मनुष्य को हमेशा से जानने की इच्छा रहती है, उसकी इसी इच्छा और जिज्ञासा की वजह से आज मनुष्य इतना आगे निकल चुका है कि वह अब इस विशाल ब्रह्मांण की गरहाई और अणु की सूक्ष्मता को माप सकता है।
विज्ञान हमेशा से वैसा नहीं रहा जैसा हम मानते हैं, हर समय विज्ञान में बदलने की गुंजाइश रहती है। नये सिद्धांतो की तौर पर हम बहुत कुछ समझ पाते हैं।
न्युटन के जमाने में हमारा विज्ञान कुछ और था और हम अलग तरह से सोचा करते थे। जब महान वैज्ञानिक आईंस्टीन ने अपना रिलेटिविटी का जब सिद्धांत दुनिया के सामने रखा तो हमारा विज्ञान ही बदल गया।
आज के विज्ञान में हम दो थ्योरी यानि सिद्धातों का उपयोग करते हैं, जब बात किसी बड़े ग्रह और ब्रह्मांण में मौजूद किसी पिंड की हो तो हम थ्योरी आॅफ रिलेटिविटी की बात करते हैं।
जब हमें अणु के विज्ञान को देखते हैं तो हम Quantum Field Theory का सहारा लेते हैं, Sub-atomic और इलेक्ट्रोन और प्रोटोन के व्यवहार को समझने के लिए हम इसका उपयोग करते हैं।
अब वैज्ञानिक इन दो थ्योरी को एक ही थ्योरी में पिरोने की बात करते हैं, ताकि वह हर तरह के विज्ञान के रहस्यों को जान सकें। वैज्ञानिकों की इसी जिज्ञासा ने स्ट्रिंग थ्योरी को जन्म दिया। आज के इस वीडियो में हम इसी के बारे में जानेंगे, वीडियो जरुर ध्यान से देखें –
Agar universe ko samjhana hai to universe ke ati sukshtam kad ko samjhana hoga
String Theory जिसे हम M Theory भी कहते हैं यह एक मात्र ऐसी Theory है जो की हमारे सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को समझने में मदद करती है. The String Theory जिसे string field theory, superstring theory जैसे नमो से भी जाना जाता है। यह theory हमें ब्रह्माण्ड के सभी forces को समझने में मदद करती है, string theory ग्रेविटी तथा quantum mechanics दोनों को समझने में मदद करती है. इस theory के मदद से हम सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को एक समीकरण के मदद से समझ सकतें हैं।