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कैसा होगा आपका एक दिन जब आप बुध ग्रह ( Mercury ) पर कदम रखेंगे ?

सूर्य के सबसे करीब आपका जीवन कैसा होगा ?

Mercury यानी बुध ग्रह हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है | ये सूर्य से बेहद नजदीक है और इसका तापमान भी किसी आग के गोले जैसा ही है | सभी ग्रहों के मुकाबले हमनें इसे बेहद कम ही खोजा है  | पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर इस ग्रह पर आपका एक दिन कैसा बीतेगा ? क्या होगा जब आप बुध ग्रह पर अपना कदम रखेंगे ? ( What Would It Be Like To Land On Mercury ? )

क्यों मुश्किल है बुध ग्रह ( Mercury ) पर Land करना ?

Mercury की हमारे सूर्य से दूरी सिर्फ 5,80,00,000 kilometer की है , जो इसके orbit को हमारे sun के gravity well में काफी अन्दर तक रखता है | सूर्य से इसकी नजदीकी के चलते , लोगों को ये किसी तपते हुए लाल गोले जैसा जरूर लग सकता है , पर वास्तव में ये लाल रंग का नहीं है  |

Mercury जब पृथ्वी के सबसे करीब होता है , तो इसकी दूरी हमसे लगभग 7,73,00,000 kilometer के आसपास की  होती है | ये बाकी के outer planets के मुकाबले ज्यादा दूर नहीं है | पर अगर आपको इस planet पर land करना है , तो आपको launching के बाद , कम से कम 6 से 7 साल तक का इन्तजार करना पड़ सकता है |

Sun के gravity well में होने के कारण , mercury की तरफ जाने वाले spacecraft लगातार accelerate करते रहते हैं और इनकी velocity भी बढ़ने लगती है | पर atmosphere न होने की वजह से, Spacecraft को complex trajectory को follow करना पड़ता है , जिसमें काफी लम्बा समय लग सकता है | ये एक प्रमुख कारण है, कि इस planet पर land करना ,इतना आसान नहीं है जितना आपको बाकी  के planets पर लगे |

कैसा दिखेगा आपको बुध ग्रह ?

कुछ हजार किलोमीटर दूर से ही आपको mercury हमारे चंद्रमा जैसा नजर आएगा , जिसका रंग  काफी हद तक हल्का काला होगा  | दूर से ही आपको इसके surface पर कई craters यानी बड़े बड़े गोलाकार गड्डे भी देखने को मिलेंगे |

इनके आसपास की चमकीली लकीर को crater rays का नाम दिया गया है | ये asteroid और comets के टकराने की वजह से form होते हैं , जो टकराने पर इतनी energy release करते हैं , कि आपको ये गड्डे बेहद गहरे नजर आएंगे | हमारे चंद्रमा के मुकाबले आपको इसकी सतह अधिक परावर्त और चमकीली दिखाई पड़ेगी |

कैसा है इसका वायुमंडल ?

इसके और करीब जाने पर आपको कोई ख़ास atmosphere नहीं मिलेगा | mercury का वायुमंडल बेहद पतला और कमजोर है | इस दौरान आप खुदको इसके exosphere में मौजूद पाएंगे , जो वास्तव में इसके atmosphere की thin layer है | इधर आपको  hydrogen, helium, oxygen, sodium, calcium, potassium और  water vapors का एहसास हो सकता है |

आमतौर पर solar wind और planet के crust की वजह से इधर मौजूद रहते हैं | पर इन सभी का pressure बिल्कुल न के बराबर ही होगा और आपको किसी तरह का कोई दबाव महसूस नहीं होगा | यहाँ आप सांस बिल्कुल भी नहीं ले पाएंगे |

पृथ्वी के मुकाबले यहाँ आपको solar light का pressure ज्यादा महसूस होगा | इधर exosphere में temperature , 420 K से लेकर 3500 K तक पहुँच सकता है , जो हम इंसानों को पल में जला सकता है | जाहिर सी बात है, कि आप यहाँ किसी special designed suit के बगैर नहीं आना चाहेंगे !

बुध ग्रह ( Mercury ) पर उतरने के बाद क्या होगा ?

Mercury के surface पर land करने के बाद , सबसे पहले आप इसकी कम gravity का अनुभव करेंगे | पृथ्वी के मुकाबले इसकी gravity लगभग 38 % के करीब है | आप यहाँ हल्का तो महसूस करेंगे ही , साथ ही कम gravity की वजह से, आपकी हड्डियों और मासेशियों पर इसका बुरा असर भी पड़ेगा | आपको चलने में दिक्कत हो सकती है और समय के साथ साथ इसके गंभीर प्रभाव भी आपको देखने पड़ सकते हैं |

हमारी पृथ्वी के मुकाबले आपको यहाँ सूर्य , लगभग 3 गुना जयादा बड़ा दिखाई देगा , जिसकी चमक भी लगभग 7 गुना तक बढ़ चुकी होगी | ये नजारा आपको हैरान कर सकता है | Atmosphere न होने की वजह से यहाँ sunlight scatter नहीं कर पाएगी , जिसका मतलब ये है कि आपको यहाँ आसमान एकदम काला ही नजर आएगा और साथ ही उसमें दिखाई देने वाले तारों की चमक भी फीकी पड़ चुकी होगी |

कैसा होगा सूर्य का नजारा ?

सबसे विचित्र बात तो ये है, कि यहाँ sunrise और sunset यानी सूर्योदय और सूर्यास्त सबसे अलग दिखाई देगा | आपको sun, east यानी पूर्व दिशा से उगता हुआ तो दिखाई देगा , पर थोड़े समय के बाद ये आसमान में ही रुक जाएगा , ये वापिस जाते हुए आपको उलटी दिशा यानी कि पश्चिम से फिर उगता हुआ दिखाई देगा और फिर उसी दिशा में ये अस्त हो जाएगा |

आपको भले ही इस बात पर यकीन नहीं न हो , पर सच्चाई तो यही है | Sunlight को mercury तक पहुँचने में मात्र 3.2 minutes ही लगते हैं |

कैसा है यहाँ का तापमान ?

सूर्य से सबसे नजदीक होने की वजह से, आपको ये शायद सबसे गरम ग्रह लग सकता है , पर atmosphere की कमी के कारण ये heat retain नहीं कर पाता | Venus यानी शुक्र ग्रह अपने dense atmosphere की वजह से solar system का सबसे hottest planet है | Mercury पर atmosphere न होने के कारण , आपको यहाँ extreme temperature swing यानी तापमान में होने वाले असमान्य बदलावों से भी गुजरना पड़ेगा |

यहाँ दिन का तापमान 430 degree Celsius तक जाता है , जो हम सभी expect कर सकते हैं | पर यहाँ रात का तापमान , -180 degree Celsius तक गिर जाता है , जिसकी उम्मीद आपने बिल्कुल नहीं की होगी  | ऐसी temperature conditions में survive करना, लगभग असंभव ही है |

कैसा होने वाला है आपका एक दिन ?

यहाँ आपका एक साल , पृथ्वी ले लगभग 88 दिनों में ही ख़त्म हो जाएगा | पर हैरानी की बात ये है कि इस एक साल में आपके 2 दिन भी नहीं गुजरे होंगे | mercury का rotation period काफी slow है | one full day-night cycle, यानी एक दिन और एक रात का समय यहाँ , पृथ्वी के 176 दिनों के बराबर है , जो वाकई में बहुत ज्यादा है | यहाँ weather यानी मौसम का कोई नामोनिशान नहीं है |

इसका मतलब ये है कि आपको बेहद लम्बे समय तक इसकी लगातार गर्मी और लगातार सर्दी से झूझना पड़ सकता है | न यहाँ आपको कोई बारिश का नजारा मिलेगा और न ही कोई आंधी या तूफ़ान | यहाँ आपको भूकंप के झटके महसूस होने की संभावना बेहद ज्यादा है , जिनका आकार भी काफी बड़ा हो सकता है | इसकी वजह ये है कि ये planet 85 % , अपनी metallic core से भरा पड़ा है , जो molten state में पड़ी हुई है |

कुछ अद्भुत नजारे जो आपको हैरान कर देंगे 

इसके अलावा आपको इसकी सतह पर, कई बड़े बड़े उभरे हुए टीले और घाटियाँ यानी impact basins भी देखने को मिलेंगे | सबसे बड़े impact basin, caloris का आकार 1,550 kilometers तक लंबा है | ऐसे और कई बड़े और विशाल basins भी आपको देखने को मिलेंगे |

 

सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात तो ये है , कि आपको इस planet की कुछ जगहों पर ice यानी बर्फ भी मिल सकती है | ये बात शायद आपको हजम न हो , पर messenger mission ने वैज्ञानिकों को इस बात के कई ठोस सबूत दिए हैं | दरसल , अपने orbit and axial rotation के चलते , mercury के कुछ अन्दर के craters पर direct sunlight नहीं पड़ती , जो इन्हें लम्बे समय तक अँधेरे में रखे हुए है | ये आमतौर पर इसके poles पर ही मौजूद रहते हैं |

अगर आप mercury पर land करना चाहते हैं , तो ये आपके लिए सबसे सटीक जगह हो सकती है | पर इधर तापमान हमेशा negative में ही रहता है , जो आपको और चुनैतियाँ दे सकता है | survive करने के लिए आप किसी  आसपास के crater पर अपना base बना सकते हैं , और यहाँ मौजूद बर्फ का इस्तेमाल कर सकते हैं |

क्या इस ग्रह पर जीवन संभव है ?

Spacecraft के signals के मुताबिक़ , अगर आप mercury से पृथ्वी तक कोई message या signal भेजेंगे , तो इसे receive होने में कमसे कम 5 मिनट का समय लग सकता है | यहाँ , सबसे दुखद बात आपके लिए ये होगी कि आप पृथ्वी की तरह यहाँ चंद्रमा का नजारा नहीं ले पाएंगे | mercury कोई भी moon नहीं है |

Technically, mercury पर survive करना possible जरूर है , पर ये हमारे लिए समय और कई resources की दिक्कत पैदा कर सकता है | खैर , वैज्ञानिकों ने अभी भी इसके कुछ ही रहस्यों का पता लगाया है , और बाकी के रहस्यों को लेकर पिछले साल ही एक और mercury mission , BepiColombo को वैज्ञानिकों ने अंजाम दिया है , जो साल 2025 में mercury पर पहुँचते ही , हमें इसके और रहस्यों के बारे में बताएगा |

Shubham

शुभम विज्ञानम के लेखक हैं, जिन्हें विज्ञान, गैजेट्स, रहस्य और पौराणिक विषयों में रूचि है। इसके अलावा ये पढ़ाई करते हैं।

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