हमारी पृथ्वी पर लाखों प्रकार की प्रजातियां मौजूद हैं, जिनके बारे में वैज्ञानिक आज भी बहुत कम जानते हैं। हर दिन वैज्ञानिकों को हजारों नई प्रजातियां देखने को मिलती हैं। कुछ तो बहुत सूक्ष्म हैं तो कई विशाल आकार की हैं। ऐसा ही एक सूक्ष्म जीव है जिसे टार्डीग्रेड (tardigrades In Hindi) कहते हैं इस पानी का भालू भी कहते हैं। 1773 में एक जर्मन पादरी, जोहान अगस्त एफ्राइम गोएज़ ने टार्डीग्रेड्स की खोज की थी।
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टार्डीग्रेड्स का आकार
यह सूक्ष्म जीव आकार में काफी छोटा है पर इसे माइक्रोस्कोप द्वारा देखा जा सकता है। पानी में रहना वाला ये जीव आकार में 0.05 millimeters से 1.2 mm तक हो सकता है। पर ऐसा देखा गया है कि ये ज्यादातर 1 mm से कम आकार ही पाये जाते हैं।
ये कहां पाये जाते हैं
ये जीव इस धरती पर हर जगह रहता है पर इसकी पसंदीदा जगह पानी के स्रोत होते हैं, ये अक्सर तालाबों में झीलों में और हर उस जगह पर जहां पानी हो वहां ये पाये जाते हैं। आपको जानकर हैरानी नहीं होनी चाहिए कि ये आपके पानी के ग्लास में भी हो सकते हैं। ये जीव किसी भी वातावरण और परिस्थितियों में जीवित रह सकते है।.
वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में पाया है कि ये जीव किसी भी तरह के तापमान (धरती पर सबसे ठंडा और गरम) में भी जिंदा रह सकता है। -200 डिग्री सेल्सियस से लेकर के 150 डिग्री सेल्सियस में भी यह जीव जिंदा बने रहते हैं।
टार्डीग्रेड के ऊपर की गयी रिसर्च – Tardigrades In Hindi
वैज्ञानिको के शोध के अनुसार टार्डीग्रेड का अस्तित्व सूर्य के खत्म होने तक रहेगा. वैज्ञानिको का यह विश्वास है की टार्डीग्रेड पृथ्वी पर अंतिम जीवित रूप होंगे और मनुष्यो से भी अधिक समय तक जीवित रहेंगे. उन्होंने ये भी माना की ये विशाल तबाही में भी जिंदा रह सकते है. रिसर्च यह भी बताती है की मनुष्यो की तुलना में टार्डीग्रेड दस बिलियन सालो तक जीवित रहेंगे।
रिसर्च के मुताबिक टार्डीग्रेड उन परिस्थियों और विशाल तबाहियो में भी जिंदा रह सकते है जो की पृथ्वी पर रहने वाले दुसरे प्राणियों जीव जंतुओ के लिए घातक है. उदाहरण के लिए क्षुद्र ग्रह, सुपरनोवा यानि तारो के रूप में विस्फोट, गामा किरण विस्फोट आदि. इस रिसर्च से मंगल और अन्य ग्रहों जहाँ मानव जीवन संभव हो की संभावना को बल मिलेगा।
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बिना खाये पीये हजारों साल तक जिंदा रहता है
ये जीव बना खाये पीये भी कई हजार सालों तक जिंदा बना रह सकता है, बस इसे किसी भी तरह तरल वातावरण मिलता रहे। इनकी इस गजब की प्रतिभा ने वैज्ञानिकों का ध्यान इनकी तरह खींचा है। निकट भविष्य में वैज्ञानिक टार्डीग्रेड्स की बनाबट और उसकी प्रणाली तंत्र को अध्ययन करके बहुत कुछ बना पायेंगे।