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आखिर क्यों बुद्धिमान लोग अक्सर समाज से कटे हुए क्यों होते हैं?

बुद्धिमान  लोग (INTELLIGENT PEOPLE)    किसी भी चीज़ को या धारणा को आँख बंद करके नहीं मानते हैं, वे हर वस्तु और विचार को परख कर ही सोचते और समझते हैं। बुद्धिमान लोगों के बारे में कहा जाता है कि  वे हर काम को अपने हिसाब और समुचित व्यवस्था के साथ करते हैैं और किसी भी तरह की हड़बड़ी  को नहीं दर्शाते हैं।   भीड़ से अलग चलना उनकी आदत होती है, इसलिए वे हमेशा भीड़ से  अलग रहते हैं।

आज समाज में आधुनिकता के नाम पर नशे करना, उन्मुक्त यौनाचार, आकर्षण को प्रेम समझना और पैसे को ही सर्वोच्च प्राथमिकता देने जैसे कार्यों में विश्वास ना रखने के कारण उन्हें समाज बेवक़ूफ़, पिछड़ा हुआ, रूढ़िवादी और पागल तक बोलते हैं | और ये कोई अतिशोक्तीय अलंकार नहीं हैं, असलियत (अनुभव) बयान कर रहा हूँ |

बुद्धिमान लोगो में धैर्य ज्यादा होता है इसलिए वे ना तो किसी के बहकावे में आते है और ना ही भीड़तत्र का हिस्सा बनकर बिना  सोचे समझे किसी का अनुसरण करते हैं। ज्यादातर बुद्धिमान लोग अपने को अलग रखकर उस काम में समय बिताते हैं जो उनके विकास और गुणवत्ता के लिए श्रेयसकर होता है।

अक्सर देखा जाता है कि समाज में   ज्यादातर  फालतू और बिना सर पैर की बाते चलती हैं और राजनीति में भी लोग अपने मतलब के लिए बाते कहते हैं,  कई लोग बिना सोचे समझे ही राजनीति में किसी भी राजनेता का तोता बन जाते हैं जो उन्हें बाद में पता चलता है। इसके विपरीत बुद्धिमान लोग राजनीति में जल्दी नहीं फसते और देश के हितों और अपने हितों को सोचकर ही किसी का चयन करते हैं। वे समाज में एक दिशा प्रकट करते हैं।

और ज़रूरी तो नहीं कि जो काम सभी कर रहे हों, वो उचित ही हो | इस वैचारिक मतभेद के कारण बुद्धिमान लोग पूरे समान से बहस करने के स्थान पर उनसे अलग, दूरी बना कर रहना अधिक श्रेयस्कर समझते हैं |

और ये समझना केवल बुद्धिमान व्यक्ति के ही बस की बात होती है, इसलिए बहुसंख्यक (बुद्धिहीन) उन्हीं समाज से कटा हुए व्यक्ति के रूप में देखते हैं जबकि असल में वे केवल अपने और अपने जैसे लोगों में ही व्यस्त/मस्त रहने को प्राथमिकता देते हैं |

Shivam Sharma

शिवम शर्मा विज्ञानम् के मुख्य लेखक हैं, इन्हें विज्ञान और शास्त्रो में बहुत रुचि है। इनका मुख्य योगदान अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान में है। साथ में यह तकनीक और गैजेट्स पर भी काम करते हैं।

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