मानव और प्रकृति, दोनों के बीच एक बहुत ही अद्भुत संबंध हैं। प्रकृति ने अनेकों बार मानव को बहुत कुछ दिया है, ये ही कारण है कि, हम भी इसे और भी बेहतर प्रयास से समझने के प्रयत्न में लगे हुए हैं। परंतु ब्रह्मांड में कई प्रकार की घटनाएं होती रहती हैं और हम मनुष्यों के लिए इसे समझना बहुत ज्यादा मुश्किल हैं। परंतु फिर भी हम लोगों ने भौतिक विज्ञान (New Laws Of Physics) के कुछ नियमों के जरिये, इन्हें समझने की कोशिश करते आ रहें हैं। आज भी हम इन्हीं विषय के ऊपर चर्चा करने जा रहें हैं।
फ़िज़िक्स (New Laws Of Physics) और ब्रह्मांड में होने वाले घटनाओं में एक अद्भुत कनेक्शन सा है। कहने का अर्थ ये है कि, हम कुछ पर्टिकुलर फ़िज़िक्स के नियमों के आधार पर ही इस दुनिया को देखते हैं और उसके अंदर होने वाली घटनाओं के बारे में जानने का प्रयास करते हैं। बिना इन नियमों के ब्रह्मांड में घट रहीं घटनाओं के बारे में जानना, हमारे लिए काफी ज्यादा कठिन हो जाएगा। वैसे एक प्रमुख बात ये हैं कि, आज हम ऐसे ही एक नियम से जुड़ी विषय के ऊपर चर्चा करने जा रहें, जिसके बारे में जान कर शायद आप भी हैरान हो जाए।
इसलिए आप लोगों से अनुरोध है कि, इस लेख को आरंभ से लेकर अंत तक जरूर पढ़िएगा।
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बदल सकते हैं फ़िज़िक्स के नियम! – New Laws Of Physics :-
हाल ही में एक रिपोर्ट से पता चला हैं कि, जब भी दो सुपर-मैसिव ब्लैक-होल के बीच टक्कर होता हैं; तब टक्कर के कारण इतनी ज्यादा ऊर्जा निकलती हैं कि, उससे दोनों ब्लैक-होल री-कोइल के कारण काफी तेजी से एक-दूसरे से दूर जाने लगते हैं। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार री-कोइल के कारण दोनों ही ब्लैक-होल्स की रफ्तार प्रकाश के गति के 1/10 हिस्से जितना हो जाते हैं। ये ही वजह हैं कि, ये खोज आने वाले समय में कई फ़िज़िक्स के नियमों (New Laws Of Physics) को बदल कर रखने वाला हैं। आपको क्या लगता हैं, कमेंट कर के जरूर ही बताइएगा।
वैसे एक बात ये भी हैं कि, वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में होने वाली सबसे तेज टक्कर के रफ्तार की एक लिमिट को सेट कर दिया हैं। इस लिमिट के बाहर शायद ही कोई ज्यादा तेज वाली टक्कर ब्रह्मांड में हो रही होगी। खैर अगर मेँ अंकों में बात करूँ तो, दो सुपर-मैसिव ब्लैक होल के अंदर होने वाली टक्कर से दोनों ही ब्लैक होल एक-दूसरे से लगभग 10.2 km/h के रफ्तार अलग होने लगते हैं। मित्रों! ये कोई मामूली या कम रफ्तार नहीं हैं। ये लगभग प्रकाश के रफ्तार के 1/10 हिस्से जितना हैं। इसलिए इसके ऊपर खास ध्यान देना जरूरी हैं। हालांकि! यहाँ भी एक खास बात हैं।
यहाँ खास बात ये हैं कि, जब दोनों ब्लैक-होल एक-दूसरे से टक्कर होने वाले होते हैं या टक्कर के तुरंत बात एक-दूसरे से अलग हो रहें होते हैं; तभी इन दोनों ही ब्लैक होल का रफ्तार काफी ज्यादा होता हैं। ये वो दो पल हैं, जहां ब्लैक होल्स प्रकाश के रफ्तार के 1/10 हिस्से को प्राप्त कर लेते हैं। मित्रों! इसलिए टक्कर में ये दो पल काफी अहम होते हैं।
क्या प्रकाश के गति से भी ज्यादा तेज ये ब्लैक-होल हैं? :-
अब सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि, क्या प्रकाश से भी ज्यादा तेज ब्लैक-होल हैं? क्या सच में ये फ़िज़िक्स के नियमों (New Laws Of Physics) को तोड़ कर नए नियमों को बना सकता है? मित्रों! इसके बारे में वैज्ञानिकों का कहना ये है कि, किसी भी हाल में ब्लैक-होल्स की गति प्रकाश से ज्यादा नहीं हो सकती है। क्योंकि अगर ऐसा होता है, तब हमारे मूलभूत भौतिक नियमों के अंदर काफी बदलाव हो जाएंगे, जिससे हर जगह काफी उलझन हो जाएंगी।
खैर कुछ वैज्ञानिकों का ये कहना है कि, अभी तक हम इनके बारे में ज्यादा कुछ पता लगा नहीं पाए हैं। आज भी हमें ब्लैक होल्स के बारे में काफी कुछ जानना है। वैसे एक बात तो ये है कि, इस लिमिट के बाद अभी ब्रह्मांड के भौतिक विज्ञान के नियमों पर कुछ तो असर जरूर ही पड़ने वाला हैं। छोटे से लेकर ब्रह्मांड में मौजूद बड़े चीजों तक, हर एक जगह इस लिमिट के बारे में अब चर्चा होने लगी है। इसलिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक आज इसको ले कर काफी ज्यादा उत्सुक हो रहें हैं।
जब भी दो बड़े-बड़े सुपर मैसिव ब्लैक-होल एक दूसरे के पास आते हैं, तब वो या तो एक-दूसरे के साथ मिल जाते हैं या तो वो एक-दूसरे के साथ टक्कर हो कर एक-दूसरे से दूर-दूर चले जाते हैं। वैसे ये सब चीज़ें दो ब्लैक-होल्स के अंदर मौजूद सबसे करीबी दूरी के ऊपर निर्भर करता है। वैसे ब्लैक-होल्स के रफ्तार को मापने के लिए वैज्ञानिक सुपर-कम्प्युटर का उपयोग करते हैं।
सुपर कम्प्युटर और ब्लैक-होल :-
मित्रों! भौतिक विज्ञान (New Laws Of Physics) के मूलभूत नियमों को गलत साबित करना उतना भी आसान नहीं हैं, जितना की हम उसे समझते हैं। वैसे ये बात तो तय हैं कि, ब्लैक होल किसी भी हाल में प्रकाश के रफ्तार को पार नहीं कर सकते हैं और इसको ले कर कई वैज्ञानिक पिछले 50 सालों से काम कर रहें हैं। हालांकि! पिछले 10 सालों से इसके ऊपर काम काफी तेज होने लगा हैं। 2005 से वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में 100 से ज्यादा सुपर-मैसिव ब्लैक-होल्स के बीच होने वाले टक्करों के बारे में पता लगा लिया हैं।
वैसे इन टक्करों से मिलने वाली जानकारीओं के आधार पर वैज्ञानिकों ने कुछ बातों को हमारे लिए स्पष्ट कर दिया था। परंतु बाद में पता चला कि, वो सारी बातें पूरे तरीके से सच नहीं हैं। पहले वैज्ञानिक ये सोच रहे थे कि, जब दो ब्लैक-होल एक-दूसरे के पास आते थे; तब उनका आकार स्पाइरल हो जाता था और उन दोनों कि कक्षा गोलाकार हो जाते थे। परंतु ये बात पूरी तरीके से सच नहीं हैं। अब के खोज की बात करें तो, दोनों ही ब्लैक-होल्स के कक्षा का आकार गोलाकार न हो कर अंडाकार हो जाते हैं। मित्रों! ये एक बहुत ही बड़ी खोज हैं।
खैर टक्कर के दौरान वैज्ञानिकों की नजर कुछ खास चीजों पर होते हैं। जैसे की, दोनों ब्लैक-होल्स की मोमेंटा, टक्कर के दौरान एक-दूसरे से सबसे करीबी दूरी, अपने कक्षा के अंदर ब्लैक-होल की घूमने की प्रक्रिया और ब्लैक-होल के घूमने की तीव्रता। इन सारी चीजों के ऊपर वैज्ञानिक, हमेशा अपनी ध्यान केन्द्रित किए होते हैं। वैज्ञानिकों ने काफी शोध के बाद दोनों ब्लैक-होल्स के पॉसिबल ट्राजेकटोरी के बारे में अनुमान लगाया हैं।
निष्कर्ष – Conclusion :-
कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार जब दो ब्लैक-होल आपस में टकराने वाले होते हैं; तब उस पल में कई तरह के पॉसिबल घटनाएँ घटित हो सकते हैं। कहने का मतलब ये हैं कि, उस पल में शायद भौतिक विज्ञान (New Laws Of Physics) के कुछ नियम बदले जा सकते हैं। हालांकि! ये सब चीज़ें उतनी आसान हैं नहीं, जीतने ये लगते हैं। वैसे इन घटनाओं को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने चुंबक और सुपर-कंडक्टीविटी का भी सहारा लिया हैं। कुछ वैज्ञानिक टक्कर के बाद होने वाले स्थिति को काफी सरल तरीके से देखते हैं।
वैसे अभी भी हम लोगों को दो सुपर मैसिव ब्लैक-होल्स के टक्कर के बाद होने वाले और ज्यादा पॉसिबल घटनाओं के बारे में पता लगाना होगा। साथ ही साथ इसके ऊपर और भी ज्यादा क्लारिटी लानी पड़ेगी, जिससे हमें अंत में ये पता चल जाए कि; आखिर में इन टक्करों का नतीजा क्या होता हैं! मित्रों, मेरे हिसाब से हमें इन चीजों के बारे में ज्यादा ध्यान देना चाहिए; न कि ब्लैक-होल के पीछे! क्योंकि ये ही आने वाले समय में हमें ब्रह्मांड से जुड़ी कई रहस्यों के बारे में जानकारी देंगी।
आने वाले समय में हमारे पास और भी ज्यादा बेहतर डैटा होंगे, जिसकी मदद से हम और भी ज्यादा बेहतर ढंग से ब्लैक-होल्स के बारे में पता लगा पाएंगे।
Source :- www.livescience.com