आयरलैंड के तारा हिल्स पर एक रहस्यमयी पत्थर है जिसे वहां के लोग Lia Fáil या भाग्य का पत्थर कहते हैं। फ्रांसिस के भिक्षुओं के इतिहास के अनुसार जो लेख उन्होंने 1632-1636 में लिखा है उनका कहना है कि यह पत्थर आयरलैंड में कुछ खास जादुई ताकत रखने वाले लोगों (Tuatha Dé Danann) ने स्थापित किया है।
Tuatha Dé Danann का मतलब होता है देवी दानू के बेटे, यहाँ पर माना जाता है कि देवी दानू ने आयरलैंड पर 1897 से 1700 B.C. तक राज किया था। ईसाई मत के मानने वाले इस पत्थर को उर्वरता का प्रतीक मूर्ति के रूप में पहचानते हैं। यह पत्थर इतना महत्वपुर्ण था 500 साल पहले तक आयरलैंड का हर राजा अपने राजतिलक पर इसे उपयोग में लाता था।
देवी दानू को युरोपियन कहानियों नें नदीयों की देवी कहा जाता है। हम उनके नाम से कई नदियों में खोज सकते हैं, जैसे कि दैनुव, डोन , देनिपर यह सभी युरोप कि नदियाँ हैं। कुछ आइरिश लेखो में उनके पिता को Dagda के नाम से जाना जाता है, जो आयरलैंड में पिता का प्रतीक माने जाते हैं, इन्हें वहां के लोग एक अच्छा देवता भी मानते हैं।
वेदिक आख्यानों को देखे तो हमें भी देवी दानू का जिक्र मिलता है। देवी दानू दक्ष की बेटी थीं, उनके पति का नाम कश्यप था जो कि प्रख्यात मुनि थे। वेदों में भी दी दानू को नदियों की देवी कहा जाता है। संस्कृत में दानू का मतलब होता है “निरंतर बहता पानी”।
देवी दानू दक्ष की पुत्री थी तो उनकी बहन सति थीं। जिनका विवाह भगवान शिव से हुआ था। वैदे पर रिसर्च करने वाले लोगों को आयरलैंड का वह पत्थर शिवलिंग की तरह प्रतीत होगा।
माना जाता है कि Tuatha Dé Danann जो लोग इस पत्थर को आइरलैंड में लेकर आये थे, वह एक जंग हार गये थे। जिस कारण इन्हें आइयरलैंड़ में ही रूकना पड़ा था।
पर दुखद स्थिति यह है कि हाल के ही कुछ वर्षों में इस पवित्र पत्थर को अपवित्रता के अधीन कर दिया गया है। यहां लोग काला जादू और तांत्रिक क्रियाएं करने आते रहते हैं आप वीडियो में देख सकते हैं।
बाद में 2014 में भी न तात्रिकों ने इस पवित्र पत्थर पर लाल और हरा पेंट चुपड़ दिया, यह बहुत अमानवीय कृत्य था। हैरानी में डालने वाला तथ्य तो यह है कि इस पवित्र पत्थर जो कि हजारों वर्ष पुराना है उसकी देखभाल वहां पर कोई नहीं करता है।