मृत्यु (Mrityu) एक सच्चाई है, जिसका आना निश्चित ही है। हर प्राणी इस सच्चाई से बचता है पर यही ब्रह्मांड का नियम है कि जो पैदा होता है वह खत्म होना निश्चित है। अगर किसी को अपनी मृत्यु के बारे में पता चल जाए तो क्या करना चाहिए, यह बहुत ही गंभीर प्रश्न है।
श्रीमद्भागवत में लिखा है कि यदि मृत्यु ज्ञात हो जाए तो उससे बचने का नहीं बल्कि सुधारने का प्रयास करना चाहिए।
इस संदर्भ में श्रीमद्भागवत में एक छोटी सी कथा का वर्णन आया है जो कि न सिर्फ मृत्यु का भय समाप्त करती है अपितु यह भी बताती है कि कुछ ही समय में कैसे मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। ये कथा इस प्रकार है-
ये है पूरी कथा
श्रीमद्भागवत में उल्लेख है कि किसी समय अयोध्या में सूर्यवंशी राजा खट्वांग राज्य करते थे। उनकी कीर्ति स्वर्ग तक पहुंच चुकी थी। देवताओं का सहयोग करने से इंद्र आदि देव उनके आभारी हो गए। मृत्यु के कुछ ही क्षण पहले इंद्र के द्वारा खट्वांग राजा को यह पता लगा मेरी मृत्यु में दो चार घड़ी शेष हैं तो खट्वांग राजा तुरंत स्वर्ग से उतरकर अयोध्या आए।
दान दक्षिणा दी। वैराग्य लिया। सरयू तट पर तप किया और योग क्रिया द्वारा अपने शरीर को मुक्त कर दिया तथा मोक्ष को प्राप्त किया।
इस पूरी कथा से आशय यह है कि राजा खटवांग बड़े पराक्रमी थे, लेकिन उन्होंने भी मृत्यु से बचने की अपेक्षा उसे सुधारने का ही प्रयास किया। अत: हमें भी मृत्यु से भय न रखते हुए उसे सुधारने का प्रयास करना चाहिए।
– शास्त्रों के अनुसार, ये 8 लक्षण दिखाई देते हैं मृत्यु से पहले इंसान में
– मौत के बाद क्या होता है? जानें मृत्यु से जुड़े ये 9 विचित्र थ्योरी
सीख- किसकी मृत्यु कब होगी, ये बात तो कोई नहीं जानता। इसलिए हमें रोज अच्छे काम करते हुए लोगों की मदद करना चाहिए। ताकि जब भी मृत्यु आए तो हमें इस बात का दुख न हो कि हम समय रहते कुछ अच्छा नहीं कर पाए।
साभार – भास्कर.कॅाम