
पूरे ब्रह्मांड में हमारी आकाशगंगा से अद्भुत शायद ही कोई चीज़ हो। क्योंकि इसके बारे में हम जितनी भी जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं, वह हमारे लिए हमेशा कम ही साबित होती है। मैंने आप लोगों को पहले भी हमारी आकाशगंगा से जुड़े कई विषयों के बारे में बताया है, जिनके बारे में शायद आपने कभी नहीं सुना होगा।
मित्रों! आज के इस लेख में भी हम ऐसे ही एक विषय के बारे में जानने की कोशिश करेंगे, जिसके बारे में बहुत से लोगों को बहुत कम जानकारी है। आज के लेख में हम जानेंगे हमारी आकाशगंगा के केंद्र (feeding our galaxy’s center) के बारे में।

जी हाँ! आपने बिल्कुल सही सुना। आज के इस लेख में हम बात करने वाले हैं हमारी आकाशगंगा के केंद्र (feeding our galaxy’s center) में मौजूद एक बेहद रहस्यमयी और अद्भुत चीज़ के बारे में। क्योंकि इससे पहले किसी ने भी इसके अस्तित्व के बारे में गहराई से जानकारी नहीं जुटाई थी। तो अब आप समझ ही गए होंगे कि आखिर यह चीज़ कितनी अनोखी और अद्भुत है। इसके साथ ही हम इस विषय से जुड़ी कई अलग-अलग, महत्वपूर्ण और खास बातों को भी जानने का प्रयास करेंगे, ताकि आपको भी यह विषय बहुत ही आसानी से समझ में आ सके।
तो चलिए, अब लेख को आगे बढ़ाते हुए इसके असली विषय पर आते हैं और देखते हैं कि आखिर यह रहस्य क्या है। तब तक आपसे एक छोटा-सा अनुरोध है—हमारी वेबसाइट को ज़रूर बुकमार्क कर लीजिए, ताकि आपको आगे आने वाले लेख भी आसानी से मिल सकें।
विषय - सूची
हमारी आकाशगंगा को ये चीज़ खिला रही है खाना! – feeding our galaxy’s center! :
आज से पहले ऐसी कई सारी चीज़ें हैं, जिनके बारे में शायद कभी किसी ने सोचा ही नहीं होगा। और एक ऐसी चीज़ (Feeding Our Galaxy’s Center) आज हमारे आकाशगंगा को खाना खिला रही है। बताते हैं कि यह चीज़ एक काफी सघन बादल से बनी हुई है। अधिक जानकारी के लिए आपको बता दूँ कि यह बादल कोई साधारण बादल नहीं है। यह एक तरह से कॉस्मिक बादल होते हैं, जिनके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता होता है।

हाल ही में हुई एक खोज से हमें यह पता चला है कि हमारे आकाशगंगा के केंद्र में लगभग 200 प्रकाश-वर्ष लंबा एक खास क्षेत्र खोजा गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस क्षेत्र के अंदर बहुत ही सघन कॉस्मिक बादल देखे गए हैं, जो हमारी आकाशगंगा के बहुत ही सुदूर इलाकों में स्थित हैं। उनमें से “Midpoint Cloud” नाम के एक बादल के बारे में हमें काफी समय पहले ही पता चल गया था। बताते हैं कि यह बादल “Giant Molecular Cloud (GMC)” का एक उदाहरण है। वैसे इन बादलों की खोज वैज्ञानिकों ने “Green Bank Telescope” के ज़रिए की थी।
मित्रों! इन बादलों के अंदर वैज्ञानिकों को कुछ ऐसी जगहों के बारे में पता चला, जहाँ पर ब्रह्मांड के नए-नए सितारों का निर्माण होता है। वैसे यहाँ एक बात यह भी है कि इन जगहों पर कॉस्मिक गतिविधियाँ काफी ज़्यादा होती हैं। और यही वो जगह है, जहाँ पर हमारे आकाशगंगा को खाना खिलाया जाता है। क्योंकि इन्हीं जगहों से कॉस्मिक डस्ट के बादल हमारे आकाशगंगा के अंदर जाते हैं।
क्या कह रहें हैं वैज्ञानिक! :-
दुनिया के ज़्यादातर वैज्ञानिकों को यह लगता था कि हमारे आकाशगंगा (Feeding Our Galaxy’s Center) के केंद्र में ज़्यादा कुछ मौजूद नहीं है। परंतु जब से इस कॉस्मिक बादल के बारे में पता चला है, तभी से कई वैज्ञानिकों के अलग-अलग मत आ रहे हैं। इसकी खोज के बाद वैज्ञानिकों ने बादल के असल आकार और आकृति के बारे में जानकारी जुटाई है, और उनके अनुसार यह एक जायंट मोलीक्यूलर क्लाउड है। इसे अंग्रेज़ी में आप “GMC” भी कह सकते हैं। बताते हैं कि GMC के सघन इलाकों में आकाशगंगा के बाहरी छोर से इसके केंद्र तक कॉस्मिक मटेरियल के बहाव को देखा जा सकता है।

मित्रों! आपकी अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि यह एक बहुत ही खास बात है। क्योंकि इस तरह की चीज़ों के बारे में हमें अक्सर ज़्यादा पढ़ने को नहीं मिलता। वैसे आपको इसके बारे में क्या लगता है? क्या यह चीज़ हमारी आकाशगंगा में सिर्फ इसलिए मौजूद है ताकि यह हमारी आकाशगंगा को खाना खिला सके? आपको इसके बारे में क्या लगता है? कॉमेंट करके ज़रूर बताइएगा! व्यक्तिगत रूप से मुझे ऐसा लगता है कि यह कॉस्मिक बादल वाकई में काफी अद्भुत हैं और इनकी कुछ खास ज़िम्मेदारियाँ ज़रूर होंगी।
कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार, मिडपॉइंट बादलों के अंदर मौजूद पदार्थ काफी अस्थिर अवस्था में रहते हैं। इसके अलावा एक खास बात यह भी है कि इस तरह की स्थिति हूबहू हमारी आकाशगंगा के केंद्र में दिखाई पड़ती है। वैसे इस अस्थिर परिस्थिति का कारण शायद आकाशगंगा के अंदर होने वाले पदार्थ के प्रवाह की वजह से है। इसके अलावा कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि बादलों के भीतर कणों की टकराहट कई बार बेहद अस्थिर परिस्थितियाँ उत्पन्न करती हैं।
मिड-पॉइंट क्लाउड और हमारी आकाशगंगा! :-
जब भी मिड-पॉइंट क्लाउड (Feeding Our Galaxy’s Center) की बात उठती है, तब हमारी आकाशगंगा के बारे में सवाल उठना स्वाभाविक है। इन बादलों के भीतर कई छोटे-छोटे और काफी सक्रिय सघन कॉस्मिक बादलों के गुच्छे मौजूद रहते हैं। इन्हीं गुच्छों से ब्रह्मांड के अंदर सितारों का जन्म होता है। या आप यह भी कह सकते हैं कि इन जगहों से नए खगोलीय पिंडों का जन्म होता है।
मित्रों! आपको जानकर हैरानी होगी कि वैज्ञानिकों को इन जगहों के बारे में पहले से कुछ भी पता नहीं था।

और शायद यही कारण है कि हमारे पास आज भी इन जगहों के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है। वैसे एक बात यह भी है कि ज़्यादातर लोगों को लगता है कि ब्रह्मांड के इन जगहों पर केवल शून्यता है। परंतु यह बात बिल्कुल भी सच नहीं है। क्योंकि अगर यह सच होता, तो आज हम मिड-पॉइंट क्लाउड जैसी चीज़ों के बारे में बातें ही नहीं कर रहे होते। साथ ही, हमें इनके बारे में और भी कई खोज करनी हैं, ताकि हमें इनके बारे में बेहतर जानकारी मिल सके।
वैज्ञानिकों ने एक खास सघन बादल “Knot E” के बारे में काफी दिलचस्पी दिखाई है। कहते हैं कि इस बादल के पास लगातार नए सितारे बनते रहते हैं। और शायद यही वह जगह है, जहाँ ब्रह्मांड की सबसे अधिक सक्रियता देखी जा सकती है।
मित्रों! आपकी अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि इन सघन बादलों के अंदर ब्रह्मांड के कई गहरे राज़ छुपे हुए हैं। और माना जाता है कि इन्हीं बादलों से ही ब्रह्मांड की शुरुआत हुई थी।
निष्कर्ष – Conclusion :-
आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि वैज्ञानिकों ने “Maser” नाम की एक काफी सघन और उच्च तीव्रता वाली रेडियो-एक्टिव तरंग की खोज की है। कहते हैं कि इसी से कई सितारों के बनने के रहस्य जुड़े हुए हैं। मित्रों! ब्रह्मांड के केंद्र (Feeding Our Galaxy’s Center) में इस तरह की कई खगोलीय चीज़ों का मिलना कोई साधारण बात नहीं है, और इनके बारे में आगे चलकर हमें और भी बहुत कुछ जानने का अवसर ज़रूर मिलेगा।

(छवि श्रेय: NSF/AUI/NSF NRAO/P. Vosteen)
कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार, इन जगहों पर सुपरनोवा के धमाके भी देखे गए हैं, क्योंकि यह क्षेत्र अपने आप में बेहद खास है। कुछ प्रयोगों के अनुसार, मिड-पॉइंट क्लाउड के कारण ब्रह्मांड के सुदूर इलाकों से कॉस्मिक पदार्थ आकाशगंगा के केंद्र तक आते हैं। इससे हमें हमारी आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद सितारों के जमावड़े के बारे में और भी बेहतर जानकारी मिल पाएगी।
क्योंकि आज भी हमारे लिए ब्रह्मांड में सितारों का बनना किसी पज़ल से कम नहीं है।