हमने ठीक इसके पहले के लेख में डायनासोर के बारे में कई सारे बातों को जाना। जैसे की वो क्या हैं? कहाँ से उत्पत्ति हुई थी उनकी? उनके क्या-क्या प्रकार थे और आखिर में वो सब कैसे इस पृथ्वी से लुप्त हो गए? मित्रों! मैं आप लोगों से अनुरोध करना चाहूँगा की, अगर आप लोगों ने अभी तक उस लेख को नहीं पढ़ा हैं तो कृपा कर के इस लेख से पहले उस लेख को पढ़ लीजिएगा, ताकि ये लेख भी आप लोगों को अच्छे से समझ में आ जाए। खैर आज के इस लेख में हम बातें करेंगे डायनासोर (amazing dinosaurs facts in hindi) से जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प तथ्यों की।
जी हाँ! आप लोगों ने बिलकुल सही पढ़ा, इस लेख में मेँ आप लोगों को डायनासोर (amazing dinosaurs facts in hindi) से जुड़ी कुछ ऐसे जानकारियों को बताऊंगा, जिसको पढ़ कर शायद आप भी चौंक जाए। मित्रों! मैंने देखा है की, ज़्यादातर लोगों को डायनोसर के बारे में बस दो ही चीज़ें पता होती हैं। पहला है “T-Rex” और दूसरा है डायनासोर आखिर कितने खतरनाक हो सकते हैं। ऐसे में डायनासोर के बारे में बाकी सब महत्वपूर्ण जानकारियां हम से छूट जाती हैं। यही वजह हे कि, मैंने आप लोगों के लिए ये लेख एक स्वतंत्र ढंग से लिखा हुआ है।
तो, मुझे आशा है की आप इस लेख को आरंभ से लेकर अंत तक अवश्य ही पढ़ेंगे।
विषय - सूची
डायनासोर से जुड़ी कुछ बहुत ही रोमांचक बातें! – Amazing Dinosaurs Facts In Hindi! :-
मैंने आप लोगों को यहाँ पर डायनासोर (amazing dinosaurs facts in hindi) से जुड़ी रोचक तथ्यों को एक-एक कर के बताया हैं, तो लेख के इस भाग को थोड़ा गौर से पढ़िएगा।
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पृथ्वी के पहले सरीसृप “डायनासोर” नहीं थे! :-
हमने कई जगह पढ़ा है की, पृथ्वी के पहले सरीसृप “डायनासोर” (amazing dinosaurs facts in hindi) ही हैं। इसलिए ज़्यादातर लोगों के मन में ये बैठ गया हैं की, डायनासोर ही पृथ्वी के पहले सरीसृप हैं। परंतु दोस्तों मेँ बता दूँ की, आपका ऐसा सोचना गलत हैं। पृथ्वी के पहले सरीसृप डायनासोर नहीं हैं। “Archosaurs” नाम के जीव ही पृथ्वी के पहले सरीसृप माने जाते हैं। डायनासोर के पृथ्वी पर आने के 23 करोड़ साल पहले ही ये सरीसृप पूरे धरती पर विचरण करते थे।
“Archosaurs” को कई बार वैज्ञानिक “Ruling Lizards” के हिसाब से भी देखते हैं। वैसे इस सरीसृप के अलावा उस समय पृथ्वी पर “Therapsids” और “Pelycosaurs” के नाम के सरीसृप भी मौजूद थे। अधिक जानकारी के लिए आप लोगों को बता दूँ की, स्तनधारियों में आते थे तथा “Pelycosaurs” “Dimetredon” के प्रजाति में आने वाले प्राणी थे।
तो, शायद अब आप लोगों पता चल ही चुका होगा की; धरती पर पहला सरीसृप कौन था!
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पृथ्वी के सबसे सफल जीवों में हैं “डायनासोर”! :-
कहा जाता हैं की, जो जीव पृथ्वी के ऊपर जितने लंबे समय तक जिंदा रह पाता हैं; उसी हिसाब से वो जानवर उतना सफल हो पाता हैं। कहने के मतलब ये हैं की, प्रकृति के कसौटी पर खरे उतर कर लंबे समय तक जीना ही जानवर को सफल बनाता हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार डायनासोर पृथ्वी पर लगभग 16.5 करोड़ सालों तक जिंदा रहें।
इसी बीच डायासोर के कई सारे पीढ़ियाँ आई और चली गई। खैर अगर हम इस समय सीमा को इंसानों के साथ तुलना करें, तो हमें इस पृथ्वी पर आए ज्यादा समय नहीं हुआ हैं और अभी से ही प्राकृतिक आपदाओं से हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका हैं। लगभग 10,000 साल पहले ही आधुनिक मानव सभ्यता बना हैं और आज हम इस धरती पर डायनासोर के तुलना में काफी ज्यादा नए हैं।
तो, आप सोचिए की करोड़ों सालों तक इस पृथ्वी पर अपने अस्तित्व को बनाए रखना, आखिर कितना कठिन हैं। वाकई में पूरे पृथ्वी की इतिहास में डायनासोर ही ऐसे जीव होंगे जो की इतने सफल हो पाये थे।
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आज के जमाने के डायनासोर हैं “पक्षियाँ”! :-
किसने कहा की, डायनासोर (amazing dinosaurs facts in hindi) पृथ्वी से पूरे तरीके से लुप्त हो चुके हैं। आज भी हमारे बीच चारों तरफ डायनासोर जिंदा हैं। मित्रों! पक्षियाँ ही तो आज के जमाने के डायनासोर हैं और ये बात कोई मनगढ़ंत बातें नहीं हैं। इस बात की पुष्टि खुद विज्ञान करता हैं। वैज्ञानिकों को यकीन हैं की, डायनासोर से विकसित हो कर ही आज के जमाने की पक्षियाँ बनी हुई हैं।
जुरासिक या क्रिटासियस पीरियड के आखिरी अवस्था में, “Theropod Dinosaurs” मिलना एक आम सी बात थी। ये डायनासोर काफी छोटे पक्षियों के जैसे ही थे। इनके पंख और शरीर पर से ढका हुआ था। हालांकि! इस बात पर फिर भी कुछ शोधकर्ताओं को यकीन नहीं आता हैं, परंतु ज़्यादातर विशेषज्ञ इससे सहमत हैं की डायनासोर से ही आज के पक्षी विकसित हो कर आए हैं।
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ज़्यादातर डायनासोर शाकाहारी थे! :-
पढ़ने के बाद आपको शीर्षक जितना अजीब लग रहा हैं, बता दूँ की ये बात उतनी ही सत्य हैं। जब भी हम डायनासोर का नाम सुनते हैं, तो मन में बस मांसाहारी दैत्याकार जानवरों की तस्वीरें ही आती हैं। खून से सने दाँत और मुंह, यहीं तो हम सोचते हैं डायनासोर के बारे में। परंतु, फिर से बता दूँ की; आप लोगों का ऐसा सोचना बिलकुल भी सहीं हैं।
माना की, हम सब के मध्य में जीतने भी लोकप्रिय डायनासोर की प्रजातियाँ हैं ; उनमें से ज़्यादातर मांसाहारी ही हैं, परंतु अगर हम कुल डायनासोर सभ्यता की बात करें तो ज़्यादातर डायनासोर शाकाहारी ही थे। मित्रों! उस समय ये शाकाहारी डायनासोर आकार में काफी ज्यादा बड़े हुआ करते थे और ऊँचे-ऊँचे पेड़ों के पत्तों को खाया करते थे।
आप लोगों को बता दूँ की, किसी भी इकोसिस्टम में हमेशा शाकाहारी जीवों की मात्रा ज्यादा होती हैं; जिसके ऊपर मांसाहारी जीव आश्रित रहते हैं। काफी बड़े आकार के होने के कारण “Hadrosaurs”, “Ornithopods” जैसे डायनासोर ग्रुप हो कर अपने खुराक के लिए कई महा द्वीपों में घूमते थे।
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काफी बुद्धिमान थे डायनासोर! :-
अगर आप लोगों को लगता हैं की, डायनासोर (amazing facts dinosaurs in hindi) के अंदर दिमाग नहीं हुआ करता था या ये सब काफी मंद बुद्धि के थे। तो, आप लोगों को बता दूँ की; ज़्यादातर मांसाहारी डायनासोर काफी ज्यादा बुद्धिमान थे। इनके शरीर के आकार के हिसाब से इनमें काफी मात्रा में ग्रै-मैटर पाया जाता था।
इसी कारण से ये डायनासोर काफी तेजी से चल फिर पाते थे। इसके अलावा इनके पास गज़ब की सूंघने और देखने की क्षमता भी थी, जिससे ये अपने शिकार को आसानी से मार पाते थे। हालांकि! शाकाहारी डायनासोर के अंदर उनके आकार के हिसाब ज्यादा ग्रै-मैटर न होने के कारण ये उतने बुद्धिमान नहीं थे।
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डायनासोर्स की आयु होती थी मात्र इतनी, जान कर हो जाएंगे हैरान! :-
आकार में मनुष्य से कई गुना बड़े होने के बाद भी डायनोसर (amazing facts dinosaurs in hindi) की आयु काफी कम हुआ करती थी। मित्रों! ज़्यादातर लोगों को लगता हैं की, आकार में काफी बड़े होने से डायनासोर काफी लंबे समय तक जी पाते होंगे। परंतु, ये बात सच नहीं हैं। औसतन एक डायनासोर की आयु 70 से 80 वर्षों तक ही सीमित थी।
इसलिए आप एक हिसाब से कह सकते हैं की, इंसानों के तुलना में भी डायनासोर काफी कम जीते थे। मित्रों! डायनासोर की आयु कम होने के पीछे कई सारे वजह हो सकती हैं। परंतु, उस समय कैसी प्रतिकूल परिस्थितियाँ रहीं होंगी और डायनासोर की प्रजातियाँ उससे बचने के लिए अपने अंदर किस प्रकार के विकास कर रहीं थीं; इस पर डायनासोर की आयु काफी ज्यादा निर्भर करता था।
वैसे व्यक्तिगत तौर से मुझे ऐसा लगता हैं की, डायनासोर के आकार और उनके खान पान को देखते हुए इतनी आयु उनके लिए काफी ज्यादा सहीं थी। क्योंकि अगर इन दैत्याकार जानवरों की संख्या पृथ्वी पर अधिक हो जाती तो, डायनसोर का अस्तित्व 16 करोड़ सालों तक बच नहीं पाता। सब प्रकृति का ही अनुपम खेल है।
Source :- www.thoughtco.com