डर सभी को लगता है, डर एक स्भाविक क्रिया है जो हर किसी के मन में पनपती है और जब भी मन विचिलित होता है तो हमें इस डर लगने लगता है। कुछ लोगों को अंधेरे से डर लगता है तो कुछ लोगों को उँचाई से तो किसी को पानी से, इस तरह के डर को फोविया भी कहते हैं।
वैज्ञानिकों ने उन लोगों के डर के बारे में अभी हाल में ही पता लगाया है जो अजीब सी आकृति देखकर डर जाते हैं, खासकर तब जब वह एकदम गोल ना होकर उल्टी – सीधी हो जैसा कि आप इस तस्वीर में देख सकते हैं।
इस डर को विज्ञान की भाषा में ट्रायोफ़ोबिया ( Trypophobia ) कहते हैं, यह ऐसा डर है जो स्पंज, छत्ते, या कॉफी कप में बुलबुले मे के छेद देखकर लगता है, ऊपर दी गई तस्वीर को देखकर आप समझ सकते हैं।
यूके में केंट विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि उन्हें इस डर के लोगों में होने का एक ठोस कारण मिला है, उनके हिसाब से यह परजीवी और बीमारी को देखकर होने वाले डर की तरह है।
Cognition and Emotion नाम के एक जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में वैज्ञानिको न कहा है इस तरह का डर उन लोगों में बहुत ज्यादा होता है जो कीटाणुओं और परजीवियों से अपनी बहुत रक्षा करते हैं, क्योंकि यह लोग इन परजीवियों द्वारा होने वाली बीमारियों से बहुत डरते हैं, जो शरीर में उल्टे सीधे भयानक दाग बना देती है। चेचक, खसरा, रूबेला, टायफस, स्कार्लेट बुखार इन सभी बिमारियों में परजीवी त्वचा को विकृत कर देते हैं।
यह एक जाना माना फैक्ट है कि लोग स्वाभिक रुप से ही ऐसी चीजों से घृणा करते हैं, जैसे कई लोग किसी और के खून से घृणा करते हैं तो कुछ लोगों को बदुब से बहुत दिक्कत होती है। यह होना भी सही है इससे कई प्रकार की बीमारियों की से हम बच पाते हैं।
इस अध्धयन के लिए टीम ने 600 लोगों को शामिल किया, आधे लोगो में ट्रायोफ़ोबिया था तो आधे लोगों में नहीं था। टीम ने 16 तस्वीरे इन लोगों को दी जिसमें से 8 तस्वीरों में रोगों और बीमारी के कारण लोगों के शरीर पर उलटे-सीधे गोले बन गये थे और आठ तस्वीरें सामान्य इस तरह की विकृत आकृति की थी।
पहली आठ तस्वीरें ने सभी को विचलित किया पर आखिरी की आठ तस्वीरों ने सिर्फ उन लोगों को ही विचलित किया जो ट्रायोफ़ोबिया से ग्रस्त थे। ट्रायोफ़ोबिया से ग्रस्त लोगों को इन तस्वीरों ने ज्यादा डराया, इस तरह की तस्वीरें देखने के बाद यह लोग उल्टी और मतली की शिकायत भी कर रहे थे।