फिल्में देखना किस को पसंद नहीं हैं! हर किसी को आज फिल्में बहुत पसंद आती हैं। परंतु विज्ञान से जुड़ी कोई भी काल्पनिक फिल्म की बात ही कुछ अलग हैं। दोस्तों! विज्ञान के ऊपर आधारित फिल्मों में प्रदर्शित कि जाने वाली हर एक दृश्य मुझे व्यक्तिगत रूप से काफी ज्यादा पसंद आती है। खैर अब विज्ञान से जुड़ी फिल्मों की बात आ ही गयी है तो हम लोग कैसे टर्मिनेटर फिल्म को नजर अंदाज कर सकते हैं। उस फिल्म में दिखाई गयी इंसान और रोबोट के बीच की लड़ाई वाकई में काफी अच्छी हैं। खैर रोबोट से याद आया आज हम लोग इस लेख में इंसानों को रोबोट में तबदील कर सकने वाली बाइयोनिक चिप (Bionic Chip in Hindi) के बारे में बात करेंगे।
सुनकर बहुत ही अजीब लगता हैं, परंतु बायोनिक चिप (bionic chip in hindi) विज्ञान का वह करिश्मा है जो की कुछ हद तक इंसानों को रोबोट में परिवर्तित कर सकता है। दोस्तों इस बायोनिक चिप (bionic chip in hindi) को वैज्ञानिकों ने एक खास मकसद के लिए बनाया हैं| तो, आखिर वह कौन सा खास मकसद जो की वैज्ञानिकों ने इस के द्वारा अंजाम देने वाले हैं।
तो, आपको मेँ बता दूँ की बायोनिक चिप से जुड़ी यह खास मकसद और बहुत ही अनोखे बातों के बारे में आप सभी लोगों को आगे इस लेख में पढ़ने को मिलेगा।
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बायोनिक चिप से जुड़ी कुछ मूलभूत बातें – Basic Information Related To Bionic Chip In Hindi :-
इंसानी दिमाग बहुत ही ज्यादा जटिल और इंसानी शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। हमारे दिमाग के अंदर कई अरबों न्यूरन कोशिकाएँ मौजूद हैं, जो की शरीर के अंदर होने वाली हर एक जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता हैं। परंतु विडंबना की बात यह है की कुछ क्षेत्रों में यह न्यूरन सही से काम करना बंद कर देता हैं। इसी कारण से लोगों को भूलने की बीमारी और अलजेमर (Alzheimer) रोग हो जाता है। अलजेमर एक बहुत ही खतरनाक मानसिक रोग है, जो की अगर किसी को हो जाता है तब उसका जीवन बहुत ही खराब हो जाता हैं।
अलजेमर और अन्य मानसिक रोगों से लढने के लिए इंग्लैंड के वैज्ञानिकों ने एक बहुत ही गज़ब की एक चिप खोज कर निकाला है। बायोनिक (bionic chip in hindi) चिप से परिचित यह एक सिलिकन से बनी हुई चिप है। इस चिप की यह खासियत है की यह इंसान के दिमाग के अंदर मौजूद एक न्यूरन कोशिका के ही तरह कार्य करने में सक्षम है। यह बड़ी ही आसानी से दिमाग से आने वाली संकेतों को उसके सही जगह तक पहुंचा सकता है।
अन्य किसी मस्तिष्क के कोशिका के ही तरह यह बायोनिक चिप (bionic chip in hindi) शरीर में उत्पन्न होने वाली हर एक स्नायविक संकेतों को सही से पहचान कर एक से दूसरे जगह तक बहुत ही सरलता के साथ परिवाहित करने में भी सक्षम है। मित्रों! इसके अलावा यह चिप बहुत ही किफ़ायती है और चलने के लिए बहुत ही कम विद्युत की मांग करता हैं। वाकई में इस चिप की कार्य प्रणाली को देखने के बाद कोई भी हैरान हो जाएगा! क्योंकि बिजली से चलने वाली यह चीज़ सीधे तौर पर इंसान को भी एक रोबोट के भांति नियंत्रित कर रहा है। आपको इसके बारे में क्या लगता हैं?
बायोनिक चिप के कुछ खास बातें :-
इस चिप में आपको अन्य किसी बिजली की सर्किट के भांति बाइनरी सिस्टम को देखने को मिलेगा, जहां पर यह न्यूरन आने वाली किसी भी संकेत को हाँ या ना के हिसाब से शरीर के अन्य अंगों को भेजेगा। आपको यहाँ पर सिर्फ एक छोटा सा काम करना पड़ेगा, चिप के अंदर आपको कुछ मूलभूत जानकारी पहले से लोड करनी पड़ेगी जिस के आधार पर खुद चिप सही निर्णय ले सकेगा।
मित्रों! प्राचीन काल से ले कर अब तक मनुष्य के लिए इंसानी दिमाग का न्यूरन किसी जादुई खजाने से कम न था! इसके बारे में वैज्ञानिक और अधिक जानने को लिए कई प्रयास और शोध कर रहे थे। परंतु बायोनिक चिप (bionic chip in hindi) की खोज इंसानी दिमाग से जुड़ी हर एक पहलू को हमारे लिए और भी ज्यादा साफ कर दिया हैं| आज वैज्ञानिक इंसानी दिमाग के न्यूरन को और भी ज्यादा अच्छे से जान पाएँ हैं।
इसके अलावा बायोनिक चिप से जुड़ी एक बहुत ही रोचक बात सामने आया हैं। आपको यह बात सुनकर यकीन नहीं आएगा, परंतु यह बात पूर्ण रूप से सत्य हैं। एक इंसानी शरीर को चलने के लिए 140 नैनो वॉल्ट बिजली की जरूरत होती है, परंतु अब तक के बनाई गयी दुनिया की सबसे छोटी नैनो चिप के बिजली की मांग से भी न्यूरन को चलने वाली बिजली की मांग 1 खरब गुना से भी बहुत ज्यादा कम हैं| तो, यहाँ वैज्ञानिकों के सामने यह चुनौती आती है की आखिर कैसे इतने कम बिजली से चलने वाली चिप को बनाया जाए।
क्या बायोनिक चिप बन सकता हैं! :-
बायोनिक चिप (bionic chip in hindi) को बनाने में और एक मुश्किल वैज्ञानिकों का रास्ता रोके हुए हैं| दरअसल इंसानी शरीर के स्नायविक संकेत गैर-रेखिय (Non-Linear) हैं| इसका मतलब यह है की दिमाग से आने वाला हर एक संकेत समय के साथ ही साथ आवृत्ति में भी परिवर्तित हो जाता हैं| इसके कारण ही यह संकेत अंगों तक पहुँचते-पहुँचते काफी ज्यादा शक्तिशाली हो जाता हैं| यह बात सुनने में बहुत ही सरल और साधारण प्रतीत होता हैं, परंतु न्यूरन कोशिकायों का यह खास गुण वैज्ञानिकोकों बायोनिक चिप बनाने से रोक रहा हैं।
हालांकि खुशी की बात यह है की काफी सारे मुसीबतों को लांघ कर कुशल वैज्ञानिकों से बनी यह वैज्ञानिकों का दल न्यूरन के भांति ही एक क्षुद्र चिप बनाने में सफल हुई हैं| अब तक के समय के हिसाब से यह बहुत ही क्षुद्र चिप 94%-97% तक एक इंसानी न्यूरन के भांति ही काम करता हैं| वाकई में यह सफलता हमें भविष्य में काफी ज्यादा मदद करने वाली हैं| खास तौर पर लोगों के अंदर होने वाली कई मानसिक रोगों का यह एक बहुत ही सटीक उपचार होगा| कई सारे लोग इस खोज से लाभान्वित हो पाएंगे| कई सारे रोगी फिर से स्वस्थ जिंदगी जी पाएंगे| परंतु एक चिंता यह भी है की, इन चिपों को इंसानों के अंदर लगाने के बाद कहीं ऐसा न हो की इंसानों को आने वाले समय में यह चिप ही नियंत्रित करे।
निष्कर्ष – Conclusion :-
एक शोध से यह पता चला है की अन्य किसी अंग रोपण के ही तरह बायोनिक चिप (bionic chip in hindi) भी एक तरह का रोपण ही होगा| परंतु इस से क्या कभी इंसानी सभ्यता को किसी प्रकार से भविष्य में खतरा होगा? क्या कभी यह चिप इंसानों को रोबोट में तबदील कर देगा।
मेरे हिसाब से इंसानों का रोबोट में तबदील होना या न होना यह तो बाद की बात है, परंतु हमें इस बात पर गौर करना चाहिए की क्या यह बायोनिक चिप (bionic chip in hindi) हम इंसानों के जिंदगी में वाकई खुशियाँ ले कर आएगा! अगर इसका जवाब हाँ होता है, तब इस चिप को ले कर जो कोई भी संभावनाएँ बने हमें इसे इस्तेमाल करना चाहिए परंतु एक नियंत्रित और सही ढंग से| क्योंकि मेरा ऐसा मानना है की पृथ्वी पर मौजूद हर एक वस्तु के अंदर कुछ न कुछ खामी जरूर ही हैं। कोई भी वस्तु या व्यक्ति 100% रूप से पर्फेक्ट नहीं हैं।
इसलिए हमें हर एक चीज़ का इस्तेमाल करना चाहिए जो की हमारे जिंदगी को खुशियों से भर दें, परंतु हाँ! यहाँ पर यह भी ध्यान रखना है की इससे दूसरों को किसी भी प्रकार से नुकसान न पहुंचे| किसी भी चीज़ को सही तरीके से एक नियंत्रित ढंग से उपयोग करने से उससे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता हैं| आपका इसके बारे में क्या कहना हैं? क्या बायोनिक चिप कभी हमें रोबोट में बदल देगा।
Source:- www.iflscience.com.