इंद्रजाल को अक्सर लोग तांत्रिक विद्या, वशीकरण और जादू – टोने से जोड़ते हैं। इंद्रजाल एक तरह से हमारी आँखो का भ्रम ही है जिसे हमारा दिमाग पकड़ नहीं पाता है और फिर हम इसके असर में आ जाते हैं। आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में बतायेंगे जो जरुर पढ़े..
इंद्रजाल एक प्राचीन विद्या है जोकि भारत से शुरू हुई और अब पश्चिमी देशों में भी लोकप्रिय हो गयी है| इंद्रजाल को जादू-विद्या कहना गलत नहीं होगा| हालाँकि इस विद्या का गलत इस्तेमाल भी बहुत हुआ है और आज तक भी होता आ रहा है।
इसके अंतर्गत मंत्र, तंत्र, मोहन, उच्चाटन, वशीकरण, नाना प्रकार के कौतुक, प्रकाश एवं रंग आदि के प्रयोजनीय वस्तुओं के आश्चर्यजनक खेल, तामाशे आदि कई चीज़े आती हैं| परन्तु काळा जादू का ही सबसे ज़्यादा प्रचलन है।
इंद्रजाल जो नाम से ही पता चल रहा है कि ये देवराज इंद्र से जुड़ा है| इंद्र को छल-कपट या चकम देने वाला मन जाता है| इसिस्लिय इस विद्या का नाम इंद्रजाल पड़ा| यह विद्या रावण, मेघनाद व् अन्य राक्षस इस विद्या के ज्ञाता थे| इंद्रजीत तो इस विद्या का महाज्ञानी था क्योंकि वह युध्क्षेत्र में भी बादलों में छिपकर प्रहार करता था|
इस विद्या से किसी को भी भ्रमजाल में फसाया जा सकता है और जो इस विद्या का अभ्यास करते हैं उन्हें ऐंद्रजालिक कहते हैं। आज कल इसे जादू का खेल कहते हैं जैसे सर्कस में करतब दिखने वाले, सड़क पर जादू के तमाशे दिखने वाले आदि|
मेघान्धकार वृष्टयग्नि पर्वतादभुत दर्शनम।।
दूरस्थानानां च सैन्यानां दर्शनं ध्वजमालिनाम।।
च्छिन्नपाटितभिन्नानां संस्रुतानां प्रदर्शनम।
इतीन्द्रजालं द्विषतां भीत्यर्थमुपकल्पयेत।।
कामन्दक, जो चाणक्य का चेला था, कहा कि पूरी सभा में अपनी बात को रख पाना और सभी को अपने तर्क के लिए राज़ी करना बहुत कठिन है| इसलिए उन्होंने इंद्रजाल के राजनीती में प्रयोग के बारे में सुझाव दिया| उनके सुझाव के अनुसार कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे दुश्मन की सेना में डर पैदा हो जाए, आसमान में अँधेरा छा जाना, ध्वज का उड़ना आदि हो, जो केवल इंद्रजाल से ही हो सकता है।
असल में इंद्रजाल वह है जिस पर हमारी आँखे, दिल और दिमाग विश्वास करने के लिए राज़ी न हो| अक्सर हमे लगता है कि यह हमारी आँखों का धोखा है परन्तु यह दिमाग की चतुराई से होता है| जादूगरों के हाथ हमारी नज़रों और दिमाग से कई तेज़ होते हैं इसी कारण हम जादू को समझ नहीं पाते।
आप यह सुन कर चौंक जाएंगे कि इंद्रजाल नाम की एक जड़ी भी है| यह अमूमन समुद्री इलाके में पाई जाती है| माना जाता है कि यदि इसे साफ कपड़े में लपेटकर पूजा घर या मंदिर में रखे तो अनेक प्रकार के लाभ होते हैं| इस जड़ी के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह किसी भी टोन-टोटके को बेअसर कर सकती है। आजकल जो वर्चुअल टेक्नोलॉजी, वीडियो गेम और थ्रीडी मूवी चल रही हैं वह सभी इंद्रजाल की विद्या का ही नतीजा है।
साभार – नवहिन्दू
Endar
Original inderjaal chahiye milega kya
Indarjal
Indrajaal chahie