन के “माइटोटिक” साइकल में देखने को मिलता हैं। मित्रों! मूलतः कोशिका विभाजन दो साइकल/ चक्र में होते हैं।
पहला हैं “माइटोटिक साइकल” और दूसरा हैं “म्यूटोटिक साइकल”। कई बार हम इन दोनों को “माइटोसिस और मिओसिस” के नाम से भी जानते हैं। खैर कोशिका विभाजन के दौरान कोशिकाएँ “माइटोटिक स्पीण्डल” नाम कि चीज़ को बनाते हैं। बाद में कई सारे माइटोटिक स्पीण्डल आपस में जुड़ कर माइक्रोट्यूबल को बनाते हैं। मित्रों! इन्हीं माइक्रोट्यूबल से क्रोमोज़ोम/ गुण सूत्र जुड़ कर कोशिका के केंद्र में आ जाते हैं।
कोशिका विभाजन के अगले चरण! :-
जब कोशिका (Formation of Cell in Hindi) के अंदर माइक्रोट्यूबल बन कर केंद्र में आते हैं, तब जा कर कोशिका विभाजन कि महत्वपूर्ण प्रक्रिया शुरू होती हैं। यहाँ माइक्रोट्यूबुल्स एक दूसरे से जुड़ कर कोशिका के दो अलग-अलग छोर पर पहुँच जाते हैं। बाद में ये क्रोमोजम मासेस में तबदील में हो कर एक नए कोशिका का रूप धारण करते हैं। मित्रों! ये प्रक्रिया “साइटोकाइनेसिस” (Cytokinesis) के नाम से जाना जाता है। इस प्रक्रिया में एक पुराने कोशिका से दो नए कोशिकाएँ पैदा होती हैं।
![Cell is basic structure of life.](https://vigyanam.com/wp-content/images/2023/02/genetic-engineering-5.jpg)
मित्रों! कोशिका हमारे जीवन की आधार हैं। कुछ कोशिका तो खुद ही अपने-आप में ही एक जीव होते हैं, तो कई बार कई सारे कोशिकाएँ मिल कर एक बड़े से मल्टी-सेल्यूलर ओर्गानिस्म को बनाते हैं। वैसे एक जरूरी बात ये भी हैं कि; कोशिकाएं न्यूकिल्क एसिड, प्रोटिन्स, कार्बोहाइड्रेट जैसे कई मौलिक उपादानाओं से बने हुए होते हैं।
प्रकृति में कोशिकाएँ कि प्रकारों को न्यूक्लियर मेम्ब्रेन के माध्यम से भी अलग-अलग किया जाता हैं। जिन प्राणीओं के कोशिकाओं में न्यूक्लियर मेम्ब्रेन नहीं होते, उन्हें अविकसित और जिन प्राणीओं के कोशिकाओं में न्यूक्लियर मेम्ब्रेन होते हैं उन्हें विकसित प्राणी कहते हैं। वैसे कोशिकाएँ आपस में मिलकर टिसु को बनाते हैं और कई टिसु आपस में मिलकर अंगों को बनाते हैं। बाद में ये ही अंग मिल कर इंसानी शरीर को बनाते हैं।
Source – www.nature.com, www.byjus.com.