दोस्तों ! आपके साथ बचपन में ये तो जरूर हुआ होगा कि जब कभी किसी भी जगह आपने बैठे बैठे पैर हिलाना शुरू किया होगा तो आपके दादा दादी या बड़े बुजुर्गों ने आपको जरूर टोका होगा | बहराल , ऐसा करना एक अजीब सीआदत है और हमें पता भी नहीं लगता कि हम पैर हिला भी रहे हैं या नहीं क्योंकि इससे शायद हमें कुछ राहत मिलती है !
पर दोस्तों क्या वजह है कि इस आदत को लोग इतना बुरा मानते हैं कि लोगों को ये पसंद नहीं आता और तुरंत लोग इसके लिए दूसरों को टोक देते हैं ?
वैदिक काल से ही कुछ ऐसे नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना हमारी सेहत और आर्थिक स्थिति दोनों के लिए ही फायदेमंद रहता है। इन नियमों के आधार पर ही परंपराएं बनी है। सभी परंपराओं के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व बताए गए हैं।
वैसे तो यह पैर हिलाना सामान्य सी बात है लेकिन इसके पीछे धार्मिक कारण है। स्वभाव और आदतों का प्रभाव हमारे भाग्य पर भी पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति पूजन कर्म या अन्य किसी धार्मिक कार्य में बैठा है तो उसे पैर नहीं हिलाना चाहिए। ऐसा करने पर पूजन कर्म का पूरा पुण्य नहीं मिल पाता है।
अधिकांश लोगों की आदत होती है कि वे जब कहीं बैठे होते हैं तो पैर हिलाते हैं। इस संबंध में शास्त्रों के जानकार के अनुसार पैर हिलाने से धन का नाश होता है। धन की देवी महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती है। शास्त्रों में इसे अशुभ कर्म माना गया है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह आदत हानिकारक है। बैठे-बैठे पैर हिलाने से जोड़ों के दर्द की समस्या हो सकती है। पैरों की नसों पर विपरित प्रभाव पड़ता है। पैरों में दर्द हो सकता है। इसका बुरा प्रभाव हृदय पर भी पड़ सकता है। इन कारणों के चलते इस आदत का त्याग करना चाहिए।यदि किसी पूजन कार्य में या शाम के समय बैठे-बैठे पैर हिलाते हैं तो महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती है। धन संबंधी कार्यों में विलंब होता है। पैसों की तंगी बढ़ती है। वेद-पुराण के अनुसार शाम के समय धन की देवी महालक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण पर रहती हैं, ऐसे में यदि कोई व्यक्ति बैठे-बैठे पैर हिलाता है तो देवी उससे नाराज हो जाती हैं। लक्ष्मी की नाराजगी के बाद धन से जुड़ी परेशानियां झेलना पड़ती हैं।
इसके अलावा दोस्तों अगर हम इसके स्वास्थ्य से सम्बंधित असर की बात करें तो ये आदत हमारे स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है | चिकित्सकों की मानें तो ये बुरी आदत अगर आप में है तो हो सकता है आप रेस्टलेस सिंड्रोम के शिकार हों। इसकी मुख्य वजह आयरन की कमी होना है।
यह नर्वस सिस्टम से जुड़ा रोग है। यह समस्या 10 प्रतिशत लोगों में होती ही है, इसके लक्षण अधिकतर 35 वर्ष से अधिक उम्र के लोगो में पाए जाते हैं। पैर हिलाने पर मनुष्य के शरीर में डोपामाइन नामक हार्मोन स्त्रवित होने लगता है। जिससे मनुष्य को अच्छा लगने लगता है और उसे बार-बार पैर हिलाते रहने का मन करता है।इसे स्लीप डिसऑर्डर भी कहा जाता है नींद पूरी न होने पर मनुष्य बहुत थका हुआ महसूस करता है। बॉडी में इसका पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है।
यह रोग मुख्यतः आयरन की कमी के कारण होता है। इसके अलावा किडनी, पार्किंसस से पीड़ित मरीजों और गर्भवती महिलाओं के हार्मोनल बदलाव भी इसके होने के कारण हो सकते हैं।शुगर, बीपी और ह्रदय रोगियों के लिए ये काफ़ी खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए भरपूर नींद लें और सिगरेट शराब के सेवन से बचें।इस बीमारी के इलाज के लिए आयरन की दवा ली जाती है साथ ही हॉट और कोल्ड बाथ तथा वाइब्रेटिंग पैड पर पैर रखने से छुटकारा भी मिलता है।
इसके साथ ही दोस्तों , डाइट में आयरन युक्त चीज़ें जैसे पालक, सरसों का साग, चुकंदर, केला, आदि आहार लें। रात में चाय कॉफी लेने से बचें। योग प्राणायाम करने की आदत डालें।