पिछले कई दिनों से भारत और चीन के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा है, इस विवाद की जड़ है डोकलाम पठार जो सिक्किम में भारतीय सीमा पर पड़ता है, इस पठार का कुछ हिस्सा भूटान में भी आता है।
इधर दिक्कत यह है कि चीन ने इस पठार पर सड़क बनाना का काम शुरू किया है जिसे अगर वो पूरा कर लेता है तो फिर भारत को उत्तर पूर्व के राज्यों को खोने का डर है। भारतीय सैनिकों ने इसका विरोध किया है, जो कि चीन को बिलकुल पसंद नहीं है।
चीन अब भी सड़क बनाने पर अड़ा हुआ है और अब परिस्थिति ऐसी बन चुकी है कि मामला यदि नहीं सुलझा तो युद्ध कभी भी हो सकता है।
पांच कोणों से बना यह आयताकार इलाका सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस समय भारत का कब्जा है। उंचाई पर होने के कारण यह भारतीय फौजों के लिए अहम है। अगर चीन भूटान के बीच से सड़कें बना लेता है तो दूसरी ओर भारत का समूचा पूर्वोत्तर क्षेत्र हथिया सकता है। यहां से यह समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र और बंगाल के सिलिगुड़ी के उस ‘चिकन नेक’ क्षेत्र पर कब्जा कर सकता है जहां से दक्षिण में भारत का समूचा पूर्वोत्तर क्षेत्र उसके कब्जे में आ सकता है।
इसलिए भारत नहीं चाहता है कि चीन, भूटान जैसे छोटे और कमजोर देश को डरा धमका कर इस समूचे भौगोलिक क्षेत्र पर कब्जा कर ले।यह पठार सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ऐसी स्थिति में है जहां से चीन न केवल भूटान वरन भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के समूचे क्षेत्र को हथिया सकता है।
भारत और चीन के बीच इससे पहले 1962 का युद्ध हुआ था, जिसमें भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा था। पर अब हालात बहुत बदल चुके हैं दोनो देश ऐशिया महाद्वीप की बहुत बडी ताकते हैं, यदि इनमें युद्ध हुआ तो हार किसकी भी हो इसका असर पूरे विश्व पर पडेगा।
वीडियो में देखिए किस देश की सेना के पास कितने हथियार और सैनिक हैं, और कौन धरातल पर ज्यादा टिक सकता है। हालांकि युद्ध भी एकमात्र विक्लप नहीं है पर हमें ये जानकारी जरुर होनी चाहिए।