हमने अपनी आकाशगंगा में वैसे तो बहुत सी खोजे की हैं और निरंतर करते रहते हैं। आकाशगंगा में खरबों तारे हैं और खरबों ही ग्रह हैं। वैज्ञानिक और नासा की दुरबीनें रोज इन आकाशगंगाओं में खोज करती ही रहती हैं। ऐसा बहुत कुछ है जो हम अपनी आकाशगंगा में नहीं देख सकते हैं। न्यूट्रीनोस, काले पदार्थ, ब्लैक होल ; हम जानते हैं कि वे वहां हैं लेकिन हम उन्हें नहीं देख सकते हैं। एक ताजा रिसर्च में वैज्ञानिको ने माना है कि अभी भी हमारी आकाशगंगा ऐसे 100 अरब छोटे से भूरे रंग के आकाशीय पिंडो (Brown Dwarfs) को समेटे है जिन्हें हम आजतक खोज नहीं सके हैं।
आपको बता दें कि Brown Dwarfs उन आकाशीय पिंडो को कहते हैं जिनका रंग भूरा होता है पर वे किसी वजह तारे बनने में नाकाम रहते हैं। स्टार-बनाने वाले क्षेत्र एनजीसी 1333 पर ध्यान केंद्रित करते हुए, जो कि 1,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। वैज्ञानिको ने पाया कि आधे से अधिक भूरे रंग के बौने थे, जबकि इतनी उम्मीद हम तारों की करते हैं पर इनका मिलना वैज्ञानिको को चकित कर रहा है, हालांकि उनका कहना है कि आकाशगंगा में अभी भी इससे कहीं ज्यादा Brown Dwarfs हो सकते हैं।
ब्रिटेन में होने वाली एक अनुसंधान में जब इस बात का पता चला तो उन्होंने अपने इस कार्य को रोका नहीं बल्कि एक कदम आगे बढ़कर दूसरे तारा समुह(Star Cluster) RCW 38 पर ध्यान केंद्रित किया जो कि Vela तारामंडल में स्थित है। इस तारा समुह में भी वैज्ञानिक ने इसी अनुपात में ऐसे Brown Dwarfs देखे।
आरसीडब्ल्यू 38 वास्तव में एनजीसी 1333 से बिल्कुल अलग है। इसके पास बहुत अधिक विशाल सितारे हैं जो कि अन्य क्लस्टर की तुलना में बहुत अधिक है, लगभग 5,500 प्रकाश वर्ष दूर। टीम ने इस क्लस्टर को देखने के लिए बहुत बड़े टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया और उज्ज्वल सितारों के बीच इन मंद रोशनी में चमकने वाले बौने तारों Brown Dwarfs को चुना।
सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय की टीम के सदस्य अलेक्स स्कोलज ने एक बयान में कहा, कि हमें इस तरह के काफी बौने Brown Dwarfs अलग-अलग क्लस्टर मे मिले हैं जो कि यह दर्शाता है कि इनका होना एक आम बात है।
एक अनुमान के मुताबिक इस तरह के 25 अरब से लेकर 100 अरब तक Brown Dwarfs हमारी मंदाकिनी आकाशगंगा में हो सकते हैं, वैसे अभी हमारे उपकरण इतने अच्छे नहीं इसलिए हो सकता है कि इनमें बहुत से और आकार में छोटे Brown Dwarfs हम नहीं देख पाये हो। वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि इनकी संख्या हमारे अनुमान से भी कहीं गुना ज्यादा हो सकती है।