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जीवन का सबसे कठिन सत्य क्या है, जिसे हर कोई झूठ समझता है!

कहते हैं जीवन वो धारा है जो समय के साथ हमें इसका मतलब बताती रहती है। जब हम बच्चे होते हैं तो हमारा जीवन केवल हमारे माता -पिता के साथ होता है, फिर स्कूल और फिर दोस्त हमारे जीवन का हिस्सा बन जाते हैं। उसके बाद दोस्त और यारी में ही हम वो कुछ सीखते हैं जो सबसे कठिन होता है, हमारा दिल उसे मानने से मना करता है पर सच्चाई वही होती है। आखिर जीवन का कठिन सत्य क्या है जिससे हर कोई बचने की कोशिश करता है। इसे समझने के लिए हम आपके लिए क्योरा से कुछ प्रसिद्ध उत्तर लेके आये हैं –

जीवन का सबसे कठिन सत्य है ‘सत्य’ को स्वीकार करना। मेरा दोस्त, एक लड़की को बहुत पसंद करता है। वह यह स्वीकार नहीं करना चाहता था कि वह लड़की उसमें रूचि नहीं रखती। वह किसी को भी नहीं सुनना चाहता और यहां तक ​​कि उसके पास उस लड़की को यह कहने की हिम्मत नहीं है कि वह उसे पसंद करता है, वह चाहता है कि यह लड़की उससे कहें | वह अपनी आंखों के सामने भी सच्चाई को स्वीकार नहीं करना चाहता।

शराब के उपयोग के कारण हम कई मौत के मामलों को रोज देखते हैं, अभी भी शराबी इस सचाई को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं, कि यह एक दिन उनकी जान ले सकती है।

हम झूठ की ‘मिठास’ का आनंद लेना पसंद करते हैंलेकिन हम कड़वी सच्चाई से नफरत करते हैं जो एक दिन हमारे जीवन को बचा सकती है। 

मेरे दूर के एक भाई (cousin) की 2 -3 गर्लफ्रेंड हैं। वह 17 साल का है | वह आमतौर पर उनसे बात करते हुए पूरी रात बिताता है। मैंने उसे यह तथ्य बताया है कि यदि तुम इस उम्र को इस तरह बर्बाद कर रहे हो तो भविष्य सही नहीं होगा, जब तुम मेरी उम्र के होगें | वह यह सबकुछ मुझसे बेहतर जानता है लेकिन सत्य स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।

हम सब जानते हैं कि कौन हमें खुद से ज्यादा प्यार करता है और वह है माता-पिता और यही सच है | लेकिन हम किसी और के लिए अपने माता-पिता को अनदेखा कर रहे हैं | हम अभी भी इस सत्य को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं कि हमारे नकली प्रेमी हमें एक दिन छोड़ देंगे।

सच स्वीकार करना वाकई मुश्किल है , लेकिन अगर आप स्वीकार करते हैं तो आप बहुत कुछ बदल सकते हैं। – Dilpreet Singh

जीवन रूपी लड़ाई आपको अकेले लड़नी है… हंसकर चाहे रोकर! और हाँ आप इस लड़ाई से, इस जीवन रूपी संघर्ष से बच नहीं सकते। बुद्धिमत्ता मुश्किलों का सामना करने से है ना कि भाग निकलने से।

आपको तोड़ने वाले हज़ार मिलेंगे.. दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी या शायद आपके खुद के अभिभावक भी किन्तु इस सफर में आपको रुकना नहीं है| जब ऐसी दुखद स्तिथि आये तो शांत होये और फिर से एक नई शुरुआत करें|याद रखें दिन बुरे होते हैं जिंदगी नही!!

दूसरों से कोई उम्मीद न रखें सच मानिए जब भरोसा टूटेगा तो बहुत दुख देगा, खुश रहना सीखें हाँ इससे परेशानी तो कम नही होगी पर परस्थितियों से लड़ने की ताकत आ जायेगी। सबका साथ रखना बुरी बात नही पर ज़िन्दगी का सफर अकेले ही तय करना होता है। – Deepika gaur

साभार – क्योरा

– जानिए जीवन की कुछ ऐसी बातें जो हम में से ज्यादातर नहीं जानते

Pallavi Sharma

पल्लवी शर्मा एक छोटी लेखक हैं जो अंतरिक्ष विज्ञान, सनातन संस्कृति, धर्म, भारत और भी हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतीं हैं। इन्हें अंतरिक्ष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।

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