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जीवन में ये मनोवैज्ञानिक चाले (Tricks) अपना लो, कभी फेल नहीं होगे

Life Saving Tricks In Hindi

Life Saving Tricks In Hindi  – जीवन में हम कई बार ऐसे मोड़ पर होते हैं कि हमें पता ही नहीं चलता है कि सामने वाला हमसे क्या कहना चाहता है, या हम उसे क्या बताने  जा रहे हैं। दैनिक जीवन मे मनोविज्ञान इतना घुलमिल गया है कि कई बार हम बिना जाने कई मनोवैज्ञानिक ट्रिक्स का इस्तेमाल करते हैं। पर कौन सी ट्रिक्स कारगर हो सकती हैं चलिये देखते हैं –

*अगर आपको ये पता करना हो कि कोई आपसे झूठ बोल रहा है या सच तो आप उसकी आँखों में आँखें डालकर बात कीजिये, झूठ बोलने वाला अपनी पलकें झुका लेगा।

*अगर आपको भीड़ से बाहर निकलना है तो आप अपना मोबाइल जेब में /पर्स में रखें, अपनी ऊर्जा एकत्र करके तैयार हो जाएं, अपना चश्मा उतारें और तेजी से दौड़ें, यकीन मानिए, हर कोई आपको रास्ता देगा।

*अगर आपको कोई अनजान घूर रहा है तो डरकर नज़रें चुराने के बजाए उसे पलट कर जम्हाई लेते हुए घूरें और अगर वह भी ऐसा ही करे तो उसकी तरफ घूरते हुए बढ़ें पर सावधान! आपके पास अपनी सुरक्षा का प्रबंध जैसे फिजिकल फिटनेस या चिली पाउडर हो तभी आगे बढ़ें, अगला आपका इरादा जानकर वहां से हट जाएगा।

*अगर आप अकेले सफर कर रहे हों तो असुरक्षा का अंदेशा होते ही झूठमूठ में किसी पुलिस, वकील या ऐसे ही किसी शक्तिशाली व्यक्ति से इस तरह बात करें कि सामने वाले को आपके पद प्रतिष्ठा और पहुंच का आभास हो और वह आपको परेशान न करे।

Life Saving Tricks In Hindi –  मनोवैज्ञानिक चाले (Tricks)

*आपस में जब कई लोग बातचीत कर रहे हों और किसी बात से अगर माहौल थोड़ा संजीदा जो जाए या फिर बहस वाली स्थिति निर्मित हो जाये तो कुछ न कुछ खाने के लिए आफर करें या खुद खाने बैठ जाएं इससे माहौल बेहतर हो जाएगा।

*जब कोई व्यक्ति बार बार शर्त लगाता हो, या किसी को बच्चों वाली आदत भी होती है stone paper scissor खेलने की तो आप जीतने के लिए ये ध्यान रखें कि आधिकतर लोग scissor ही चुनते हैं।

*जब लोग किसी मुलाकात या किसी पल को यादगार बनाना चाहते हैं तो उसके लिए उस special moment की या तो शुरुआत special होनी चाहिए या फिर उसका end, ऐसी मुलाकात सामने वाले को हमेशा याद रहेगी।

*कई बार हमें अपनी लाइफ में अनेक लोगों को सम्बोधित करने का मौका मिलता है, यह औपचारिक या अनौपचारिक दोनों हो सकता है। ऐसे में अपने stage fear को भगाने के लिए ऑडियंस में किसी के चेहरे पर फोकस न करें बल्कि इस तरह अपना ध्यान अपनी बात पर रखते हुए पूरे ऑडियंस की ओर लगाएं की किसी के चेहरे के भाव आपकी बात में बाधा न बनें न ही आपका फ्लो टूटे।

*थोड़ा फनी लगेगा पर अगर आप किसी को कोई सलाह दे रहे हैं तो यह जरूर कहें कि यह सलाह आपके पिता ने आपको दी थी। इसका अलग ही असर होगा।

*बातचीत के दौरान eye contact के साथ साथ ज़रूरी है eye colour को भी नोटिस करना तब कही गयी बात ज़्यादा असरदार तरीके से ग्रहण की जाएगी।

साभार – क्योरा.

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Pallavi Sharma

पल्लवी शर्मा एक छोटी लेखक हैं जो अंतरिक्ष विज्ञान, सनातन संस्कृति, धर्म, भारत और भी हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतीं हैं। इन्हें अंतरिक्ष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।

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