हमारे देश में शादी को लेकर कई प्रकार के रिवाज हैं और हर जाती और धर्म में उन रिवाजों का पालन भी होता है। भारत देश के एक राज्य हिमाचल प्रदेश में शादी का सबसे अलग ही रिवाज़ है. वैसे ही हिमाचल प्रदेश की हर प्रथा निराली है. हर गांव, शहर में एक नई प्रथा देखने को मिल ही जाती है।
अज्ञातवास में यहीं रहे थे पांडव
प्रदेश के 1 जिला किन्नौर में शादी को लेकर सबसे अलग ही रिवाज है. यहां सभी भाई एक साथ मिलकर एक लड़की से शादी करते हैं. ऐसा कहते है, कि महाभारत काल के दौरान किन्नौर जिले में पांडवों ने सर्दियों के दौरान एक गुफा में पत्नी द्रौपदी और माँ कुंती के साथ अज्ञातवास के कुछ समय बिताए थे. इसका संबंध आज भी यहां देखने को मिलता है. इस प्रथा को यहां की भाषा में घोटुल प्रथा कहते हैं.
सभी भाई एक युवती से करते हैं शादी
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में आज भी बहु पति विवाह किए जाते हैं. यहां रहने वाले परिवारों में महिलाओं के कई पति होते हैं. ऐसा नहीं है, कि यह पति अलग-अलग परिवारों के हो. महिला के पति एक ही परिवार के घर के होते हैं. घर की एक ही छत के नीचे रहने वाले परिवार के लिए सभी भाई एक युवती से परंपरा के अनुसार शादी करते हैं और विवाहित जीवन जीते हैं।
अगर किसी महिला के पति में से किसी एक पति की मृत्यु हो जाती है तो भी महिला को दुःख नहीं मानाने दिया जाता. शादी के बाद का विवाहित जीवन ‘एक टोपी’ पर निर्भर करता है।
सभी भाई करते हैं मर्यादा का पालन
मान लीजिये कि, जैसे किस परिवार में पांच भाई हैं और सभी का विवाह एक ही महिला से किया गया है. शादी के बाद अगर कोई भी भाई अपनी पत्नी के साथ कमरे में है तो वे कमरे के दरवाजे बंद कर अपनी टोपी बाहर रख देता है. भाइयों में मान मर्यादा कितनी रहती है की जब तक टोपी कमरे के दरवाजे पर रखी है. कोई भी दूसरा भाई अंदर नहीं घुसता है।
किन्नौर में विवाह की परंपरा भी अजीब ढंग से निभाई जाती है. जब किसी युवती की शादी होती है, लड़की के परिवार वाले लड़के के परिवार के बारे में पूरी जानकारी लेते हैं. विवाह में सभी भाई के दूल्हे के रुप में सम्मिलित होते हैं।
घर की मुखिया होती है – महिला
यहां की एक खास बात यह है कि यहां पुरुष नहीं बल्कि महिलाएं घर का मुखिया होती है. इनका काम होता है पति व् संतानों की सही ढंग से देखभाल करना. परिवार की सबसे बड़ी स्त्री को गोयने कहा जाता है. उसके सबसे बड़े पति को गोर्तेस कहते हैं. इसका मतलब है, घर का स्वामी।
यहां की एक और खास है, यहां खाने के साथ शराब अनिवार्य होती है. यदि पुरुषों का मन दुखी होता है, तो वह शराब और तम्बाकू का सेवन करते हैं. जबकि महिलाओं को किसी बात को लेकर दुख होता है तो वह गीत गाती है।
अब प्रश्न यह उठता है ऐसा यहां किया क्यों जाता है? माना जाता है की पांडव ही ऐसे भाई थे, जिन्होंने मिलकर एक महिला से शादी की थी. इसके बाद ऐसा कहीं और सुनने को नहीं मिला. लेकिन, किन्नौर जिला ऐसा है, जहां इस प्रथा को आज भी संभाल कर रखा हुआ है।