हम रामायण में पढ़ते हैं कि असत्य पर हमेशा सत्य की ही जीत होती है और असत्य कितना भी प्रभावशाली और बलवान हो पर सत्य के सामने उसे पराजित होना ही पढ़ता है।
श्री राम और रावण के बीच का युद्ध जिसमे श्री राम सत्य का प्रतीक और रावण असत्य का प्रतीक बताया गया है .हमें रावण को हमेशा एक शैतान के रूप में बतया गया है .लेकिन क्या आप जानते है की रावण एक ऐसा ज्ञानी व्यक्ति था जिसके सामने देवता भी नतमस्तक हो जाते थे .अपनी अधर्मी छवि के बावजूद ऐसे उदारण पेश किये जाते है .जिस से पता चलता है की वो एक बहुत बड़े ज्ञानी व्यक्ति थे।
रावण के बारे में रोचक जानकारी
रावण को आर्युवेद का बहुत ज्ञान था और उसने आर्युवेद के लिए बहुत योगदान दिया था .अर्द्ध प्रकाश नाम की एक किताब भी रावण ने लिखी थी .जिसमे आर्युवेद से जुडी हुई बहुत सारी जानकारी थी .रावण को ऐसे चावल भी बनाने आते थे जिसमे परचुर मात्रा में विटामिन होते थे और यही चावल हो सीता जी को दिया करता था ।
कविताये लिखने में भी रावण पारंगत था। रावण सिर्फ एक योद्धा नहीं था , उन्होंने बहुत सारी कविताये और श्लोक की रचनाये भी की थी .शिव तांडव भी इन्ही रचना में से एक है .रावण ने भगवान शिव जी को खुश करने के लिए एक कविता “मैं कब खुश होऊंगा ” लिखी थी .भगवान शिव इतने खुश हुए की उन्होंने रावण को वरदान दे दिया।
रावण को सगीत का भी बहुत ज्ञान और शोक था . रूद्र विणा बजने में रावण से कोई नहीं जित सकता था .रावण जब भी परेशान या चिंतित होता तो रूद्र विणा बजाने लगा था .रावण के एक “वोइलन ” भी बनया था जिसे रावण हथा कहते है .और आज भी राजस्थान में इसे बजाय जाता है।
रावण के बारे में और तथ्यों को जानने के लिए यह वीडियो जरूर देखें…….
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Suryaputra karn bhi ravan ka sanghar karne mein saksham tha…