चीन ने अब तकनीकी क्षेत्रों में अपनी दखल बढ़ाने के साथ-साथ कई नए और गुप्त एक्सपरिमेंट शुरू कर दिए है। साउथ ईस्ट एशिया थिंक टैंक आर्मी के अनुसार इस समय चीन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI पर अपना ध्यान केंद्रित कर रखा है।
इस समय AI के क्षेत्र में चीन अपने समकक्षों यानी अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों से कहीं आगे निकल गया है और अपनी कई कंपनियों में AI के जरिए अपने कर्मचारियों के दिमाग और भावनाओं की निगरानी कर रहा है।
इस Technique से चीन को बहुत फायदा हुआ है। जानकारों का मानना है कि एक बार वर्क पैटर्न समझने पर किसी की भी कार्यकुशलता और कार्यक्षमता को काम के अनुसार ढ़ाला जा सकता है।
पर बात ये है कि चीन सिर्फ कॉर्पोरेट कंपनियों तक ही नहीं रुका है अब उसने अपनी सेना पर भी यह एक्सपेरिमेंट शुरू किया है। इसके जरिए अपने सैनिकों के दिमाग-भावनाओं को कंट्रोल कर उन्हें सुपर सोल्जर बनाने की तैयारी जोरों पर है।
पश्चिमी देशों में इस बात को लेकर बेहद चिंता है क्योंकि यह दुनिया में अब तक सेना के साथ सबसे बड़ा एक्सपेरिमेंट माना जा रहा है। रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्टिफिशियल एंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के जरिए चीन के सैनिकों के दिमाग को पढ़ा जा रहा है, मिशन पर भेज कर युद्धक्षेत्र में उनके ब्रेन की एक्टिविटी और इमोशन्स की निगरानी की जा रही है।
चीन के इस कदम मे भारत पर असर पड़ना स्वाभिक है, एक तरफ जहाँ चीन का सीमा-विवाद भारत से चल रहा है वहाँ पर इस नई तकनीक के जरिए वह भारत के लिए एक मुसीबत बना हुआ है।
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