दोस्तों ! हम इंसानों को बदबू या दुर्गन्ध बिलकुल भी अच्छी नहीं लगती और अपने शरीर की बदबू की बात करें तो हमें वो तो ज़रा सा भी पसंद नहीं आती | बात करें हमारे पसीने की , तो हम सभी इसकी बदबू को लेकर काफी चिंतित रहते हैं और इसके लिए कई तरीके के परफ्यूम और इत्र वगेरा लगाते हैं ताकि पसीने से निकलने वाली बदबू किसीको भी न लगे और हम भी ताजा महसूस करते रहें !
बहराल , पसीना हमारे लिए कोई हानिकारक चीज नहीं है क्योंकि हम इंसानों के लिए ये प्राकृतिक ही है | पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि क्या होगा अगर हमारे शरीर से पसीना निकलना ही बंद हो जाए ? दोस्तों ! पसीने की बात की जाए , तो आमतौर पर आपने ये तो जरूर notice किया होगा कि ज्यादातर ये पसीना , हमारे armpits यानी बगलों से काफी जल्दी और काफी मात्रा में निकलता है | हमारे armpits में लगभग 30 लाख तक sweat glands यानी पसीने की ग्रंथियां होती हैं जो औसतन एक दिन में लगभग 14 लीटर तक liquid निकालती हैं !
अगर दोस्तों आपको ऐसा लगता है कि ये पसीना हमारे लिए एक मुसीबत है तो आप बिलकुल गलत हो क्योंकि सच्चाई तो ये है कि ये पसीना हमारी जिन्दगी और हमारे शरीर के लिए बहुत बड़ी जरूरत है जिसके बिना शायद हमें कई मुसीबतों का सामना भी करना पड़ सकता है |
हमारा sweat यानी पसीना , हमारे body temperature को regulate करने में , cooling process में , शरीर से कुछ unwanted materials को बाहर निकालने में अहम् भूमिका निभाता है और जब कभी भी हमारी body का temperature बढ़ने लगता है , तो ये पसीना हमारे skin pores यानी त्वचा के छोटे छोटे छिद्रों से निकलकर और evaporate होकर cooling के दौरान हमारे body temperature को normal करता है |
अगर आपके शरीर से पसीना आना बंद हो जाए या आपको कभी भी पसीना नहीं आए तो समझ लीजिए की आपका body temperature गड़बड़ा जाएगा और जब भी आपकी body heat up यानी गरम होने लगेगी तो आपको अन्य माध्यमों जैसे ice bath वगेरा से ही अपने body temperature को नार्मल करना पड़ेगा | दोस्तों जब भी हमारे शरीर का temperature बढ़ने लगता है तो , हमारे brain में मौजूद hypothalamus area के receptors हमारी sweat glands को signals भेजते हैं जिसके response में ये sweat glands cooling process शुरू कर देती हैं |
पर दोस्तों , कुछ लोगों में ये पसीना या तो बिलकुल भी नहीं निकलता या फिर उनके cooling process में गड़बड़ी हो जाती है जिसकी वजह से ये पसीना उनके body temperature को regulate नहीं कर पाता |इस condition को आमतौर पर anhidrosis या hypohidrosis कहते हैं जहां शरीर में मौजूद sweat glands सही ढंग से काम नहीं कर पाते |
इस anhidrosis disorder से ग्रस्त लोगों के लिए normal temperature भी खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इस दौरान overheating और heat strokes की वजह से जान जाने का भी खतरा रहता है |ऐसे लोगों को आम जिन्दगी में कई conditions में काफी सावधान और सतर्क रहना पड़ता है जिससे उनकी body overheat न हो पाए ! इसके अलावा बुखार के समय ऐसे लोगों को अपने शरीर को अलग तरीके से normal करना पड़ता है क्योंकि बिना पसीने के इनका बॉडी temperature normal नहीं हो पाता |
आमतौर पर ये anhidrosis condition , skin disorders like radiation & infection , nerve damage , drugs & medications like anticholinergics और कुछ diseases like fabry’s disease की वजह से होती है, जिसके दुष्प्रभावों की वजह से हमारे sweat glands damage होने लगते हैं | बात करें इसके complications यानी समस्याओं की तो ये anhidrosis कंडीशन , heat cramps , heat exhaustion और heat strokes जैसी घातक समस्याएँ दे सकती है जिसकी वजह से मासपेशियों में अकडन , nausea और जान जाने तक की संभावना रहती है |
well दोस्तों ! अब अगर आप ये सोच रहे हो कि ये पसीना काफी बदबूदार और दुर्गन्ध वाला होता है तो आप बिलकुल गलत हो क्योंकि असलियत में तो हमारे पसीने में न तो कोई जीवाणु होता है और न ही इसमें कोई गंध होती है | हमारा पसीना, water, sodium , urea , ammonia और कुछ अन्य चीजो से मिलकर बना होता है | हमारे शरीर में 2 प्रकार की sweat glands होती हैं , apocrine और eccrine जहां apocrine glands से निकलने वाला पसीना जब हमारे armpits में मौजूद bacteria से मिलता है तो smell यानी दुर्गन्ध आना शुरू हो जाता है और वहीँ eccrine glands से निकलने वाला पसीना किसी बैक्टीरिया से interact नहीं करता और किसी भी प्रकार की गंध नहीं आती |
आमतौर पर इस anhidrosis condition को रोक पाना बेहद मुश्किल होता पर कुछ tests जैसे कि axon reflex test , silastic sweat imprint test, thermoregulatory sweat test के जरिये doctors इस condition का पता लगा पाते हैं और आगे की treatment जैसे कि liquid spray , loose clothing वगेरा से इसको रोकने की कोशिश करते हैं |