अन्तरिक्ष हो या पृथ्वी हर एक जगह आप लोगों को कुछ न कुछ अजीबो-गरीब चीज़ें देखने को मिलेंगी! और हाल ही में कुछ ऐसा ही हुआ है। आप लोगों को शायद इससे पहले भी मैंने अंटार्टिका के बारे में बहुत कुछ बताया है। तो, अगर आपने उस लेख को अभी तक नहीं पढ़ा है, तब मैं आप लोगों से अनुरोध करना चाहूँगा की, कृपा कर के उसको एक बार जरूर पढ़ें। क्योंकि आज का हमारा ये लेख उसी अंटार्टिका (Hidden Penguin Colony Spotted) से जुड़ा हुआ है। और बताते चलूँ की, आज का विषय शायद आप लोगों को बेहद ही अजीब व रोचक लगने वाला है।
आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसे जीव की, जिसे की अभी तक वैज्ञानिक भी सही तरीके से समझ नहीं पाए है। सुदूर अंटार्टिका में बसने वाले पेंगुइन्स (Hidden Penguin Colony Spotted) हमेशा से ही लोगों के मन में एक उत्साह सा ले आते हैं। काफी ज्यादा आकर्षक और मन-मौजी लगने वाले ये जीव हमेशा से ही कई सारे रहस्यों से घिरे रहें हैं। ये जीव दूर से जीतने मासूम और उल्लास से भरे लगते हैं, असल में उतने हैं नहीं। क्योंकि कई वैज्ञानिकों ने इन जीवों के बारे में कई चौंका देने वाले बातों को बताया है।
इसलिए आज क्यों न उन चौंका देने वाले बातों में से कोई एक खास बात को पकड़ कर, हमारे आज के इस लेख को शुरू करें। वैसे आगे बढ्ने से पहले आप लोगों से आग्रह करना चाहूँगा कि, लेख को अंत तक पढ़िएगा।
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पेंगुइन्स कि मिली एक बेहद ही खुफ़िया कॉलोनी! – Hidden Penguin Colony Spotted! :-
आज के इस अत्याधुनिक युग में आप दुनिया के किसी भी जगह क्यों न हो, परंतु आप दुनिया के नजरों से बच नहीं सकते हैं! मित्रों, और कुछ ऐसा ही हुआ हैं इन “एम्परर कॉलोनी” में बसने वाले पेंगुइन्स (Hidden Penguin Colony Spotted) के साथ। दरअसल बात ये हैं कि, वैज्ञानिकों ने अन्तरिक्ष से ही पेंगुइन्स के एक बहुत ही बड़े कॉलोनी को ढूंढ कर निकाला हैं; जिसके बारे में न तो पहले किसी को पता था और न ही इसके बारे में कोई अंदाजा या संभावना कि पुष्टि कि गई थी। मित्रों और सबसे बड़ी बात ये हैं कि, ये हो रहा हैं अंटार्टिका के ऊपर।
जी हाँ! आप लोगों ने बिलकुल सही सुना, पश्चिमी अंटार्टिका के ऊपर ही पेंगुइन्स के इस झुंड को खोजा गया हैं। परंतु सबसे हैरान कर देने वाली बात ये हैं कि, अंटार्टिका के ऊपर ही कई सारे देशों कि खोजी दस्ता और प्रयोगशालाएं मौजूद हैं और ऐसे में उनके नजरों से पैंगविन के इस बड़े से झुंड का नजर न आना; काफी ज्यादा चौंकाने वाला है।
बर्फ हो चुकी है गंदी!
खैर आप लोगों को मैं और एक दिलचस्प बात बताना चाहता हूँ और वो ये हैं कि, पैंगविन के इस बड़े से झुंड को उनके द्वारा छोड़े गए “Guano/Potty/ Waste Material/ Droppings” से खोजा गया है।
सरल भाषा में कहूँ तो, “पेंगुइन के इस बड़े से झुंड ने अंटार्टिका के बर्फ के ऊपर कुछ इस कदर Potty किया कि, उस बर्फ का रंग ही पेंगुइन्स के Potty के जैसा ही हो गया”। बर्फ के इसी बदले हुए रंग के कारण ही वैज्ञानिकों को पेंगुइन्स के इतने बड़े झुंड के बारे में पता चला था। काफी अजीब हैं न! जब मुझे भी इसके बारे में पता चला; मेरे मन में भी इसको ले कर कई सारे सवाल उठे! जिसके बारे में हम आगे बातें करेंगे।
आखिर क्यों इतना खास है “एम्परर पेंगुइन्स” का ये झुंड! :-
अब लोगों के मन में ये सवाल जरूर उठ रहा होगा कि, आखिर क्या खास बात है इन पेंगुइन्स (Hidden Penguin Colony Spotted) के अंदर, जो दुनिया भर के शोधकर्ता इनके पीछे ही पड़ गए है। तो, मित्रों! मैं आप लोगों को बता दूँ कि, अब तक 66 एम्परर पेंगुइन्स के झुंड के होने कि बातें होती थी। परंतु जब इन्हें देखने कि बातें आरंभ होती थी, तब उस समय इसके बारे में किसी के पास कुछ बोलने को ही नहीं था। माने 66 पेंगुइन्स के झुंडों के अंदर भी हमें अभी तक एक झुंड कि एक छोटी सी झलक भी नहीं मिली थी। फिर आप ये कह सकते हैं कि, ये खोज होने से पहले वो 66 के 66 पेंगुइन्स के झुंड सिर्फ हमारे कल्पना मात्र ही थे।
खैर अभी के खोज के अनुसार अन्तरिक्ष से लिए गए इन तस्वीरों में हमें एम्परर पेंगुइन्स के एक साथ एक बड़े से झुंड में होने कि पुष्टि मिल गई हैं और ये झुंड उन 66 पेंगुइन्स के झुंडों में से ही एक हैं। तो, अब आप समझ रहें होंगे कि, आखिर क्यों ये खोज दुनिया भर के शोधकर्ताओं का ध्यान इस पेंगुइन्स के झुंड के ऊपर ला कर रख दिया है।
वैसे इस झुंड में लगभग 1,000 से ज्यादा वयस्क पेंगुइन्स होंगे और 500 के करीब बच्चे पेंगुइन। हालांकि! ये झुंड उतना भी बड़ा नहीं है, जितना कि होना चाहिए। परंतु वो ही बात है कि, कुछ नहीं होने से कुछ होना ही बेहतर है। वैसे ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने पेंगुइन्स के इस झुंड को दिसम्बर में ही ढूंढ लिया था, परंतु जनवरी 20 (पेंगुइन जागरूकता दिवस) को ही इस खोज के बारे में दुनिया को बताया गया।
खोज नहीं इत्तफाक से मिल गया तस्वीर! :-
किसी ने खूब कहा है कि, “हमेशा विज्ञान के बड़े-बड़े खोज सहमति से ही हुए है”। मित्रों! आप लोगों को पढ़ कर हैरानी होगी कि, एम्परर पेंगुइन्स के इस झुंड को वैज्ञानिकों ने इत्तफाक से ही ढूंढा है। दरअसल बात ये है कि, जिस दिन ये खोज हुआ, उस दिन वैज्ञानिक अंटार्टिका के पास के इलाकों में पिघल रहें बर्फ कि तीव्रता को देख रहें थे। तब किसी ने अन्तरिक्ष से बर्फ के रंग में होने वाले इस बदलाव को देख लिया और बस झुंड का खोज हो गया।
पेंगुइन्स की सभी प्रजातिओं के अंदर “एम्परर पेंगुइन्स” सबसे ऊंचे और भारी पेंगुइन्स होते है। ये लगभग 100 cm तक ऊंचे और 45 kg तक भारी हो सकते है। हालांकि! इनके उपर मौजूद खास सफ़ेद-काले-गोल्डन पैटर्न के कारण ही इनका नाम “एम्परर पेंगुइन” पड़ा है। ये पेंगुइन्स गर्मियों के दिन समुद्र के अंदर शिकार करते हुए बिताते हैं और जब ठंड का दिन आता है, तब प्रजनन करने के लिए अंटार्टिका के सुदूर इलाकों में चले जाते हैं। ऐसे में इनको खोज पाना काफी कठिन और चुनौतियों से भरा काम हो जाता है।
कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार एम्परर पेंगुइन्स अपने प्रजनन के लिए समुद्री तट से लगभग 50 किलोमीटर दूर तक काले-घने अंधेरे में चले जाते हैं और जहाँ तापमान लगभग -60 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। मित्रों! और एक खास बात ये भी है कि, ये जो पेंगुइन्स हैं न ये काफी अलग-थलग रहना पसंद करते हैं। तो, आप समझ सकते हैं कि इन्हें आसानी से ट्रैक नहीं किया जा सकता।
निष्कर्ष – Conclusion :-
वैज्ञानिकों का एक दल ये भी कहता है कि, अंटार्टिका में पेंगुइन्स (Hidden Penguin Colony Spotted) के पोट्टी को देखना एक बड़ी बात है। क्योंकि आमतौर पर ठंड के मारे पेंगुइन्स के पोट्टी फ्रीज़ हो जाती है और उससे कोई भी बदबू नहीं आता है। इसलिए शोधकर्ताओं के लिए उनके पास जाना बेहद ही आसान हो जाता हैं। वैसे अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, वैज्ञानिक इन्हीं पोट्टी के पैटर्न्स को विश्लेषण कर के इन के बारे में और भी जानकारी पता लगा रहें हैं।
मित्रों! माना जा रहा है कि, अंटार्टिका के ऊपर इस तरह के कई और एम्परर पेंगुइन्स के झुंड मौजूद होंगे। लगभग 20% से ज्यादा एम्परर पेंगुइन्स की आवादी अंटार्टिका में अभी खोजी जानी बाकी हैं। एम्परर पेंगुइन्स के बारे में एक और खास बात ये भी है कि, ये आमतौर पर ठोस सतह वाले बर्फ के ऊपर प्रजनन करना पसंद करते हैं, परंतु ग्लोबल वार्मिंग के चलते पिघल रहे बर्फ अब इन के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन चुके हैं।
Source – www.livescience.com