भारतीय वैज्ञानिकों ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित बोटैनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (बीएसआई)‘ में यूफोर्विएसी’ कुल के एक नए पौधे की खोज की है। उन्होंने देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर इस पौधे का नाम ‘ड्रायपिटिस कलामी’ रखा है।
यह पहली बार है जब किसी पौधे की नई प्रजाति का नामकरण कलाम के नाम से किया गया है। इस पौधे की खोज बीएसआई के वैज्ञानिक डॉ. गोपाल कृष्ण, के. कार्तिकेयन, विल्सन एरिसडेसॉन और तापस चक्रवर्ती की टीम ने की है.पौधे की इस प्रजाति को पश्चिम बंगाल के बक्सा राष्ट्रीय उद्यान एवं जालदापारा राष्ट्रीय उद्यान से खोजा गया है . इसका नमूना बीएसआई के तहत आने वाले सेंट्रल नेशनल हरबेरियम (सीएनएच) हावड़ा में सहेज कर रखा गया है।
इस अहम खोज में शामिल रहे वनस्पति वैज्ञानिक डॉ. गोपाल कृष्ण ने बताया कि इस पौधे के रासायनिक घटक एवं औषधीय जानकारी के लिए आगे भी शोध करने की जरूरत है। इस पौधे से जुड़ा शोधपरक लेख न्यूजीलैंड से प्रकाशित होने वाले ‘फाइटोटेक्सा’ जर्नल में 5 सितंबर 2017 को प्रकाशित हुआ था।
जर्नल में शोधकर्ताओं की टीम ने बताया है कि बक्सा राष्ट्रीय उद्यान और जालदापारा राष्ट्रीय उद्यान में वनस्पतियों की सूची बनाते वक्त उप-उष्णकटिबंधीय नम अर्ध-सदाबहार वनों की एक गीली जगह से ‘ड्रायपिटिस’ के कुछ नमूने मिले . नमूनों के आलोचनात्मक परीक्षण और उससे जुड़े दस्तावेजों के अध्ययन से पता चला कि इस प्रजाति की खोज अब तक नहीं हुई थी और कहीं इसका जिक्र भी नहीं मिलता है।
कृष्ण ने बताया कि इसी के बाद तय किया गया कि कलाम के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए पौधे की इस प्रजाति का नाम ‘ड्रायपिटिस कलामी’ रखा जाएगा . उन्होंने बताया कि इस पौधे के क्या फायदे हैं और औषधि के लिहाज से यह कितनी लाभदायक है, इस पर शोध चल रहा है।
गौरतलब है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ ने कुछ महीने पहले अपने वैज्ञानिकों की ओर से खोजे गए एक जीवाणु को अंतरिक्ष वैज्ञानिक रहे कलाम का नाम दिया था। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के फिल्टरों में खोजे गए इस जीवाणु को ‘नासा’ ने कलाम के सम्मान के तौर पर ‘सोलीबैकिलस कलामी’ नाम दिया था।