हम सभी जानते हैं कि पेड़ पौधे हमारे धरती के लिए कितने जरूरी हैं। पेड़ हवा से कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) लेते हैं और फोटोसिंथेसिस प्रोसेस (photosynthesis process) के जरिए उसे ऑक्सीजन में कन्वर्ट करके हवा में रिलीज कर देते हैं। और ऑक्सीजन धरती पर मौजूद जीवन के लिए कितना जरूरी है ये हम भलीभांति जानते और समझते हैं। धरती पर मौजूद जंगल जो पेड़ों से भरे हैं, लाखों तरह के पशु पक्षियों का घर भी है। इसके अलावा पेड़ों का इस्तेमाल कई तरह के दवाइयों को बनाने के साथ-साथ सामान्य जिंदगी में प्रयोग होने वाले उपकर्णो को बनाने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा कई अप्रत्यक्ष तरीकों से हम पेड़ों पर अपने जीवन के लिए निर्भर थे हैं और रहेंगे। पर क्या हम 3 लाख करोड़ पेड़ों (3 Trillion trees on earth) को लगा सकते हैं, आईये आगे जानते हैं।
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ग्लोबल वार्मिंग और घटते समुद्र
लेकिन पिछले कुछ दशकों में इंसानों की बढ़ती आबादी और उनकी बढ़ती डिमांड के कारण इंसानों ने अपनी जरूरतों के सामान को बनाने के लिए एक बड़े स्तर पर पेड़ों की कटाई की है। इससे हमारी जरूरतें तो पूरी हो गई है पर नेचर के साथ खिलवाड़ करना यकीनन ठीक नहीं था। और उसी के कारण आज हम इसके दुष्प्रभावों से जूझ रहे हैं। पूरी दुनिया ग्लोबल वॉर्मिंग (Global Warming) से तप रही है। धरती के ग्लेशियर पिघल रहे हैं जिससे समुद्र का स्तर बढ़ रहा है और कोस्टल एरियाज समुद्र के पानी से ढकते चला जा रहे है।
ऐसे कई शहर है जो पानी में डूब चुके हैं। और अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले भविष्य में हमें हर जगह बाढ़ों के साथ-साथ क्लाइमेट चेंज का सामना करना पड़ेगा। पेड़ों के काटे जाने के कारण जानवरों की कई प्रजातियां लुप्त हो गई है। इसके साथ ही जहरीली हवा में सांस लेना अब शहरों की मजबूरी बन चुकी है। यह सारी चीजें एक भयावह स्थिति की ओर इशारा करते नज़र आ रहे हैं। लेकिन क्या होगा अगर समाधान स्वरूप धरती पर 3 ट्रिलियन पेड़ (3 Trillion trees on earth) लगा दे तो। क्या इससे सारी समस्या खत्म हो जाएगी। आइए जानने की कोशिश करते हैं।
पौधे कैसे जीवित रहते हैं?
सारे पौधों की तरह पेड़ भी एटमॉस्फेयर में मौजूद कार्बन को कंज्यूम करते हैं। फोटोसिंथेसिस प्रोसेस (photosynthesis process) के जरिए। इस प्रक्रिया मे पेड़ पौधे सोलर एनर्जी का इस्तेमाल कर पानी और कार्बन डाइऑक्साइड से ऑक्सीजन और ऊर्जा स्टोर करने वाले कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) उत्पन्न करते हैं। उसके बाद एक उलट प्रक्रिया में पेड़ इसी उर्जा स्टोर करने वाले कार्बोहाइड्रेट को कंज्यूम कर पेड़ पौधे उसे एनर्जी में तब्दील कर देते हैं और एनर्जी प्रोड्यूस करने के साथ-साथ फिर से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करते हैं।
यह उलट प्रक्रिया रेस्पिरेशन कहलाती है। हालांकि पेड़ ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित नहीं करते हैं एनर्जी प्रोडक्शन के दौरान निकला कार्बन कुछ हद तक पेड़ में ही जमा हो जाता है। अपने पूरे जीवन काल में पेड़ इसी तरह एटमॉस्फेयर से कार्बन सोखते रहते हैं। पर जब पेड़ खत्म हो जाता है तो पेड़ में जमा कार्बन फिर से एटमॉस्फेयर में चला जाता है।
इसी के साथ कुछ मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड जमीन के अंदर दब जाता है। हालांकि कुछ सदियों के बाद जमीन के अंदर पड़ा यह कार्बन डाइऑक्साइड भी धरती के वातावरण में चला जाता है। अगर हमें पेड़ों से सबसे ज्यादा फायदा उठाना है। तो हमें ऐसे पेड़ों की जरूरत होगी जिनका जीवन काल बेहद ज्यादा होता है ताकि वह ज्यादा समय के लिए कार्बन को अपने अंदर स्क्विज करके रख सकें। साथ ही वे पेड़ बेहद जल्दी खुद को रीप्रोड्यूस करने के काबिल होने चाहिए।
कार्बन सोखने वाले पेड़
अमेरिका में मौजूद एक पेड़ है जिसका नाम सेक्वाया है। इस पेड़ को जर्मन शेफर्ड के नाम से भी जाना जाता है। यह पेड़ 84 मीटर लंबा है और यह धरती पर मौजूद अब तक का सबसे बड़ा पेड़ है।
अपने 2,500 सालों के उम्र में इस पेड़ ने 1 हज़ार 4 सौ टन कार्बन को सोखा है। तो क्या हमे सेक्वाया जैसे 3 लाख करोड़ पेड़ (3 Trillion trees on earth) लगाना चाहिए। इस प्रश्न का उत्तर देने से पहले आपको जाना पड़ेगा की एक पार्टिकुलर रीजन पर कुछ खास तरह के पेड़ ही उग सकते हैं यह वो पेड़ होते हैं जो उस जगह के क्लाइमेट के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं। तो इसका मतबल यह है की हमें अलग अलग जगहों पर पाए जाने वाले वहाँ के नेटिनव पेड़ लगाने पड़ेंगे। इस हिसाब से देखा जाए तो बहुत मेहनत करना पड़ेगा।
क्या 3 ट्रलियन यानि 3 लाख करोड़ पेड़ संभव हैं?
अब सवाल यह उठता है कि क्या हम ऐसा कर पाने में सक्षम होंगे। आज पूरी ही दुनिया में लगभग 3 ट्रिलियन पेड़ (3 Trillion trees on earth) मौजूद है। और हमें 3 लाख करोड़ यानि 3 ट्रलियन और पेड़ लगाना है मतलब की टोटल लगभग 6 ट्रिलियन के करीब पेड़ होने चाहिए। 2019 में हुए एक शोध के अनुसार पूरी दुनिया में 1.3 बिलियन हेक्टेयर जमीन ऐसी है जहां पर हम बिना किसी मानव कार्य मे बाधा डाले पेड़ लगा सकते हैं। सीधे-सीधे शब्दों में कहें तो यह जगहें खाली है और इन जगहों पर पेड़ लगाना संभव है। कैलकुलेशंस के अनुसार 1.3 बिलीयन हेक्टेयर जमीन पर हम केवल 1 ट्रिलियन पेड़ लगा सकते हैं। जिसका मतलब यह होगा कि 2 ट्रिलियन पेड़ और लगाने के लिए। हमें उन जगहों को खाली करना पड़ेगा जहां पर मानव बस्तियां है या रेगिस्तान में पेड़ लगाना पड़ेगा।
इन पेड़ो के लिए कितनी जमीन चाहिए?
3 ट्रिलियन पेड़ लगाने के लिए हमें लगभग 3.9 बिलियन हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह भी है कि चाहे कुछ भी हो जाए हम मानव बस्तियों को नहीं उखाड़ सकते। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि 3 ट्रिलियन पेड़ लगाने के लिए धरती पर पर्याप्त जगह मौजूद नहीं है क्योंकि उन जगहों पर इंसानों ने या फिर किसी और चीजों ने कब्जा कर रखा है।.
लेकिन चलिए फिर भी मान लेते हैं। कि हम किसी तरह 3 ट्रिलियन पेड़ (3 Trillion trees on earth) लगा देते हैं। लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है। कि इन पेड़ों को बड़ा होने में काफी समय लगेगा साथ ही इन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी मिलेगा या फिर नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है।
3 ट्रिलियन पेड़ों को इरीगेशन के जरिए पानी देना संभव नहीं है इन्हें बारिश के पानी पर ही निर्भर रहना होगा। लेकिन समस्या यहीं खत्म नहीं हो जाता हम जो 3 ट्रिलियन पर लगाएंगे उनमें से टोटल कितने पेड़ उगेंगे यह भी कहना बेहद मुश्किल है। खैर जरा सोच कर देखिए।
क्या हम 3 ट्रिलियन पेड़ कभी लगा पाएंगे। 3 ट्रिलियन पेड़ों को लगाने के लिए धरती पर मौजूद हर इंसान को लगभग 450 पेड़ लगाना पड़ेगा। एक और बात गौर करने वाली यहां पर यह है। की धरती पर ऐसे कई इंसान मौजूद है जो कि बुजुर्ग और बीमार है और कई तो ऐसे हैं जिनके पास खाना भी नही है। 1-2 पेड़ तो चलता है पर 450 पेड़ लगाना वह भी एक इंसान के लिए बेहद मुश्किल कार्य है। इसके लिए हमें अपनी टेक्नोलॉजी का सहारा लेना पड़ेगा। वर्तमान में ऐसे कई गैजेट्स मौजूद हैं। जो केवल कुछ घंटों में हजारों पेड़ लगा सकते हैं। शायद अब आपको कुछ आसान लग रहा होगा लेकिन एक बार फिर से सोच कर देखिए क्या हम ऐसा कर पाने में सक्षम है।
आखिर क्यों ये संभव नहीं है?
हमारे पास ना पानी है ना जगह है ना उनके देखभाल करने के लिए कुछ है और ना की हम आश्वस्त हैं कि पेड़ उगेंगे ही उगेंगे। अगर वह पेड़ उग भी जाएं तो भी उन पेडों से ज्यादा फ़ायदा नही होगा फ़ायदे को बढ़ाने के लिए केवल पेड़ लगाने से कुछ नहीं होगा इसके लिए हमें एक पूरा का पूरा इकोसिस्टम बनाना पड़ेगा जहाँ पर पेडों के साथ साथ तरह तरह के पौधे,घाँस और अन्य चीजें हो बिल्कुल उस तरह जैसा की एक जंगल होता है। मतलब समस्याएं ही समस्याएं हैं। लेकिन चलिए मान लेते हैं कि हम ऐसा कर पाने में किसी तरह सफल हो गए। तो क्या हमारी सारी समस्या खत्म हो जाएगी। आइए इस पर एक बार नजर डालते हैं।
अगर संभव हो जाये तो क्या होगा?
3 ट्रिलियन पेड़ लगभग 400 मिलियन से लेकर 600 मिलियन टन कार्बन एमिशन को रोक कर सकते हैं। ये कार्बन एमिशन सालाना इंसानों द्वारा यूज़ किए गए कार्बन डाइऑक्साइड का ⅓ है। इसका मतलब यह है कि 3 ट्रिलियन पेड़ (3 Trillion trees on earth) लगाने से कार्बन एमिशन काफी हद तक कम होगा। लेकिन इसी के साथ हमें पहले से हो रहे कार्बन एमिशन को रोकना पड़ेगा अगर हम ऐसा नहीं करते हैं। तो इन 3 ट्रिलियन पेड़ों से हमें कुछ खासा फर्क नहीं देखने को मिलेगा क्योंकि उस केस में जितना कार्बन पेड़ सोखेंगे उससे ज्यादा इंसान और कार्बन ऐड करते जाएंगे।