आपने कई बार देखा होगा कि जासूस लोगों को पहचानना बहुत मुश्किल होता है, जासूस अपने असली व्यक्तित्व को कभी बाहर नहीं आने देते हैं और कई बार तो आपके सामने भी हों तो आप उन्हें पहचान नहीं सकते हैं वे ऐसे भेष धारण करते हैं जिसकी हम क्लपना भी नहीं कर सकते हैं।
जासूसों की दुनिया बड़ी रहस्यमयी है! किसी भी जासूस की सफलता का मानक है कि वो बिना किसी के जानकारी के अपना काम करता रहे! इसके लिए जरुरी होता है अपने को एक दूसरे व्यक्तित्त्व के पीछे छुपाये रखना। यहाँ भेष बदलना बहुत काम आता है।
आपने फिल्मों में जासूसों को भेष बदलते देखा होगा! एक ऐसी ही फिल्म थी धर्मेन्द्र की आँखें! धर्मेंद्र एक होटल में घुस कर अपना कोट बदल लेते हैं एक मुंछ लगा कर एक टोपी पहन लेते है और उन्हें पीछा करने वाला दुश्मन पहचान नहीं पाता। ये देखने सुनने में जितना फ़िल्मी लगता है उतना ही सत्य है। ये मेरी पसंदीदा फ़िल्मो ने से एक है इसलिए इसका उदाहरण दिया।
हर ख़ुफ़िया संगठन में एक ऐसा विभाग होता है जो उनके एजेंट को भेष बदलने की कला सिखाते हैं। अमेरिकी ख़ुफ़िया संगठन सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (CIA) में भेष बदलने वाली विभाग की मुखिया रह चुकी Jonna Mendez बताती हैं।
भेष बदलना एक सुरक्षा तंत्र का हिस्सा होता है। ऑपेरशन की ज़रूरत के हिसाब से भेष बदलने की ट्रेनिंग दी जाती है।
लोगों की यादाश्त बड़ी कमज़ोर होती है। जासूस इसी बात का फायदा उठाते है। अपने देखा होगा पुलिस जब किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी इकट्ठा करना चाहते है या उसका स्कैच बनाना चाहते है तो वो कुछ जरूरी बातें पूछते है। जैसे…
बाल कैसे थे? जासूस अपने बालों पर ध्यान देते है। हेयर स्टाइल बदलने से चेहरे पर काफी प्रभाव पड़ता है। बाल थोड़े सफ़ेद हो तो हल्के काले कर के जवान बना देना।
लड़की को लड़का बनाना ज़्यादा आसान होता है। क्योंकि उसके पतले चेहरे पर काफ़ी नक़ली मैटेरियल चढ़ाया जा सकता है। पुरुष को स्त्री बनाने में दिक्कत होती है।
मुँह के अंदर वो कुछ माउथ पीस जैसा पहन कर चेहरे का आकार बदल सकते हैं। आपके दांतों का आकार भी पहचान में काफ़ी अंतर ला सकता है।
कुछ आदतें भी समूह के लोगों के लिए विशिष्ट होती है। Jonna बताती है कि उदाहरण के लिए अमेरिकी अपनी तर्जनी और मध्यमिका अंगुलियों के बीच रख कर सिगरेट पीते हैं पर यूरोपीयन खास कर के ब्रिटिश और जर्मन लोग अंगूठे और तर्जनी अंगुली के बीच सिगरेट पकड़ते है। ये सब सालों के गहन अध्ययन के बाद पता लगाया गया है।
अपनी किताब Spy Dust में में उन्होंने इसी तरह के कुछ और राज बताए हैं। एक और उदाहरण देखिये की लोग चलते कैसे हैं? सामान्यतः लोग चाल को भी जाने अनजाने में नोटिस करते है। Jonna बताती है कि चाल को बदलने के लिए भी उनके पास आसान तरीका होता है। वो अपने जूते में एक कंकड़ डाल देते है या घुटने पर कुछ बांध देते है जिससे वो चाह कर भी एक सामान्य चाल न चल पाये और एक जूठा सिग्नेचर चाल तैयार हो जाता है।
जासूसों को इस प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है की वो अपना उच्चारण बदल सकें। उन्हें एक Quick change ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें 37 सेकंड के अंदर हल्का सा भेष बदल कर भीड़ में खो जाना होता है।
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Source – Quora