हमारे सौर-मण्डल में सूर्य ही एक ऐसी चीज़ है, जिसके बारे में जितना भी बातें करो, परंतु बातें खत्म ही नहीं होते हैं। इसलिए कई बार मैंने आप लोगों को सूर्य से जुड़ी कई सारे अलग-अलग विषयों के ऊपर बताया है। परंतु मित्रों! क्या आप जानते हैं, सूर्य हमारे लिए एक पहेली ही है। वैज्ञानिक अक्सर सूर्य (Plasma Waterfall In Sun) के बाहरी बनावट और अंदरूनी बनावट को समझने के लिए कई सारे प्रयोगों को अंजाम देते आ रहें हैं। हमेशा से ही वैज्ञानिकों की कड़ी नजर सूर्य के ऊपर ही है और इसके कारण हमें कुछ नई जानकारी जानने को मिली है।
हाल ही में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट में सूर्य (Plasma Waterfall In Sun) के बाहरी हिस्से के बारे में वैज्ञानिकों को कुछ बेहद ही खास बातों के बारे में पता चला है। वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य के कुछ खास हिस्सों में काफी तेजी से आग की नदी बह रहीं है और ये बात किसी भी तरीके से साधारण नहीं है। सूर्य के ऊपर इस तरीके की अद्भुत घटना को घटते हुए देखना किसी भी इंसान के लिए बेहद ही दुर्लभ वाली बात है। इसलिए पूरी दुनिया की नजर इसी मुद्दे पर आ कर रुक गई हैं।
मित्रों! आज के इस लेख में हम इसी दुर्लभ घटना के बारे में बेहद ही बारीकी से चर्चा करेंगे और देखेंगे की इसके पीछे का मुख्य कारण कौन सा है?
सूर्य के ऊपर बह रहीं है आग की नदी! – Plasma Waterfall In Sun! :-
हाल ही के कुछ रिपोर्ट्स में ये पाया गया है कि, सूर्य (Plasma Waterfall In Sun) के सतह के ऊपर लगभग 1 लाख किलोमीटर ऊपर तक गर्म आग की बारिश हो रहीं है, जिसके चलते पूरे सूर्य के ऊपर आग की नदी बहने लगी है। बता दूँ कि, ये आग कि नदी सूर्य के सतह से भी ज्यादा गरम है। खगोलीय वैज्ञानिकों के अनुसार, इस गर्म आग की नदी के पीछे का मूल कारण “Plasma Waterfall” को माना जा रहा है। एक फोटो में हमें एक बेहद ही बड़े आकार के प्लाज्मा दीवार को सूर्य के सतह के ऊपर बड़े ही तेजी से गिरते हुए देखने को मिल रहा है।
इस बात को सरल तरीके से कहूँ तो, अगर हम 8 पृथ्वीओं को एक के ऊपर एक कर के रखें तभी जा कर सूर्य के ऊपर उठे इस गर्म आग के झरने की ऊंचाई के जितना होगा। खैर वैज्ञानिकों के अनुसार, इस घटना को “Polar Crown Prominence” (PCP) के नाम से जाना जाता है। वैसे तो PCP बाकी सोलर प्रोमिनेंस के तरह होते हैं, परंतु PCP के बारे में ये खास बात हैं कि, ये सूर्य के ध्रुवीय इलाकों में ज्यादा घटित होते हैं। 60-70 दक्षिण और उत्तरी लेटीच्युड में आमतौर पर PCP देखने को मिलते हैं।
वैसे इस घटना के घटित होने के पीछे का कारण सूर्य के ध्रुवीय इलाके में मौजूद शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल ही है। इस बल के चलते जो भी प्लाज्मा सूर्य के सतह को छोड़ कर ऊपर जाते हैं, वो गुरुत्वाकर्षण बल के कारण फिर नीचे (ध्रुवीय इलाके में) गिर कर सतह के ऊपर चले आते हैं।
आखिर कैसे बने ये आग के झरने! :-
अब लोगों के मन में ये सवाल आ रहा होगा कि, आखिर ये आग के झरने (Plasma Waterfall In Sun) होते क्या हैं? तो, मित्रों! मैं आप लोगों को बता दूँ कि, जब ये प्लाज्मा के दीवार ऊपर आसमान से सूर्य के सतह के उपर गिरते हैं, तब मानो कोई आग कि झरना ऊपर से गिरने के जैसा प्रतीत होता है। इसी से ही इसको, “आग के झरने” का नाम मिला है। हालांकि! एक खास बात ये हैं कि, ये आग के झरने अभी भी सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल के अंदर ही आते हैं। इसके अलावा एक विशेष बात ये भी हैं कि, ये झरने सूर्य के सतह की और 36,000 km/h रफ्तार के तेजी से गिरते हैं।
इसके हैं अलग-अलग स्तर! :-
इतने तेजी से इन आग के झरनों को आसमान से गिरते हुए देख कर वैज्ञानिक भी काफी ज्यादा हैरान हैं, क्योंकि खुद सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल भी इन झरनों को इतने तेजी से नीचे गिरने नहीं देते। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार, गर्म आग के झरनों के मूलतः दो मुख्य चरण होते हैं। पहले चरण में ये धीरे-धीरे ऊपर आसमान की और बढ़ते हैं और दूसरे चरण में ये काफी तेजी से अपने चरम ऊंचाई पर पहुँच जाते हैं। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार काफी तेजी से ऊपर उठने के बाद जिस हिसाब से ये आग के झरने नीचे गिरते हैं, इसको ले कर अभी भी वैज्ञानिकों के बीच कई सारे विवाद हो रहें हैं।
अकसर सूर्य के ऊपर शोध कर रहें वैज्ञानिक सोलर प्रोमीनेंसेस को कोरोनल मास इजेक्सन के साथ जोड़ कर देखते हैं। बता दूँ कि, जिस समय कोरोनल मास इजेक्स्न कि प्रक्रिया घटित होती है, तब इससे हमारी पृथ्वी भी प्रभावित होती है। पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल सूर्य से निकलने वाले इस कोरोनल मटिरियल को अपनी और खींचते हैं। इससे ये पृथ्वी कि और आ कर टकराता है।
न्यूक्लियर भौतिक विज्ञान और आग के झरने! :-
सूर्य (Plasma Waterfall In Sun) के ध्रुवीय इलाकों में तेजी से गिर रहें इन आग के झरनों का रिश्ता न्यूक्लियर भौतिक विज्ञान से जा कर मिलता है। जी हाँ! दोस्तों, आप लोगों ने बिलकुल सहीं सुना है, कई बड़े-बड़े न्यूक्लियर वैज्ञानिक कुछ खास तरह के न्यूक्लियर फ्यूजन प्रतिक्रियाओं को सही तरीके से विश्लेषित करने के लिए इन आग के झरनों को अच्छे तरीके से समझना चाहते हैं। अगर मेँ पीसीपी के बारे में बात करूँ तो, ये प्रतिक्रियाएँ लगभग हर एक दिन हो सकते हैं। हालांकि! इनके तस्वीरों को हर वक़्त खींच पाना काफी ज्यादा दुर्लभ वाली बात हैं।
एक खास जानकारी ये भी हैं कि, हर 11 साल में एक बार सूर्य अपने प्लाज्मा प्रतिक्रियाओं के चरम अवस्था पर होता है। इस दौरान हर एक प्रतिक्रिया काफी ज्यादा प्रभावशाली और दुर्लभ हो जाती है। मित्रों! इस समय को “Solar Maximum” भी कहते हैं। खैर पिछले महीने ही सोलर प्रोमिनेंस कि इतनी अच्छी तस्वीर मिली हैं और वैज्ञानिकों को लगता हैं कि, इस समय सोलर मैक्सिमम का दौर चल रहा हैं। तभी तो हमनें इस दुर्लभ फोटो को खींचने में सक्षम हो पाएँ हैं, आपको इसके बारे में क्या लगता हैं दोस्तों?
इसके अलावा मेँ आप लोगों को ये भी बता दूँ कि, पिछले ही महीने सोलर प्रोमिनेंस ऊपर उठ कर सूर्य के ध्रुवीय इलाकों में एक पोलर वोर्टेक्स के रूप में आ कर गिरा हैं। वैज्ञानिकों कि मानें तो, सूर्य के उत्तरी ध्रुव में ये घटना लगभग 8 घंटों तक घटित हुआ हैं। मित्रों! पिछले ही साल सूर्य से एक बहुत तेजी से प्लाज्मा कि तरंग पृथ्वी से आ टकराया था।
निष्कर्ष – Conclusion :-
मित्रों! पिछले ही साल लगभग 17 लाख किलोमीटर ऊँचाई तक एक सोलर प्रोमिनेंस (Plasma Waterfall In Sun) अन्तरिक्ष में बन कर खड़ा हुआ था। मेँ बता दूँ कि, ये सोलर प्रोमिनेंस इतिहास में बने सबसे बड़े सोलर प्रोमिनेंस में से एक था। हालांकि! इस तरह के आग के झरने सूर्य के ऊपर लगातार रूप से बनते रहते हैं, परंतु हम इन्हें ट्रैक नहीं कर पाते हैं। इसलिए इन्हें हम इतने दुर्लभ मानते हैं।
इसके अलावा इनके तस्वीरों को भी खींच पाना हमारे लिए काफी ज्यादा मुश्किल होता हैं, क्योंकि इसके लिए हमें कई तरह के खास उपकरणों से लैस कैमरों की जरूरत होते हैं। खैर जीतने भी सोलर प्रोमिनेंस होते हैं, सब एक गर्म प्लाज्मा से बने हुए आयोनाइज्ड़ पार्टिकल्स के जेट्स हैं। जब ये जेट्स सूर्य के काफी शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में आ जाते हैं, तब ये सतह से ऊपर उठ कर फिर एक बार सतह की और आ गिरते हैं।
हालांकि! इस घटना के बारे में अभी भी काफी सारे शोध होने बाकी हैं, क्योंकि इसको ले कर अभी कई सारे राज खुलने वाले हैं।
Source :- www.livescience.com
अच्छी अच्छी जानकारियां देने के लिए आपको दिल से धन्यवाद !