यह तो हम सभी जानते ही हैं कि सांप एक बहुत जहरीला प्राणी होता है जिसके काटने पर व्यक्ति का अगर इलाज ना मिले तो उसकी मौत भी हो सकती है। सांप की कई प्रजातियां होती हैं पर उनमें से कुछ ही प्रजातियां जहरीली होती हैं।
आप लोगों ने अक्सर देखा होगा कि जब भी किसी आदमी को कोई सांप काट लेता है तो एक उसके पास को कोई समझदार व्यक्ति सर्प दंश लगे स्थान से ज़हर चूस कर बाहर निकाल देता है तथा व्यक्ति की जान बचा ली जाती है।
अब प्रशन ये उठता है कि चूसते समय यदि दंश का ज़हर मनुष्य के पेट में भी चला जाए तो वह क्यों नही मरेगा। इसके पीछे का वैज्ञानिक तर्क क्या है??
इसका उत्तर पाने से पूर्व आपको जानना होगा कि मनुष्य पाचन तंत्र इतना शक्तिशाली होता है कि वह सांप के ज़हर आसानी से पचा सकता है। क्योंकि यह ज़हर एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो खाए गए भोजन की सहायता से सांप के शरीर की विष ग्रंथि में बनता है।
सर्प जब बचाव मुद्रा में होता है तो विष ग्रंथि में बनाए इस ज़हर को दांतों द्वारा मनुष्य शरीर में स्त्रावित करता है रक्त के रास्ते यह ज़हर हृदय के साथ-साथ सभी अंगों में पहुच जाता है।
मनुष्य के पाचन तंत्र व अमाशय की तरह रक्त में एंजाइम ना होने के कारण रक्त इस ज़हर को अवशोषित नही कर पाता जिस कारण व्यक्ति मृत्यु द्वार तक पहुंच जाता है। इ
सीलिए सर्प विष को मुँह द्वारा खाने पर इंसान की मृत्यु नही होती यद्दपि शर्त यह है कि मुँह में किसी भी प्रकार की कोई चोट/ छाले इत्यादि ना हो अन्यथा ये विष को रक्त के सम्पर्क में ले जा सकते हैं।
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तो दोस्तों, यह था सांपो के बारे में एक छोटा सा वैज्ञानिक तर्क, यदि आप ऐसी ही और वैज्ञानिक बातों को जानना चाहते हैं और हिन्दू धर्म इत्यादि के ग्रंथ अपने स्मार्टफोन में पढ़ना चाहते हैं तो इस लिंक पर जरूर जायें, यहाँ आपको कई किताबें सस्ते दामों में डिजिटल रूप में मिल जायेंगी।