हमारे ब्रह्मांड में कई सारे ग्रह,सूर्य और उनसे बने सौर-मंडल मौजूद हैं। परंतु उन सभी सौर-मंडलों में सबसे खास हमारा सौर-मंडल है। क्योंकि ये सौर-मंडल ही कुछ ऐसा है! इस सौर-मंडल में चाँद (Historic Moon Soil Sample), पृथ्वी और सूर्य भी शामिल हैं। जो की अन्य सौर-मंडलों में मौजूद दूसरे चाँद-सितारों से काफी ज्यादा अलग हैं। अलग इसलिए कि, इनके ऊपर जीवन की उत्पत्ति को देखा गया है। चाँद की जब भी बात आती है, तब हमारे मन में एक अलग ही खुशनुमा खयाल आने लगता है। क्योंकि ये वही खगोलीय पिंड हैं, जिसके बारे में सबसे पहले हमने शोध करना शुरू किया था।
आज के स्पेस साइंस की बुनियादी ढांचा ही चाँद (Historic Moon Soil Sample) के ऊपर किए गए प्रयोगों के ऊपर ही टीका हुआ है। बिना चाँद के हम ब्रह्मांड में इतने आगे नहीं बढ़ सकते थे। चाँद के कारण ही हमनें इस अन्तरिक्ष को थोड़ा-बहुत पहचानने में सक्षम हुए हैं। क्योंकि अन्तरिक्ष हम मानवों के लिए कोई पहेली से कम नहीं है। और शायद ये ही वजह है कि, हम लोगों ने लगातार चाँद के ऊपर मिशनों को अंजाम देने में लगे हुए हैं। भारत हो या चीन या हो फिर अमेरिका, हर एक देश ने चाँद के ऊपर अपने तरीके से बहुत कुछ प्रयोग किए हुए हैं।
मित्रों! आप लोगों को बता दूँ कि, आज के लेख का विषय भी चाँद के ऊपर आधारित हैं। और इस विषय के बारे में जानकर शायद आप लोगों की चाँद को देखने का नजरिया ही बदल जाएगा। तो, चलिये अब मूल विषय के ऊपर आते हैं और देखते हैं कि, आखिर ये विषय वास्तव में है क्या?
चाँद से आयी अनोखी सॉइल सैंपल! – Historic Moon Soil Sample! :-
चाँद (Historic Moon Soil Sample) के ऊपर लगातार अलग-अलग देशों से मिशनों को अंजाम दिया जा रहा है। और इन मिशनों से हमारे लिए चाँद की अहमियत और भी बढ़ गया है। क्योंकि शायद चाँद के जरिये ही हमारे पृथ्वी के कई छुपे राज खुल सकते हैं। चीन का अन्तरिक्ष यान “Chang’e-6” पृथ्वी के ऊपर लौट चुका है। बता दूँ कि, ये चीन का एक बहुत ही विकसित लुनर मॉड्यूल है। और इसके ऊपर चीन का पूरा लुनर मिशन का प्रोग्राम निर्भर करता है।
बताते हैं कि, इस लुनर मॉड्यूल ने चाँद के फार साइड से सॉइल सैंपल को इक्कठा कर के लाया है। इसलिए इस सैंपल को काफी ज्यादा ऐतिहासिक माना जा रहा है। कई वैज्ञानिकों का ये तक कहना है कि, इस सैंपल के जरिये हम पृथ्वी के कई सारे बुनियादी रहस्यों का खुलासा कर सकते हैं। साथ ही साथ ये मिशन चीन की अमेरिका के साथ बराबरी करने में भी मदद करेगा। क्योंकि अमेरिका के बाद चीन ही चाँद के साउथ पोल में इस मिशन को अंजाम देने में सक्षम हो पाया है।
हालांकि! आप लोगों की अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, चीन दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने चाँद के फार साइड से सॉइल सैंपल को इक्कठा कर के पृथ्वी के ऊपर लाया है। मित्रों! ये मिशन इसी महीने 25 तारीख को शेष हुआ है और इसने वाकई में इतिहास रच दिया है। क्योंकि इस तरीके के मिशन बहुत ही दुर्लभ हैं।
आखिर क्यों इतना खास है ये सॉइल सैंपल! :-
अब लोगों के मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि, आखिर ये चाँद (Historic Moon Soil Sample) का सॉइल सैंपल क्यों इतना खास हैं? तो, मित्रों मैं आप लोगों को बता दूँ कि; ये सॉइल सैंपल चाँद के फार साइड से आया है। और चाँद की फार साइड वो जगह है, जो की पृथ्वी से हम कभी देख नहीं पाते हैं। वैसे चीन का ये लुनर मिशन पूरे तरीके से सफल रहा है। और इससे चीन बहुत ही ज्यादा खुश भी हैं।
बताते हैं कि, पृथ्वी से चाँद तक पहुँचने के लिए इस अन्तरिक्ष यान ने लगभग एक महीने का समय लिया था। परंतु जब इसने चाँद के फार साइड के ऊपर अपने रोवर को लैंड करवाया था, तब चीनी वैज्ञानिकों के चेहरे पर एक अलग ही खुशी को देखा गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार इस यान के रोवर ने चाँद के फार साइड में मौजूद एक बड़े से क्रेटर से ड्रिल के जरिये चाँद के सॉइल सैंपल को इक्कठा किया हैं। परंतु यहाँ एक खास बात है।
खास बात ये कि, ये मिशन पूरे तरीके से रोबॉट्स के जरिये किया गया था। चाँद के ऊपर लैंडिंग से ले कर, वहाँ से सॉइल सैंपल को ले कर वापस आने तक, हर एक चीज़ रोबॉट ने बड़े ही बखूबी से निभाया है। मित्रों! हमें यहाँ चीन की तारीफ भी करनी पड़ेगी कि, ये देश काफी तेजी से स्पेस सैक्टर में अपना वर्चस्व फैला रहा हैं, जहां कभी अमेरिका हुआ करता है।
खुफ़िया तरीके से मिशन को दिया गया अंजाम! :-
आप लोगों को बता दूँ कि, अकसर किसी भी स्पेस मिशन को अंजाम देने से पहले पूरी दुनिया में उसकी चर्चा होने लगती है। जो देश मिशन को अंजाम देने वाला होता है, उसके जरिये स्पेस-मिशन की डीटेल अकसर देश के अंदर और बाहर दिया जाता है। ताकि देश के नागरिक उस स्पेस मिशन के बारे में जागरूक रह सकें। परंतु चीन का ये लुनर मिशन काफी ज्यादा गुप्त था। क्योंकि इसके बारे में उतनी ज्यादा चर्चा दुनिया में हुई नहीं।
बड़े ही चुपके से चीन ने इस मिशन को अंजाम दे दिया हैं। मिशन के शुरू होने से पहले चीन ने सिर्फ मिशन की शेड्यूल के बारे में ही बताया था। उसने मिशन के अंदर भेजे जाने वाले पै-लोड के बारे में कुछ भी नहीं बताया था। रिपोर्ट्स के अनुसार दुनिया को इस मिशन के अंदर इस्तेमाल होने वाले रोवर के बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी। चीन ने पूरी दुनिया को इस चीज़ अनजान रखा था।
हालांकि! इसके बारे में चीन से हमें कोई जानकारी नहीं मिला हैं कि, आखिर क्यों उसने मिशन की पूरी डिटेल दुनिया से छिपाया। वैसे एक खास बात यहाँ ये भी हैं कि, जब चीन के स्पेस एजेंसी ने इस मिशन से जुड़े तस्वीरें दुनिया के साथ साझा किए। तब मिशन में इस्तेमाल होने वाले रोवर के बारे में पता चल पाया। इससे आप लोगों को क्या लगता हैं, कमेंट कर के जरूर ही बताइएगा।
निष्कर्ष – Conclusion :-
चाँद (Historic Moon Soil Sample) की बात ही कुछ अलग हैं। क्योंकि इस पर हुए हर एक मिशन ने हमें कुछ जरूर बताया हैं। मानव की अन्तरिक्ष में खोज की शुरुआत इसी चाँद से ही हुई थी और न जाने आने वाले समय में इसी के ऊपर ही खत्म हो जाए। वैसे एक बात तो ये भी हैं कि, चीन जैसे विकसित देश चाँद के ऊपर जिस तरीके से मिशनों को अंजाम दे रहें हैं; उसको देख कर ये कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि, शायद कुछ समय के अंदर ही हम चाँद के ऊपर रहने लग सकते हैं।
वैसे पृथ्वी पर मून सॉइल सैंपल को काफी गहन तरीके से विश्लेषित किया जाएगा। जिससे चाँद और पृथ्वी, दोनों के ही क्रमागत विकास के बारे में काफी कुछ जानकारी जुटाया जा सकता हैं। मित्रों! इस सॉइल सैंपल से हम चाँद और पृथ्वी के बनावटी संरचना को और भी बेहतर तरीके से डी-कोड़ कर सकते हैं। जिससे हमें पृथ्वी के उत्पत्ति के बारे में भी और ज्यादा ठोस सबूत मिल सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप लोगों को बता दूँ कि, पृथ्वी के उत्पत्ति के बारे में आज भी काफी ज्यादा विवाद देखे जाते हैं।
मित्रों! यहाँ एक गौर करने वाली बात ये भी हैं कि, सॉइल सैंपल के जरिये हमें चाँद पर हुए उल्का पिंडों के टक्कर के बारे में भी काफी कुछ जानने को मिलेगा। साथ ही साथ प्रारंभिक पृथ्वी के बारे में भी काफी कुछ पता चलेगा।
Source :- www.livescience.com