हमारी दुनिया में लगभग 3,000 से अधिक साँपों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं , जिनमें से लगभग 600 प्रजातियाँ, venomous यानी सबसे विषैले या जहरीले साँपों की सूची में आती हैं |
दोस्तों , आम जिन्दगी में हम जब कभी भी साँपों के बारे में बात करते हैं , तो हमारे जहन में डर के साथ साथ जहर का ख्याल आ ही जाता है | ये तो हम सभी जानते हैं कि साँपों का जहर हमारे लिए मौत का दूसरा नाम ही होता है , जिसका अगर सही समय पर इलाज न किया जाए , तो जान जाना निश्चित ही हो जाता है |
पर दोस्तों , आज हम इन साँपों से ही सम्बंधित , एक debatable यानी विवादास्पद विषय पर ही बात करने वाले हैं कि अगर ये सांप हमारे लिए विष यानी जहर का एक घर हैं , तो क्या भला कोई सांप अपने ही जहर से ही प्रभावित हो सकता है ? आखिर क्या होता है , जब कोई सांप अपना ही जहर निगल जाता है ?
और तब क्या होता है , जब किसी कारणवश कोई सांप , खुद को ही bite यानी काट लेता है ? क्या उसका खुद का ही जहर , ऐसी स्थिति में उसकी जान भी ले सकता है ?
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आखिर सांप का जहर होता क्या है ?
SNAKE VENOM यानी साँपों का जहर , उनकी SALIVARY GLANDS द्वारा PRODUCE किया जाने वाला , एक HIGHLY MODIFIED यानी विशेष प्रकार का SALIVA होता है , जो लगभग 20 से भी ज्यादा CHEMICAL COMPOUNDS का एक COMPLEX MIXTURE होता है |
इस MIXTURE में , कई तरह के TOXIC यानी जहरीले PROTEINS , ENZYMES और जानलेवा CHEMICALS मौजूद होते हैं , जो अक्सर किसी भी शिकार को काफी तेजी से IMMOBILISE कर देते हैं |
सांप के जहर का सबसे MAIN COMPONENT होता है PROTEIN , जिसका असर काफी विस्तृत यानी SPECIFIC होता है | अगर किसी सांप के जहर को आप DRY यानी सुखाएंगे, और उसकी CHEMICAL COMPOSITION का पता लगाएंगे , तो आपको उसमें 90 से लेकर 95 % तक अलग अलग PROTEINS मिलेंगे |
हालांकि उनकें जहर में कुछ ऐसे भी COMPOUNDS होते हैं , जो सिर्फ उनकी DIGESTION यानी पाचन क्रिया में ही मदद करते हैं , पर ये कई प्रकार के PROTEINS ही हैं , जो इसे असलियत में जहर बनाते हैं |
ENZYMES का काम आमतौर पर , पाचन क्रिया को तेज करना , शिकार में मौजूद , carbohydrates, proteins, phospholipids and nucleotides को BREAKDOWN करना होता है | आपको शायद ये तो पता ही होगा कि किसी भी CHEMICAL REACTION में , ENZYMES का काम GENERALLY उसके REACTION RATE को बढ़ाने का होता है |
इसके साथ ही साँपों के जहर में , कई तरह के polypeptide toxins LIKE cytotoxins, cardiotoxins भी मौजूद होते हैं |
4 तरह के होते हैं सांप के जहर
इन्हीं TOXIC PROTEINS और POLYPEPTIDE TOXINS की वजह से ही , SNAKE VENOM यानी साँपों के जहर को 4 अलग CATEGORIES में DIVIDE किया जाता है , जहां इनके असर SPECIFIC यानी अलग अलग ही होते हैं |
1. HEMOTOXINS
ये HEMOTOXINS , GENERALLY HEMOLYSIS PROCESS के दौरान , RED BLOOD CELLS को ख़त्म कर देते हैं , और साथ ही BLOOD COAGULATION यानी खून को भी जमा देते हैं जिसकी वजह से HEMMORHAGE , STROKE और HEART FAILURE होने के CHANCES बढ़ जाते हैं |
2. CYTOTOXINS
CYTOTOXINS , GENERALLY , BITE SITE यानी काटे गए हिस्से में मौजूद , CELLS और TISSUES को ख़त्म कर देता है , जिससे बचने के लिए उस काटे गए BODY PART को शरीर से हटाना पड़ जाता है |
3. NEUROTOXINS
NEUROTOXINS , आमतौर पर , शिकार के NERVES और BRAIN यानी दिमाग को DAMAGE कर देते हैं जो NEUROTRANSMITTERS को पूरी तरह से BLOCK कर देते हैं | EXTREME CASE में , ये NEUROTOXINS NERVOUS SYSTEM को भी FAIL कर सकते हैं , जिससे जान जाने की पूरी संभावना होती है |
4. PROTEOLYTIC TOXINS
ये TOXINS , आमतौर पर ENZYMES द्वारा, काटे गए हिस्से के में PROTEINS को SMALLER PARTS में DIVIDE कर देते हैं , जिसके असर काफी हद तक CYTOTOXINS जैसे ही होते हैं | GENERALLY, सभी हज्रीले साँपों में , ये PROTEOLYTIC COMPOUNDS मौजूद होते हैं |
कैसे छोड़ते हैं सांप अपना जहर ?
अब अगर SNAKE VENOM के DELIVERY MECHANISM की बात की जाए , तो अक्सर ज्यादातर सांप , FANGS यानी जहर के दाँतों द्वारा ही अपना जहर किसी शिकार में छोड़ते हैं , जो काटे गए हिस्से के TISSUES में छेद करके , TOXINS और PROTEINS की मदद से डैमेज कर देते हैं |
साँपों के मुंह में मौजूद VENOMOUS GLANDS ही इनके जहर को PRODUCE और STORE करती हैं , और सर में मौजूद MUSCLES की मदद से , ये अपने जहर की मात्रा को नियंत्रित करते हैं |
क्या होता है जब सांप खुद को ही काटले ?
अब ऐसे में ये सवाल आना तो लाजमी है कि अगर साँपों के SALIVARY GLANDS में जहर होता है , तो DIGESTION यानी पाचन क्रिया के दौरान ये जहर उनके शरीर में जाकर उन्हें भी तो ख़त्म कर ही सकता है ?
WELL दोस्तों , इसका जवाब है , बिलकुल भी नहीं , क्योंकि अक्सर DIGESTION यानी पाचन क्रिया के दौरान , जहर में मौजूद PROTEINS और HARMFUL TOXINS , STOMACH ACID और DIGESTIVE ENZYMES द्वारा SIMPLER FORM में BREAKDOWN कर दी जाते हैं , जो पूरी तरह से HARMLESS यानी हानि रहित होते हैं |
आपको ये जानकर आश्चर्य जरूर होगा , कि हमारे PANCREAS में भी कई तरह के TOXIC यानी जहरीले COMPOUNDS होते हैं , जो कई CELLS द्वारा COVERED होते हैं | अगर किसी वजह से ये COVERING हट जाए , और ये COMPOUNDS आपके BLOODSTREAM में ENTER कर जाएं , तो बेहद कम समय में आपकी जान भी जा सकती है |
ठीक इसी तरह से अगर कोई सांप खुद को काटले , और उसका जहर अगर उसकी BLOODSTREAM या BLOOD CIRCULATION में ENTER कर जाए , या फिर किसी BODY TISSUE में चला जाए , तो ऐसे में वो सांप खुद की जान भी ले सकता है |
जैसा कि आपको बताया ही है , कि किस तरह से साँपों का जहर किसी शिकार पर असर करता है , तो ऐसे में खुद को काट लेने पर सांप , अपने जहर की ताकत और क्षमता के अनुसार अपनी जान आसानी से ले सकते हैं |
जहर का BLOODSTREAM में चले जाना ही, आमतौर पर साँपों की , खुद की ही जान लेने का कारण बनता है |