नमस्कार मित्रों! कैसे हैं आप लोग? आज में यहाँ पर प्रोटीन की परिभाषा और इससे जुड़े हर एक विज्ञान की बातों को आपके सामने रखने जा रहा हूँ। आप लोगों में से कई लोगों को Body Building का जरूर शौक होगा। इसलिए शायद में सोचता हूँ की , उनको भी Protein के बारे में तो थोड़ी बहुत जानकारी तो निश्चित रूप से होगी।
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आइये जानते हैं प्रोटीन के बारे में – Protein in Hindi
मेरे प्रिय पाठकों, प्रोटीन (Protein in Hindi) एक जैविक उपादान है, इसलिए इसके बारे में जानना आपके लिए बहुत जरूरी है। प्रोटीन की परिभाषा से लेकर इसके प्रकार और कार्यों को मैंने इस लेख में बताया है।
प्रोटीन को हिन्दी में पुष्टि सार भी कहा जाता है। यह अन्य पोषक तत्वों में सबसे महत्वपूर्ण है, इसलिए इससे जुड़ी शारीरिक गतिविधियाँ शरीर के विकास के लिए अत्यावश्यक हैं। इसलिए यह तय है कि आपको इस लेख से बहुत लाभ होने वाला है।
यह एक वृहद अणु (polymer) है जो कई प्रकार के छोटे-छोटे अमीनो एसिड के समागम से बना होता है। इसके अलावा, यह शरीर में मौजूद तीन मुख्य जीव-सारों में से एक है। श्वेत-सार और वसा अन्य दो मुख्य उपादान हैं।
यह मुख्य रूप से प्राणी-जनित खाद्य पदार्थों में बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। विशेष रूप से, अन्य जीवों से सीधे उत्पादित खाद्य पदार्थों में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। हमारे शरीर में मौजूद मुख्य तीन जीव-सार हमारे शरीर के लिए आवश्यक ऊर्जा और कैलोरी का उत्पादन करते हैं।
इसी वजह से एक ग्राम प्रोटीन में 4 कैलोरी होती है और यह हमारे शरीर के कुल वजन का 15% हिस्सा है। चूंकि प्रोटीन (Protein in Hindi) अमीनो एसिड से बना होता है, इसलिए इसके मौलिक परमाणु ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, कार्बन और सल्फर से बने होते हैं। क्योंकि अमीनो एसिड से प्रोटीन बनता है, इसलिए इसे प्रोटीन का बिल्डिंग ब्लॉक भी कहा जाता है।
यहाँ मैं आपको और भी बता दूँ कि प्रोटीन (Protein in Hindi) को हमारे मांसपेशियों का बिल्डिंग ब्लॉक कहा जाता है क्योंकि प्रोटीन हमारे शरीर में मांसपेशियों का निर्माण करता है।
आपके शरीर के लिए कितना प्रोटीन सही है? – How much Protein you need !
मित्रों! किसी भी वस्तु की अधिकता आपके विनाश का कारण बन सकती है। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि आपके शरीर के लिए कितना प्रोटीन चाहिए। तो, मित्रों, चलिए जानते हैं।
अगर हम भारत की बात करें तो, देश के ज़्यादातर लोगों में प्रोटीन की कमी देखी जा सकती है। हमारे देश के ज़्यादातर लोग शाकाहारी हैं, और उनके खाने में प्रोटीन (Protein in Hindi) की मात्रा कम होती है। परंतु मैं आपको बता दूँ कि शाकाहारी खाने में भी अगर आप चाहें तो अपने दिन भर की प्रोटीन की मात्रा को पूरा कर सकते हैं।
तो, आपको दिन में कितने ग्राम प्रोटीन (Protein in Hindi) की जरूरत है? मित्रों, इस सवाल का जवाब एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बदल सकता है क्योंकि यह व्यक्ति की जीवनशैली पर निर्भर करता है। वैज्ञानिक कहते हैं कि प्रति किलोग्राम के हिसाब से एक आदमी को दिन भर में 0.8 ग्राम से लेकर 2 ग्राम प्रोटीन की जरूरत पड़ती है।
आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए प्रति किलोग्राम के हिसाब से 1 से 1.2 ग्राम प्रोटीन पर्याप्त है। यहाँ एक और बात याद रखनी होगी कि आप एक ही समय में 26 से 30 ग्राम प्रोटीन ही हजम कर सकते हैं। इसलिए उसी हिसाब से आप अपने खाने का चयन करें। याद रखें कि प्रोटीन की अधिक मात्रा बाद में किडनी स्टोन का कारण भी बन सकती है।
Protein की संरंचना – Protein Structure in Hindi
अब आपने यहाँ पर जब प्रोटीन (Protein Hindi) के बारे में जान ही लिया है। तो ,थोड़ा इसके संरचना के बारे में भी जान लीजिए।
जैसे की मैंने आपको ऊपर बताया है की, Protein एक बृहत-अणु है, इसलिए इसके संरचना को मुख्य रूप से तीन चार हिस्सों में बाँटा गया है। तो, चलिए एक-एक कर के उन सारी संरचना के बारे में जानते हैं।
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1. Primary संरचना (Primary Structure) :-
अब हमारे शरीर में मौजूद Protein मुख्य रूप से 20 Amino Acids के समागम से बनी हुई है, जैसे की नाम से ही पता चल रहा है , एक Amino Acid में एक Acidic Amino ग्रुप और एक Acidic Carboxyl ग्रुप मौजूद होता है, इन्हीं ग्रुपों की वजह से एक Amino Acid दूसरे Amino Acid से अच्छे तरीके से बंध कर रहता है।
प्रोटीन की इसी तरीके से बंधी हुए संरचना को Primary Structure कहते हैं। दो Amino Acid के अंदर बनने वाला Bond को Peptide Bond कहते हैं। ज़्यादातर 50 या इससे कम Amino Acid से बने ग्रुप को Peptides कहा जाता है और 50 से ज्यादा Amino Acid के ग्रुप को Protein कहा जाता है।
हमारे शरीर में मौजूद प्रोटीन (Protein In Hindi) का निर्माण हमारा DNA करता है। ठीक इसी ढंग से DNA हमारे शरीर में मौजूद RNA का भी निर्माण करता है। हालाँकि Amino Acid के वजह से प्रोटीन का Primary structure बनता है, पर हमारे शरीर में मौजूद ज़्यादातर प्रोटीन Tertiary structure के रूप में उपस्थित रहते हैं।
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2. Secondary संरंचना (Secondary Structure) :-
प्रोटीन (Protein Hindi) की Hydrogen Bonding के आधार पर अपना ही अलग प्रकार का Secondary structure मौजूद है। यहाँ पर मैं आपको बता दूँ कि Protein की मुख्य रूप से दो प्रकार की संरचना होती हैं।
पहली Alpha-helix और दूसरी Beta-sheet। यह दो प्रकार की संरचना प्रोटीन की स्थिरता को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर में होने वाली जैविक प्रतिक्रियाओं के लिए हर वक्त तैयार रखती हैं।
Alpha-helix, Protein की Right-handed coiled structure के रूप में परिचित है। यहाँ पर Protein Chain से निकलने वाले Substituents, main chain से दाईं ओर बाहर निकलते हैं। इसीलिए Alpha-helix को Right-handed coiled structure कहा जाता है। Side substituents के समूह मुख्य रूप से N-H बॉन्ड के ऊपर ही मौजूद होते हैं।
Beta-sheet संरचना में Alpha-helix संरचना के विपरीत Hydrogen Bonding दो strand (amino acid के समूह) के अंदर होने के बजाय, दो अलग-अलग strand के बीच में मौजूद होती है। यहाँ पर मौजूद दो strand parallel या anti-parallel के ढंग में आपस में जुड़े हुए होते हैं। परंतु ज्यादातर anti-parallel structure ही ज्यादा stable होते हैं क्योंकि इनमें मौजूद hydrogen bond अच्छे से इनके अंदर संरेखित होकर रहती हैं।
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3. Tertiary संरचना (Tertiary Structure) :-
प्रोटीन (Protein In Hindi) के ऊपर आधारित इस लेख में अब बारी आती है, Protein की Tertiary संरचना की। अगर मैं आसान भाषा में कहूँ तो, Protein की तीन-आयामी (3D) संरचना को ही Protein की Tertiary structure कहते हैं।
यह संरचना Protein की सबसे स्थिर और सबसे अधिक देखी जाने वाली संरचना है। हालाँकि यह संरचना आपको पहली झलक में थोड़ी अजीब और अव्यवस्थित लग सकती है, परंतु काफी सारे बलों के द्वारा सही तरीके से संतुलित यह संरचना काफी ज्यादा खास है।
इस संरचना में मौजूद Salt bridge और ionic interaction इसको और भी संतुलित बनाते हैं। यही कारण है कि Tertiary structure हमारे शरीर में सबसे ज्यादा मात्रा में पाए जाने वाला Protein का रूप है।
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4. Quaternary संरचना (Quaternary structure) :-
जैसे कई Amino Acid मिलकर एक Peptide को बनाते हैं, ठीक इसी तरह कई Peptide आपस में मिलकर एक Protein Sub-unit का निर्माण करते हैं।
तो, मित्रों, आमतौर पर Protein की Quaternary संरचना इन्हीं Protein Sub-unit के अंदर होने वाली प्रतिक्रियाओं को दर्शाती है। क्योंकि बाद में यही Protein Sub-unit आपस में मिलकर एक Protein Complex का निर्माण करते हैं।
तो, मित्रों, यहाँ पर भी अन्य संरचनाओं की भाँति Hydrogen Bonding, Di-sulphide bonding और salt-bridge इस संरचना की स्थिरता को सुनिश्चित करते हैं।
प्रोटीन (Protein In Hindi) और इसकी स्थिरता पर कुछ बातें :-
क्योंकि प्रोटीन (Protein In Hindi) की 3D संरचना काफी सारे कमजोर bond से बनी हुई होती है, इसलिए यह एक काफी संवेदनशील अणु है। ज़्यादातर किसी भी Protein अणु की स्थिरता को Native state के नाम से बुलाया जाता है।
इसी Native state को तापमान, pH, पानी, hydrophobic substances और metal ions के जरिए बदला जा सकता है। हालाँकि इसे बदलना उतना भी आसान नहीं है। बाहरी दबाव के चलते Protein denature भी हो सकता है। इसी denaturing की वजह से Protein अपना मूल कार्य करने की क्षमता को भी खो सकता है। इसके साथ-साथ कोई भी विकृत प्रोटीन (denatured Protein) शरीर के immune system को भी कमजोर बना सकता है।
इसलिए हमें किसी भी प्रकार से प्रोटीन (Protein in Hindi) की degradation, oxidation, deamination, peptide bond hydrolysis आदि प्रक्रिया को होने नहीं देना है। यहाँ पर मैं आपको और भी बता दूँ कि Mass spectroscopy के जरिए किसी भी Protein की mapping करके आप Protein की संरचना में होने वाले बदलाव को भी आसानी से पहचान सकते हैं।
मित्रों! आप प्रोटीन की स्थिरता बहुत प्रकार से सुनिश्चित कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर unfolding of protein, spectroscopy या UV ray आदि प्रधान हैं। इसके साथ-साथ आप differential scanning जैसे thermodynamic प्रक्रियाओं का भी प्रयोग कर सकते हैं।
Peptide mapping :-
मैंने मित्रों ऊपर mapping का जिक्र किया है। परंतु क्या आप को इसका मतलब पता है। Peptide Mapping का मतलब है बहुत प्रकार के Protease enzyme के माध्यम से किसी भी Protein को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँट देना| यहाँ पर trypsin enzyme को इस्तेमाल किया जाता है।
आपको यहाँ हमेशा याद रखना होगा की , Protein एक अत्यंत नाजुक अणु है। इसको आप ठीक ढंग से शोध के दौरान नहीं संभालेंगे तो यह आसानी से Degenerate भी हो सकता है। प्रोटीन ((Protein in Hindi) की स्थिरता को देखने के लिए आप इस को उन्नत तकनीक से बनी प्रयोगशाला का ही चयन करें।
प्रोटीन (Protein In Hindi) का काम क्या है और यह क्यूँ जरूरी है?
1. शरीर के विकास और देखभाल के लिए :-
मित्रों! मैंने पहले ही बताया था की Protein मांसपेशियों की बढ्ने में मदद करता है| इसलिए Protein आपके शरीर को बढ़ाने के साथ-साथ आपके शरीर का ख्याल भी रखता है।
2. आपके शरीर में सूचना प्रसार करता है Protein :-
आपके शरीर में बहुत प्रकार के Enzymes मौजूद हैं। इन सब का काम आपके शरीर में होने वाले प्रक्रिया को नियंत्रण करना है| इसीलिए इन सब का महत्व आपके शरीर के लिए बहुत ज्यादा है।
क्योंकि बहुत सारे Enzymes प्रोटीन (Protein In Hindi) से भी बने होते हैं , तो प्रोटीन भी एक प्रकार से आपके शरीर की सूचना को प्रसार करने में मदद करता है।
3. आपके शरीर को आकार देता है Protein :-
Collagen , Keratin और Elastin नाम के यह तीन Protein आपके शरीर में मौजूद कोशिका को सही आकार व स्थिरता प्रदान करते हैं।
वाकई में अगर शरीर मे प्रोटीन नहीं होगा तो हमारा शरीर जीवित ही नहीं रह सकता| ऊपर दिये गए Protein आपके शरीर में हड्डी और , टेंडोन , लीगामेंट आदि बनाने में आपके शरीर की बहुत मदद करते हैं।
4. pH को संतुलित करता है प्रोटीन (Protein in Hindi) :-
आपके शरीर में pH का सही तरीके से संतुलित रहना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि इस से आपकी शरीर की खून सही तरीके से बह सकता है।
5. खून में मौजूद है प्रोटीन :-
खून में मौजूद सबसे प्रमुख उपादान Hemoglobin एक प्रोटीन (Protein In Hindi) है। यह शरीर को खून के जरिए ऑक्सिजन पहुँचाता है।
प्रोटीन (Protein) युक्त खाने के विकल्प – High-Protein diet
मैंने इस लेख में पहले ही आपको बता कर रखा था की , लेख के आखिरी भाग में आपको Protein युक्त खाने के बारे में जरूर बताऊंगा| इसलिए, मैंने यहाँ पर प्रोटीन (Protein In Hindi) युक्त बहुत सारे खाने का जिक्र किया है|
मांसाहारीयों के लिए Protein युक्त खाना ->
- अंडे
- चिकन
- टूना
- टर्की की मांस|
- झींगा
- पोर्क
दोस्तों! मैंने यहाँ पर सिर्फ मांसहारियों के द्वारा खाए जा सकने वाला खाने का जिक्र किया है| वैसे यह लोग शकहारियों के लिए मौजूद खाना भी खा सकते है|
शाकाहारियों के लिए Protein युक्त खाना ->
- दूध
- बदाम
- दलिया
- पनीर
- ग्रीक दहि
- ब्रोकोली
- क्यूनोआ
- दाल
- Whey Protein Supplement.
तो, मित्रों ऊपर लिखी गयी हर एक प्रोटीन (Protein In Hindi) का खाना शाकाहारियों के लिए बहुत ही जरूरी है। अगर कोई इंसान अपने शरीर को स्वस्थ और सही आकार में रखना चाहता हैं , तो उसे अपने खान-पान में Protein को ज्यादा महत्व देना पड़ेगा। याद रखिए की Protein आपके शरीर की सबसे प्रमुख जीव सारों में से एक है।
निष्कर्ष – Conclusion :-
मित्रों! प्रोटीन से लेकर प्रोटीन युक्त खाने तक मैंने इस लेख में आपको सब कुछ बताया है। जितना मुझ से हो पाया। इसलिए मैं सोचता हूँ की प्रोटीन (Protein In Hindi) को लेकर आपके मन में मौजूद ज़्यादातर सवालों का जवाब आपको मिल गया है।
आज के इस समय में हर कोई Fit या स्वस्थ नहीं होता है। इसलिए ज़्यादातर लोगों को बहुत ही कम उम्र में ही रोग पकड़ लेते हैं। अब लोगों के अंदर अपने खान-पान को ले कर उतनी जागरूकता नहीं है, जितनी की होनी चाहिए। इसलिए मैं आप से यहीं आग्रह करना चाहूँगा की आप इस लेख को जितना हो सके उतना share कर के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाए|
जल्दी फल पाने की आशा में कई सारे युवा अपने जिंदगी से खेल रहे हैं, कई गलत रास्ते वह अपना रहे हैं। इसलिए मैं उन भाइयों से यह निवेदन करूंगा की बॉडी बनाने के लिए कोई दबाई न ले कर High Protein diet का सेवन नियमित रूप से कम से कम 3 महीने तक धैर्य से करें। यकीन मानिए बॉडी न बने तो कहना।
वैसे मित्रों! बोल के आपको aware करना मेरा काम था। आगे आपकी मरज़ी क्योंक आखिर में आपका ही जीवन है। धन्यवाद!.