Medical Science Research in Hindi – अगर आपके ठंड लग रही है और आप अपने ऑफिस में बैठे हुए हो और अपने बॉस से बाहर धूप सेकने के लिए जाना चाहते हो तो अब आप बता सकते है कि अगर आप धूप नहीं लेगें तो ये आपके मस्तिष्क (Brain) की कार्य प्रणाली पर गहरा असर डालेगी। धूप से मिलने वाली विटामिन डी (Vitamin D) अगर हमारे शरीर में कम हो जाये तो अब वह हड्डियों के बाद सीधा आपके मस्तिष्क पर प्रभाव डालती है। अपेक्षाकृत स्वस्थ वृद्ध लोगों में भी, विटामिन डी की कमी को कम स्मृति और अनुभूति से जोड़ा गया है । मानसिक बीमारी, विशेष रूप से स्किज़ोफ्रेनिया को भी वैज्ञानिक इसी से जोड़कर आगे शोध कर रहे हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के डॉ थॉमस बर्ने ने जब चुहों को विटामिन डी से वंचित किया तो उन्होंने पाया कि इसकी कमी से चुहों के मस्तिष्क में तंत्रिका प्रणाली (perineuronal nets) पर प्रभाव पड़ा जिससे दिमाग के एक हिस्से जिसे हिप्पोकैम्पस से जानते हैं अपनी आधी क्षमता कम कर चुका था। हिप्पोकैम्पस हमारे मस्तिष्क का वो प्रभावी क्षेत्र है जो हमारे सोच, भावनाओं और हमारे विचार की शक्ति को केंद्रित करता है।
विटामिन डी की कमी से perineuronal nets जो हमारे मस्तिष्क के ढांचे के निर्माण के लिए एक जाल है जो महत्वपूर्ण न्यूरॉन्स और उनके बीच के कनेक्शन को स्थिर करते हैं। शोधकर्ताओं ने आगे देखा कि जिनके perineuronal nets कम हो गये थे उनके न्यूरॉन्स के बीच कम और कमजोर कनेक्शन बन गया था।
ब्रेन स्ट्रक्चर और फंक्शन एंड ट्रेंड्स इन न्यूरोसाइंस में प्रकाशित पत्रों में , बर्न और सहयोगियों ने निष्कर्ष निकाला कि विटामिन डी perineuronal nets में कटौती करने वाले एंजाइमों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर सकता है। जिससे हमारे न्यूरॉन्स और उनके बीच के कनेक्शन को स्थिर रहते हैं।
बर्ने ने विज्ञान पत्रिका IFLScience को बताया कि पेरिनेरुनल नेट (perineuronal nets) हमेशा फायदेमंद नहीं होते हैं – मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में, वे नई शिक्षा को बाधित करते हैं, और उनके हटाने से अल्जाइमर से पीड़ित लोगों को लाभ होता है। हालांकि, हिप्पोकैम्पस में, जहां शुद्ध नुकसान केंद्रित था, मजबूत perineuronal nets स्मृति को केंद्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस शोध से बर्ने ने देखा कि जन चुहों को विटामिन डी नहीं मिल रही थी वे स्मृति, भावनाओं और अध्ययन वाले हिप्पोकैम्पस क्षेत्र के कम काम करने के कारण साधारण चुहों की अपेक्षा काफी कमजोर और भुल्लकड़ बन गए थे।
बर्न एक टीम का हिस्सा है जिसने विटामिन डी को मस्तिष्क स्वास्थ्य से जोड़ने वाले कई कागजात तैयार किए हैं। उन्होंने कहा है कि ज्यादातर मरीज के मामलों में विटामिन डी उनके शरीर में कम मिलता है, पर ये कहना कि ये विटामिन डी का ही परिणाम है काफी जल्दी होगा। पर अधिकांश मामलो में ये निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि कम विटामिन डी मिलने के कारण ही लोग बीमार पड़ते हैं, और उनके मस्तिष्क के काम करने की शक्ति पर भी कुछ खराब प्रभाव पड़ता है।
शोधकर्ता कहते हैं कि ज्यादातर मामलों में कैंसर, हड्डिी के रोगों के लिए फायदे के तौर पर बोला जाता है, पर इसे कभी भी मस्तिष्क के लिए कोई नहीं बोलता है। अब इस शोध के बाद हम समझ सकते हैं कि प्रर्याप्त धूप हमारे शरीर के लिए कितनी फायदेमंद हो सकती है।
– विशेषज्ञों के अनुसार दिमाग के इस हिस्से के कारण होता है डिप्रेशन (अवसाद)