कोरोना (omicron in hindi) की वजह से भारत की जो हालत हुई हैं, उसे शब्दों में बताया नहीं जा सकता। कई लोगों ने कोरोना काल में अपनों को खोया तो, कईयों ने अपनी जीविका ही खो दी। देश की ऐसी दुर्दशा को देख कर बीते ब्रिटिश साम्राज्य की बातें याद आती हैं। जिस समय भारत अपने वजूद के लिए विदेशी हुकूमत से लढ रहा था। ऐसे में देश की आम जनता बिलकुल लाचार सी नजर आ रहीं हैं।
कोरोना (omicron in hindi) के अभी तक लगभग 12 अलग-अलग रूप आ चुके हैं और हर एक रूप पिछले रूप से कई ज्यादा खतरनाक साबित हो चुके हैं। इसलिए इस बीमारी को इतिहास में सबसे घातक बीमारियों में गिना जा रहा हैं। वैसे इसे आप महामारीयों की रानी भी कह सकते हैं, क्योंकि एक लहर खत्म हुआ भी नहीं है और इसकी दूसरी लहर आने को बैठा हैं। भारत अभी कोरोना के दूसरे लहर से उभर रहा हैं और उसी वक़्त कोरोना के एक नए रूप ने फिर से देश के अंदर खौफ़ का साया बिछा दिया हैं।
ऐसे में हमारे लिए ये काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता हैं की, हम कोरोना के इस नए रूप के बारे में समय रहते जान लें और इससे बचने की हर संभव प्रयास करें।
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कोरोना का नया रूप “Omicron”! – Omicron In Hindi
पृथ्वी पर अभी कोरोना (omicron in hindi) के जिस नए रूप के बारे में काफी चर्चाएँ हो रहीं हैं, उसका नाम “ओमिक्रोन” हैं। इसे WHO ने “वैरीएंट ऑफ कंसर्न” का भी खिताब दे दिया हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना के इस नए रूप में काफी ज्यादा म्यूटेशन देखीं गई हैं और इसके अंदर कई तरह के स्पाइक प्रोटीन को भी खोजा गया हैं। बता दूँ कि, स्पाइक्स प्रोटीन के जरिए ही कोरोना इंसानों के अंदर पहुँच कर बीमारी को फैलाती हैं। इसके अलावा जिन लोगों को कोरोना पहले से हुआ था, उन्हें ये वैरीएंट अच्छी-ख़ासी जकड़ सकती है।
वैसे सबसे चिंताजनक बात ये हैं कि, कोरोना के इस नए रूप के बारे में हमें ज्यादा कुछ नहीं पता हैं। ये किन-किन लोगों को ज्यादा प्रभावित कर सकती हैं या ये किस कारण से इंसानों के अंदर आती हैं ये भी हमें नहीं पता। बता दूँ कि, वैज्ञानिकों को अभी भी कोरोना के इस नए रूप के विरुद्ध वैक्सीन की क्षमता कितनी हैं ये नहीं पता। हालांकि! कुछ वैज्ञानिकों का कहना हैं कि, कोरोना कि वैक्सीन हमें कुछ हद तक ओमिक्रोन से सुरक्षित रख सकता हैं। इसलिए वैक्सीन लेना अनिवार्य ही है।
ओमिक्रोन के बारे में सबसे पहले दक्षिण-अफ्रीका ने पिछले महीने 24 तारीख को डबल्यूएचओ को सूचित किया था। खैर कोरोना के इस नए रूप को B.1.1.529 का नाम भी दिया गया हैं। मित्रों! ओमिक्रोन से पीड़ित मरीजों कि संख्या दक्षिण-अफ्रीका में काफी ज्यादा बढ़ रहा हैं। इसके अलावा ओमिक्रोन से पीड़ित मरीज फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, इटली, इंग्लैंड, डेनमार्क, बेल्जियम, स्कॉटलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रीया, पुर्तगाल, इस्राइल और हांगकांग में देखें गए हैं।
म्यूटेशन और पहचान! :-
ओमिक्रोन (omicron in hindi) कि पहचान बहुत ही आसान हैं। इसे आप PCR टेस्ट के माध्यम से आसानी से देख सकते हैं। क्योंकि पीसीआर टेस्ट के दौरान जिन 3 जीन्स को टार्गेट किया जाता हैं, उनमें से एक जिन ओमिक्रोन के द्वारा प्रभावित होता हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ओमिक्रोन के अंदर 30 से भी ज्यादा स्पाइक प्रोटीन के म्यूटेशन देखें गए हैं। वैसे इन 30 म्यूटेशन में 10 म्यूटेशन ऐसे हैं जो कि सीधे तरीके से स्पाइक प्रोटीन के साथ संबंध रखते हैं। वैसे ओमिक्रोन के अंदर कुछ हैरान कर देने वाली बातें भी देखीं गई हैं।
मित्रों! इस वैरिएंट के अंदर पुराने वैरिएंट्स के भी म्यूटेशन को देखें गए हैं। पुराने वैरिएंट इंसानों के अंदर काफी तेजी से फैल रहीं थी और ये काफी खतरनाक थी। परंतु इससे कई अधिक गुना खतरनाक ओमिक्रोन हैं। क्योंकि इसमें काफी म्यूटेशन और स्पाइक प्रोटीन होने के साथ ही साथ, ये काफी तेजी से इंसानों के अंदर फैल सकता हैं। तो अब सोचिए कि, अगर ये भारत के अंदर आ जाता हैं तो लाशों का ढ़ेर लगना संभव हैं या नहीं। दोस्तों! भारत कि स्वास्थ्य व्यवस्था पहले ही काफी मार झेल चुकी हैं और अब ये ओमिक्रोन!
अभी तक वैज्ञानिक ओमिक्रोन कि बीमारी पैदा करने की क्षमताओं के ऊपर खोज कर रहें हैं। दक्षिण-अफ्रीका में कोरोना के वजह हालात काफी ज्यादा खराब हैं। वहाँ पर लोग ऐसे दिन देख रहें हैं, जिसके बारे में हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा। वहाँ के लोग कोरोना के कारण काफी ज्यादा मुसीबत में हैं। साथ ही साथ पूरे देश के सिर्फ 24% जनता को ही वैक्सीन लगी हैं। तो, सोचिए ओमिक्रोन और कोरोना के कारण वहाँ क्या-क्या हो रहा होगा।
किन लोगों को ये वैरिएंट जकड़ सकता है? :-
ओमिक्रोन (omicron in hindi) के जो नए मामले दक्षिण-अफ्रीका में सामने आए हैं, वो काफी ज्यादा चौंका देने वाली हैं। इन नए मामलों में मरीज कम उम्र वाले विद्यार्थी हैं। बता दूँ कि, पहले वैज्ञानिकों के द्वारा कहा जाता था कि कोरोना ज़्यादातर बूढ़े लोगों को हो सकता हैं। परंतु यहाँ पर ये बात बिलकुल उलटा ही हो चुका हैं। मित्रों! और एक खास बात ये हैं कि, जिन लोगों को भी ओमिक्रोन ने जकड़ा हैं; उन सभी लोगों के अंदर बीमारी के लक्षण काफी हल्के थे। ऐसे में किन लोगों को कब और कैसे ये बीमारी पकड़ ले, ये कह पाना अभी थोड़ा कठिन हैं।
हालांकि! एक अजीब बात भी सामने आया। ज़्यादातर मरीज कम उम्र के स्वस्थ इंसान हैं। परंतु, कुछ दिनों से उन्हें काफी कमजोरी लग रहीं थी। जब उन लोगों ने पीसीआर टेस्ट करवाया तो पता चला कि, उन्हें ओमिक्रोन हुआ हैं। वैसे ज़्यादातर मरीजों को अभी तक हॉस्पिटल में भर्ती नहीं किया गया हैं। मित्रों! अभी ये बीमारी अपने प्रारंभिक अवस्था में हैं और अभी से इसके बारे में कुछ भी सटीक कह पाना सही व संभव नहीं हैं। कौन जाने आगे क्या-क्या हो सकता हैं!
अभी तक इस बात कि पुष्टि नहीं हुई हैं कि, ये बीमारी इंसानों के अंदर कैसे और कितनी तीव्रता में फैलती हैं। परंतु ये बात भी सच हैं कि, दक्षिण-अफ्रीका के जिन इलाकों में कोरोना मरीजों कि संख्या ज्यादा हैं; वहाँ पर ओमिक्रोन काफी ज्यादा मौजूद हैं। आप लोगों को क्या लगता हैं? क्या ये नई बीमारी भारत में आ कर तबाही मचा सकती हैं? जरूर कमेंट करके बताइएगा।
निष्कर्ष – Conclusion :-
आखिर में एक सबसे बड़ा सवाल ये है कि, क्या कोरोना की वैक्सीन ओमिक्रोन (omicron in hindi) के खिलाफ़ काम करती है? मित्रों! सरल भाषा में कहूँ तो, अभी तक इसके बारे में भी हमें नहीं पता है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि, अलग-अलग म्यूटेशन और स्पाइक प्रोटिन्स के कारण शायद वैक्सीन असर कम करे। हालांकि! वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि, कुछ हद तक वैक्सीन हमें ओमिक्रोन से बचा सकता है। इसलिए कई शोधकर्ता वैक्सीन लगाने के लिए काफी ज़ोर दे रहें हैं।
मित्रों! अभी वैज्ञानिक इस नए वेरिएंट के ऊपर शोध कर के वैक्सीन और वायरस के बीच होने वाले प्रतिक्रियाओं को समझ रहें हैं। आशा हैं कि, जल्द ही हमें कुछ नयी जानकारी मिल जाएगी। वैसे भारत कि बात करें तो, अभी हमारी सरकार कोरोना के इस नए रूप से लढने के लिए तैयार हो रहीं हैं। साथ में हमें भी इस नए वेरिएंट से काफी ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। कोरोना गाइड लाइन को पालन करते हुए, और वैक्सीन लगवा कर हम खुद के जीवन के साथ-साथ दूसरों के जीवन को भी बचा सकते हैं।
वैसे अगर ये वेरिएंट खतरनाक हुआ तो, इसके लिए भी हमें एक नए वैक्सीन कि जरूरत पड़ सकती है।