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अमेरिका के किसान कर रहे हैं गाय के शरीर में गहरा सुराख, जिससे हो रहा गायों को फ़ायदा

खेती के मायनो में आजकल ऑर्गेनिक फ़ार्मिंग यानि जैविक खेती कई देशो में प्रसिद्ध है और काफी फल- फूल रही भी रही है। हाल ही में अमेरिका में एक ऐसा ही अजीबोगरीब प्रयोग सामने आया है. कई ऑर्गेनिक डेयरी किसान इस प्रयोग के तहत गायों के शरीर में एक बड़ा सा छेद कर देते हैं।

देखने में बहुत अजीब लगने वाला ये सुराख दरअसल गाय की आयु को बढ़ाने में कारगर है. वैज्ञानिकों के लिए गाय के अंदरूनी हिस्से की जांच करना बेहद मुश्किल होता है, ऐसे में गाय के शरीर में एक सुराख कर दिया जाता है।

एक Fistulated गाय का पेट, बाहरी दुनिया से जुड़ा हुआ होता है. इस सुराख को एक प्लास्टिक की रिंग से बंद कर दिया जाता है और इस सर्जरी के एक महीने के अंदर गाय पूरी तरह से सहज हो जाती है।

गाय के पेट में इस गड्ढे को बनाने का मकसद काफ़ी साफ़ है. इसके द्वारा वैज्ञानिक गाय की पाचन प्रक्रिया के बारे में पता लगा सकते हैं. गाय कौन सा खाना बेहतर तरीके से पचा सकती है और कौन से खाने से उसे दिक्कत होती है, ये सभी जानकारी इस प्रक्रिया के द्वारा पता लगाई जा सकती है।

इससे गाय के पेट में रहने वाले बैक्टीरिया के बारे में भी आसानी से पता लगाया जा सकता है. ये फिस्टुला गाय के शरीर के जिस हिस्से में खुलता है, उसे Rumen कहा जाता है।

गाय को खाना खिलाने के बाद वैज्ञानिक इस फिस्टुला (छेद से बनाया गया रास्ता) का इस्तेमाल करते हैं ताकि पता लगाया जा सके कि शरीर में खाना किस स्तर पर पच रहा है. खास बात ये है कि गाय इस प्रक्रिया से विचलित नहीं होती हैं और आश्चर्यजनक रुप से ये गाय के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद है. माना जाता है कि इस प्रक्रिया से गाय की आयु में बढ़ोतरी होती है. बीमार होने की स्थिति में गाय को दवाइयां सीधा पेट के रास्ते से भी दी जा सकती है. इन Fistulated गायों के पेट में मौजूद माइक्रोब्स को परीक्षण के बाद दूसरे जानवरों में भी ट्रांसफ़र किया जाता है।

लेकिन इस प्रक्रिया की कई लोग आलोचना भी करते हैं, गाय के शरीर का एक हिस्सा निकाल कर उनके पेट के संवेदनशील हिस्से को Expose करने की ये प्रक्रिया पिछले कुछ समय से प्रचलन में है। कई लोग भले ही ये मानते हो कि इस सर्जरी से गाय को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है लेकिन सर्जरी के 4-6 हफ़्तों तक गाय असहज बनी रहती हैं।

इस प्रक्रिया के आलोचक इसे केवल मीट और डेयरी कंपनियों के फ़ायदे के तौर पर ही देखते हैं. इसके बावजूद ये प्रक्रिया पिछले कुछ समय से Sustainable खेती का एक तरीका मानी जा रही है।

आलोचकों का ये भी कहना है कि अमेरिका में मौजूद कानून इतना स्पस्ट नहीं है जो गायों पर किये जाने वाले इस तरह के प्रयोंगो पर कुछ नजर रखता हो, इसलिए किसान बड़े ही आराम से अपनी गायों पर ये प्रयोग किये जा रहे हैं…

साभार – गजबपोस्ट

Team Vigyanam

Vigyanam Team - विज्ञानम् टीम

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