Failed Soviet Venus Probe Kosmos 482 – 50 साल पहले शुक्र ग्रह यानि Venus पर भेजा गया सोवियत संघ का एक यान अपना रास्ता लांच होते ही भटक गया था, जिस कारण वो विनस पर नहीं जा सका और पृथ्वी की ओरविट में फस गया। अब Space.com पर वैज्ञानिकों ने एक घोषणा की है कि ये प्रोव इस साल पृथ्वी पर कहीं भी गिर सकता है। Kosmos 482 नाम वाला ये प्रोब अब वायुमंडल में टूटकर अपने पूर्जे कहीं भी फेंक सकता है।
कोस्मोस 482 को 31 मार्च, 1972 को कज़ाखस्तान से लांच किया गया था, उस समय सोवियत संघ शीत युद्ध की चपेट में था, जिससे वह दुनिया में स्पेस की रेस में आगे आने की दौड़ जीतना चाहता था। कोस्मोस 482 को उसके जैसे ही एक यान Venera 8 की तर्ज पर बनाया गया था, जो पृथ्वी की कक्षा से चार दिन के बाद ही निकल गया था, रूस के वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि Venera 8 की तरह ही उनका Kosmos 482 भी पृथ्वी की ओरबिट (कक्षा) को छोड़कर शुक्र ग्रह की ओर चला जायेगा। पर जब ये यान विनस की ओर रवाना हुआ तो इसके इंजन में तेज धमाका होने के कारण इसके चार टुकड़े हो गये जो पास में ही पृथ्वी की कक्षा में भटकने लगे।
जिसमें से इस यान के 2 टुकड़े April 1972 में न्युजीलैंड में दुघर्टनाग्रस्त होकर के गिर गये थे। ये दोनों टुकड़े टाइटेनियम मिश्र धातु के गोले थे जो कि आकार में 38 सेंटीमीटर मोटे थे। पर बचे हुए दो टुकड़े जो अब ज्यादा भी हो सकते हैं,अभी भी 50 साल से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। कोस्मोस 482 के अवशेषों के 2023 और 2025 के बीच वापस दुर्घटनाग्रस्त होने की उम्मीद है , हालांकि Space.com से बात करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि यह इस वर्ष कभी भी कहीं पर भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है।
वर्तमान में, कोसमोस 482 पृथ्वी का लगभग 112 मिनट में एक चक्कर लगाता है। लगभग 495 किलोग्राम (1,000 पाउंड) वजनी और मोटे थर्मल कवच से सुसज्जित ये यान पृथ्वी पर शायद नाक के बल गिरेगा जिससे ये कम छतिग्रस्त होगा।