पृथ्वी पर इंसान लगभग 70 लाख सालों से रह रहा है। पृथ्वी की प्रकृति ने इंसानों को जीवन जीने के लिए एक साधन देने के साथ-साथ हमारी सभ्यता को विकसित होने के लिए हर एक मौका दिया है। बिना प्राकृतिक सम्पदा के पृथ्वी (earth will become a chaotic world) पर हमारा एक क्षण भी टिक पाना बेहद ही मुश्किल हो जाता और इंसान आज कभी इतने उन्नत भी नहीं होते। विज्ञान के चलते आज हम भले ही कई बड़े-बड़े काम करने में क्यों न सक्षम हो जाएँ, परंतु हमें हमेशा अपनी जड़ यानी प्रकृति के साथ अच्छे रिश्ते कायम कर के रखने चाहिए।
मित्रों! जिस हिसाब से पृथ्वी की प्राकृतिक सम्पदा (earth will become a chaotic world) को इंसान ने इस्तेमाल करना शुरू किया है, उसी हिसाब से हमारी प्रकृति भी हमारी परीक्षा ले रहीं है। बढ़ते प्राकृतिक आपदाओं के चलते हमारी पृथ्वी पर अब कई तरह के खतरों का साया मंडरा रहा है। ऐसे में दुनिया भर के कई बड़े-बड़े मंचों पर इसके ऊपर चर्चाएँ और बातों का सिल-सिला शुरू हो चुका है। लोग कई विषयों पर अपना चिंता जता रहें हैं और इसकी रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार हैं।
परंतु क्या हम पृथ्वी को इन प्रयासों के साथ बचा सकते हैं या हमारी सुंदर पृथ्वी नर्क जैसा रहने लायक खतरनाक बन जाएगा? इसी विषय पर ही आज का हमारा ये लेख आधारित है।
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क्या हमारी ये पृथ्वी नर्क जैसी बदतर बन जाएगी? – Earth Will Become A Chaotic World! :-
वैज्ञानिकों का मानना है कि, अगर हमारी पृथ्वी (earth will become a chaotic world) प्राकृतिक डिजास्टर की खतरनाक अवस्था में पहुँच जाती है, तब इसे बचा कर इसकी असल अवस्था में वापस ले आना बहुत ही ज्यादा कठिन हो जाएगा, और शायद हम इंसान इसे कर भी न पाएँ। क्योंकि हमारे विज्ञान कि भी एक सीमा है, उस सीमा के पार न तो हम कुछ कर पाएंगे और न ही हमारा विज्ञान। ऐसे में वैज्ञानिकों को ये बात सताए जा रही है कि, उस समय मानव जाती के साथ क्या होगा!
इंसान न बल्कि पृथ्वी को गरम करते जा रहें हैं, परंतु इसे एक ऐसे अवस्था कि और ले कर जा रहे हैं, जहां से पृथ्वी के ऊपर जीवन का विनाश होना सुनिश्चित है। कई सर्वे के नतीजों ने आने वाले समय में पृथ्वी की जिस तस्वीर को प्रदर्शित किया है, उसे देख कर किसी का भी दिल बैठ जाएगा। प्राकृतिक आपदाओं से घिरी हुई पृथ्वी का भविष्य हमारे आने वाले पीढ़िओं के लिए काफी ज्यादा भयानक है। भुखमरी, बाढ़ और हीट वेव से जुझता हुआ पृथ्वी का आने वाला कल हम आज देखने का प्रयास जरूर करेंगे।
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सर्वे किया था, जिससे हमारे लिए पृथ्वी के ऊपर पड़ रहें इंसानों के प्रभावों के बारे में अच्छे से जानकारी मिल सके। हालांकि! इस बात का ध्यान रखना होगा कि, सर्वे के नतीजे 100% सटीक नहीं हो सकते हैं। परंतु ये बात सच है कि, अनुमान किए गए नतीजों से कम या उससे भी ज्यादा खतरनाक मुसीबतों से हमें जूझना पड़ सकता है।
जलवायु (Climate) में बदलाव! :-
पृथ्वी (earth will become a chaotic world) के बारे में खास बात ये है कि, इसकी जलवायु हमेशा से ही बदलती आ रही है। एक ईक्विलिब्रीयम से दूसरी ईक्विलिब्रीयम तक, इसकी जलवायु कभी भी एक समान नहीं रहा हैं। वैसे बात दूँ कि, जलवायु में इस बदलाव को “Climate Shifts” कहते हैं। वैसे ये घटनाएँ कई सारे बाहरी कारणों के द्वारा ही संभव हो पाते हैं, जैसे कि पृथ्वी के ओर्बिटल डाइरैक्शन में बदलाव या बड़े-बड़े ज्वालामुखिओं में होने वाले विस्फोट। परंतु हम अब एक नए बाहरी कारण के चलते पृथ्वी में हो रहें हैं बदलाव को देख रहें हैं।
मित्रों! बता दूँ कि, ये नया बाहरी कारण कोई दूसरा नहीं परंतु हम यानी इंसान ही हैं। विकसित होने के दौड़ में हम आज काफी ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड को वायुमंडल में छोड़ रहें हैं और इससे एक नए “Anthropocene Era” कि शुरुआत हो रहीं है। ये नया युग दोनों ही इंसान और पृथ्वी के लिए बेहद ही नया होगा, जहां पर इंसानों का ही पृथ्वी के वायुमंडल पर काफी गहरा प्रभाव होगा। ये पृथ्वी के जलवायु के लिए एक फेज ट्रैनजिशन होगा, जहां बड़े-बड़े बदलावों को देखा जा सकता है। फेज ट्रैनजिशन के चलते हमें पृथ्वी पर नए सीज़न/ ऋतुओं को देखने को मिलेगीं।
जब भी पृथ्वी के ऊपर कोई फेज ट्रैनजिशन शुरू होने लगेगा, तब पृथ्वी के हर एक अवस्था में आपको काफी बड़े-बड़े व अचानक से बदलाव नजर आएंगे। इससे कई बार पृथ्वी के मौसम में भी बदलाव आते हैं। वैसे भी अगर फेज ट्रैनजिशन के चलते ऋतुओं में बदलाव आ रहें हैं तो, मौसम में भी बदलाव आना बेहद ही ज्यादा कॉमन बात है। खैर चलिए आगे इससे जुड़े और दिलचस्प बातों को जानते हैं।
लॉजिस्टिक्स में असुविधाएँ! :-
जब पृथ्वी (earth will become a chaotic world) के ऋतुओं में नए पैटर्न आने वाले हैं, तब इसका मतलब ये होता है कि, हम जान बूझकर प्रकृति से खिलवाड़ कर रहें हैं। हालांकि! अभी वैज्ञानिकों के लिए ये जानना बेहद ही जरूरी है कि, आने वाले समय में पृथ्वी के ऊपर जो नए-नए ऋतुओं का जमावड़ा लगने वाला है, आखिर वो कैसा हो सकता है! वैसे इसके बारे में पता लगाना उतना भी कठिन नहीं है। क्योंकि अगर हम इंसान अपनी आदतों को एक जैसा ही रखेंगे, तब आने वाले बदलावों के बारे में हम आसानी ने अंदाजा लगा सकते हैं।
आज की हमारी आदतें ही हमें भविष्य में कहा ले जाएंगीं, ये बात वैज्ञानिकों को पहले से ही पता है। अगर आने वाले समय में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को किसी हिसाब से कम कर दिया जाता है, तब इसके काफी अलग परिणाम हो सकते हैं, जिसके बारे में आप लोगों ने शायद ही कभी सोचा होगा। मित्रों! इसी संभावित अवस्थाओं को समझने के लिए, वैज्ञानिकों ने एक टूल को इनवेंट किया है, जिसका नाम “Logistic Map” दिया गया है। इन मेप्स के जरिए आने वाले समय में होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन की मात्रा को मैप के जरिए विश्लेषित किया जा सकता है।
इससे हमें भविष्य की कई संभावित परीस्थितिओं के बारे में पता चल जाता है। हालांकि! ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि, प्रकृति में किसी भी चीज़ की बढ़ोतरी एक सीमित मात्रा तक ही हो सकती है। उदाहरण के लिए वैज्ञानिक लोजीस्टिक मैप को जानवरों की बढ़ती आबादी को रेकॉर्ड करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि आबादी भी तब तक बढ़ सकती हैं, जब तक इसको सपोर्ट करने के लिए पर्याप्त नैचुरल रिसौर्सेस मौजूद हो।
निष्कर्ष – Conclusion :-
इंसान के कार्बन डाइऑक्साइड के इस्तेमाल की मात्रा को देख कर ये लगता है कि, पृथ्वी (earth will become a chaotic world) का औसतन तापमान अब काफी ज्यादा बढ़ने वाला है। परंतु कुछ वैज्ञानिकों का ये भी अंदाजा है कि, जल्द ही पृथ्वी कुछ इस तरह के कैओटिक (chaotic) परिस्थिति में फंसने वाला है कि, इससे उभर पाना हमारे व पृथ्वी के लिए लगभग नामुमकिन सा होने वाला है। खैर इस अवस्था में पृथ्वी पर एक ऐसी ऋतु कि आने कि संभावना है, जिससे धरती में हाहाकार ही मच जाए।
ऐसे में पृथ्वी पर कुछ समय के लिए इतने प्रतिकूल जलवायु हो जाएंगे कि, यहाँ पर जीवन के लिए जिंदा रहना खुद व खुद चुनौतियों से भरा हुआ काम हो जाएगा। वैसे कुछ समय ऐसा भी आएगा कि, जहां बिलकुल शांति बनी रहेगी और कुछ भी नहीं होगा। परंतु एक बात तो तय है कि, पृथ्वी का औसतन तापमान काफी कम समय में काफी ठंडा से काफी गरम होने लगेगा।
तो कुल मिला कर कहा जाए तो, हमारr पृथ्वी को बचाने के लिए पहल जल्द ही अच्छे तरीके करना होगा, नहीं तो यहाँ जिंदा रहना कठिन होने वाला है।
Source- www.livescience.com