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नासा का अगला नया व बड़ा स्पेस टेलिस्कोप! – Nasa’s Next Big Telescope!

भविष्य में इस तरह के विकसित स्पेस टेलिस्कोप करने वाले हैं खोज, जान कर हो जाएंगे हैरान!

हमारा ये ब्रह्मांड हमारे लिए ही एक बड़ी अद्भुत चीज़ है। इसलिए इसके बारे में हमें जानना प्राचीन काल से ही पसंद है। इंसान की जिज्ञासा ही इसको अन्तरिक्ष की और आकर्षित करती है। परंतु आकार की तुलना की जाए तो, हम ब्रह्मांड के सामने कुछ भी नहीं हैं। इसलिए इसके अंदर छुपी हुई चीजों की खोज के लिए हमें अन्तरिक्ष में कई सारे उपकरण जैसे, सैटेलाइट्स और स्पेस टेलिस्कोप (Nasa’s Next Big Telescope) की जरूरत पड़ती है। मित्रों! इनके जरिये ही हम अन्तरिक्ष में कई बड़े-बड़े आविष्कारों को अंजाम देते आ रहें हैं और ये उपकरण ही हमारे लिए काफी अहम हैं।

नासा का अगला नया व बड़ा स्पेस टेलिस्कोप! - Nasa's Next Big Telescope!
स्पेस टेलिस्कोप का विकास। | Credit: Popular Mechanics.

आप लोगों को जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (Nasa’s Next Big Telescope) के बारे में तो पता ही होगा, ये आज हम मानवों के लिए अन्तरिक्ष में आँख बना हुआ है। इसी से ही हम इस विशालकाय ब्रह्मांड में छुपे हुए हर एक छोटी व बड़ी घटना को बड़े ही सहूलियत के साथ देख पा रहें हैं। मित्रों! समय के ढलने के साथ हमें आगे चल कर और भी ज्यादा बड़े व शक्तिशाली टेलीस्कोप की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में शुरुआत अभी से करनी होगी। ताकि आगे चल कर हमें सही समय पर जरूरत के उपकरण मिल पाएंगे।

तो, चलिये क्यों न एक बार इन्हीं भविष्य के बड़े व सक्षम टेलिस्कोप के बारे में बात कर लें। मित्रों! आज का हमारे ये लेख आने वाले समय में बनने वाले स्पेस टेलिस्कोप के बारे में होने वाला हैं। इसलिए इस लेख को आरंभ से ले कर अंत तक पढ़िएगा।

आगे आने वाला है ये विशालकाय टेलिस्कोप! – Nasa’s Next Big Telescope! :-

जब भी बात बड़े व जटिल स्पेस टेलिस्कोप (Nasa’s Next Big Telescope) को अन्तरिक्ष में लौंच करने की बात आती हैं, तब नासा को आखिर कैसे-कोई नजरंदाज कर सकता है। जेम्स वेब जैसे अभूतपूर्व टेलिस्कोप को हाल ही में लाँच करने के बाद भी, अभी से ही अगले पीढ़ी के स्पेस टेलिस्कोप को लाँच करने की बात शुरू हो चुकी है। क्योंकि अगले दशक में वैज्ञानिकों को, कई बड़े व महत्वाकांक्षी मिशनों को अंजाम देने की जरूरत हैं। ऐसे में सही उपकरणों की जरूरत तो रहेगी ही!

नासा का अगला नया व बड़ा स्पेस टेलिस्कोप! - Nasa's Next Big Telescope!
अन्तरिक्ष में कई अलग-अलग स्पेस टेलिस्कोप। | Credit: New Aura.

दरअसल बात ये है कि, आने वाले 10-15 वर्षों में वैज्ञानिक बेहद अधिक मात्रा में पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज करने वाले हैं। क्योंकि हमें पृथ्वी जैसे ग्रहों पर अपना घर भी बसाना है। पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज करना कोई छोटी व सरल बात नहीं है, इसके लिए हमें अपनी पूरी शक्ति व सबसे उन्नत धरण की तकनीक का प्रयोग करना होगा। तो ये ही बात है कि, हमें अब तक के सबसे शक्तिशाली  स्पेस दूरबीन की जरूरत पड़ने वाली है।

वैसे हाल ही की बात करें तो, वैज्ञानिक एक “Habitable Worlds Observatory” को बनाने के बारे में सोच रहें हैं। जो की पृथ्वी के पास मौजूद 25 सबसे करीबी पृथ्वी जैसी ग्रहों के बारे में शोध करेगा। मित्रों! इस ओबसेरवाटोरी में दूर बीन भी लगेगा, जो की शायद अब तक की सबसे शक्तिशाली दूरबीनों में से एक होने वाला है। ऐसे में इस मिशन को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा होने शुरू हो चुकी हैं।

अगली पीढ़ी के दूरबीन और “Direct Imaging” :-

अब कुछ लोगों के मन में ये सवाल आ रहा होगा कि, आखिर ये भविष्य के टेलीस्कोप (Nasa’s Next Big Telescope) आज के टेलीस्कोप से कैसे अलग होंगे? मित्रों, इसी तरह के सवालों के जवाब को पाने के लिए मैंने लेख के इस भाग को आप लोगों को लिए रखा हैं। कहने का मतलब ये हैं कि, लेख के इस भाग में हम फ्यूचर के इन टेलीस्कोप्स के बारे में कुछ बहुत ही रोचक बातों के बारे में जानेंगे; जो की शायद आप लोगों को भी हैरान कर देंगे।

Photo of Habitable World Observatory.
हेबिटेबल वर्ल्ड ओबसेरवाटोरी की फोटो। | Credit: World Observatory.

सुदूर इलाकों में मौजूद ग्रहों के बारे में पता लगाने में सबसे बड़ी दिक्कत इन्हें बारीक रूप से न देख पाना है। मित्रों! अगर हम किसी ग्रह ठीक से देख ही नहीं पाएंगे, तो उसके बारे में कैसे कुछ सटीक रूप से पता लगा पाएंगे! सुदूर इलाकों में मौजूद ग्रह आकार में बहुत ही छोटे व काफी कम चमकीले होने के कारण, इन्हें वैसे भी पहली बार में डिटेक्ट कर पाना भी काफी ज्यादा मुश्किल होता है। मित्रों! आज के जमाने में इस तरह के ग्रहों को ढूँढने के लिए उनके पास मौजूद सितारों की मदद ली जाती है।

वर्तमान इस्तेमाल होने वाले टेलिस्कोप सितारे के चमक में होने वाली तीव्रता को माप सकते हैं। इससे उनमें होने वाले बदलाव के जरिये वैज्ञानिक आसानी से सितारे और उसके आस-पास मौजूद ग्रहों के बारे में भी पता लगा सकते हैं। वैसे इस प्रक्रिया में “Radial Velocity” को मापा जाता है, जिससे रीडिंग सटीक आ सके।

नए मेथड की है जरूरत! :-

मित्रों! आज के जमाने में इस्तेमाल होने वाले मेथड सुदूर इलाकों में मौजूद अर्थ लाइक प्लैनेट्स को ढूँढने में उतने सक्षम नहीं हैं। क्योंकि इसमें टेलिस्कोप (Nasa’s Next Big Telescope) उतने सटीक रीडिंग नहीं दे सकते हैं। इसलिए डाइरैक्ट इमेजिंग की प्रक्रिया की शुरूआत हुई। इसमें हम आसानी से सुदूर इलाकों में मौजूद ग्रहों को भी देख सकते हैं। यहाँ एक खास बात ये भी हैं कि, आज के जमाने के टेलिस्कोप बारीक रीडिंग नहीं ले सकते हैं। इसलिए अगले पीढ़ी के टेलिस्कोप में इस काबिलीयत को इस्तेमाल किया जाने वाला हैं।

Next generation Space Telescope.
अगले पीढ़ी के स्पेस टेलिस्कोप। | Credit: Tesla Rati.

इसलिए आज से लगभग 3 वर्ष बाद यानी 2027 में दुनिया का सबसे उन्नत व शक्तिशाली स्पेस टेलीस्कोप “Nancy Grace Roman Space Telescope” को लाँच होने वाला हैं। आप लोगों कि अधिक जानकारी के लिए बता दूँ कि, ये टेलिस्कोप काफी ज्यादा भविष्यवादी होने वाला हैं। क्योंकि ये काफी कम समय में अन्तरिक्ष को स्कैन कर के उसमें मौजूद रहने लायक ग्रहों के बारे में आसानी से पता लगा सकता हैं। इसके बाद बारी आती हैं “Habitable World Observatory” की, मित्रों! ये टेलिस्कोप शायद काफी ज्यादा विकसित और अभूतपूर्व होने वाला है।

क्योंकि वैज्ञानिकों के अनुसार, इस टेलिस्कोप के जरिये हम बहुत ही आसानी से पृथ्वी जैसे ग्रहों को डारेक्ट इमेजिंग की तकनीक के जरिये देख सकते हैं। वैसे आप लोगों को बता दूँ कि, ये टेलिस्कोप 2040 तक अन्तरिक्ष में लाँच होने वाला है और इसके ऊपर अभी से ही काम शुरू हो चुका है। तो, मित्रों! आप जरा सोचिए कि आने वाले समय में हमारे स्पेस टेलिस्कोप कितने विकसित होने वाले हैं!

स्पेस टेलिस्कोप का भविष्य है बहुत ही उज्ज्वल! :-

जब हम स्पेस टेलिस्कोप (Nasa’s Next Big Telescope) की बात करते हैं, तब हमारे मन में काफी सारे बातें आती हैं। परंतु, एक बात सच ये है कि, स्पेस टेलीस्कोप का भविष्य काफी ज्यादा उज्ज्वल है। क्योंकि हमें इन्हें काफी ज्यादा विकसित करने वाले हैं। मित्रों! आज का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप  इन्फ्रारेड वेवलेंथ (Infrared Wavelength) के ऊपर काम करता है, परंतु आगे आने वाले स्पेस टेलीस्कोप जैसे “Habitable Worlds Observatory” यूवी/ ऑप्टिकल तकनीक के ऊपर काम करेंगे।

Making of Telescopes.
नए पीढ़ी के स्पेस टेलिस्कोप को बनाना हैं बहुत ही सरल। | Credit: NASA.

मित्रों! आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि, ऑप्टिकल टेलिस्कोप को बनाना इंफ्रारेड टेलिस्कोप के बनाने के मुक़ाबले काफी सरल काम है। इसके अलावा ऑप्टिकल टेलिस्कोप बहुत ही सरल नियमों पर काम करते हैं, जिससे इन्हें बनाने में काफी कम लागत आती है। इसके अलावा इन टेलिस्कोप में इस्तेमाल होने वाले मिरर में सिल्वर को इस्तेमाल किया जाता है, जिससे अन्तरिक्ष में किसी भी चीज़ को ढूँढना काफी आसान हो जाता है। ऑप्टिकल स्पेस टेलिस्कोप इंफ्रारेड स्पेस टेलिस्कोप के मुक़ाबले काफी ज्यादा सक्षम होते हैं।

वैसे आप लोगों को बता दूँ कि, इनको मैंटेन करना भी काफी आसान होता है। ये ही वजह है कि, आज के वैज्ञानिक ऑप्टिकल बेस्ड़ स्पेस टेलिस्कोप को विकसित करने में अपना 100% दे रहें हैं। मित्रों! आप लोगों को क्या लगता है, क्या हम कभी इन टेलिस्कोप के जरिये कुछ भी बड़ी खोज कर पाएंगे?

निष्कर्ष – Conclusion :-

अन्तरिक्ष में किसी भी नई चीज़ को ढूँढने के लिए हमें नई तकनीक की जरूरत होगी। मित्रों! ठीक ये ही बात स्पेस टेलिस्कोप (Nasa’s Next Big Telescope) के ऊपर भी लागू होती है। इसके लिए हमें कुछ उपकरणों में फेर-बदल कर के इन्हें विकसित करना होगा। इसके अलावा हमें ये भी देखना होगा कि, आज के जमाने के उपकरणों की किस तरह से 100% मदद ली जाए। क्योंकि आखिर में ये उपकरण ही हमें यहाँ तक ले कर आए हैं। इसके अलावा अन्तरिक्ष में इस्तेमाल होने वाले “स्पेक्ट्रोग्राफ” की भी हमें मदद लेनी होगी। क्योंकि इससे हमें पृथ्वी जैसे ग्रहों के बारे में और भी ज्यादा पता लगा सकता हैं।

Space Telescope Imaging Spectrograph – आकाशगंगा M84 के नाभिक (Nucleus) का एक STIS स्पेक्ट्रम (दाएं) (बाएं हाइलाइट किया गया) आकाशगंगा के केंद्र में तेजी से तारे की गति को दर्शाता है, जो एक सुपरमैसिव ब्लैक होल का संकेत है। Credit – NASA  नासा

मित्रों! अधिक जानकारी के लिए आप लोगों को बता दूँ कि, स्पेक्ट्रोग्राफ के अंदर हम जिस किसी भी चीज़ के बारे में ढूंढ रहें होंगे; उसके बारे में हमें बहुत सारे मौलिक जानकारियों के बारे में भी पता स्पेक्ट्रोग्राफ ही देगा। इसके अलाव हमें रेडियल वेलोसिटी के ऊपर भी काफी ज्यादा ध्यान देना होगा। क्योंकि इसी से ही हमें सुदूर इलाकों में मौजूद ग्रहों कि वातावरण और वहाँ मौजूद हर एक जीवन की स्रोत के बारे में पता लगा सकता हैं।

आने वाले समय में किसी भी चीज़ को ढूँढने के लिए हमें असाधारण सटीकता की भी जरूरत पड़ेगी, जो की मेरे हिसाब से आने वाले पीढ़ियों के टेलिस्कोप में देखनेको मिलेंगी। इसके अलावा हमें अन्तरिक्ष के सितारों के बारे में भी काफी ज्यादा चीज़ें पता लगाने की जरूरत हैं।

Bineet Patel

मैं एक उत्साही लेखक हूँ, जिसे विज्ञान के सभी विषय पसंद है, पर मुझे जो खास पसंद है वो है अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान, इसके अलावा मुझे तथ्य और रहस्य उजागर करना भी पसंद है।

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