हम इंसानो का शरीर एक बहुत ही जटिल मशीन की तरह ही है, आधुनिक विज्ञान ने हमारे शरीर पर हजारों सोध किये हैं जिनमें से बहुत सवालों के जवाब दिये पर बहुत सवाल पहेली बन कर ही रह गये। समय के साथ-साथ हमारे शरीर के बारे में कई ऐसी भ्रांतियां बनती गईं जिन्हें आज बहुत से लोग सच मानते हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी इन भ्रातियों को लोग लेकर चलते हैं जो एक समय में सच ही लगने लगती है, पर वास्तव में ये कितनी सच हैं यह तो आप इस पोस्ट में ही जान पायेंगे –
विषय - सूची
1. च्युइंग गम (Chewing Gum) का एक टुकड़ा पचने में 7 साल लग जाते हैं
बचपन में हमने गलती से कई बार च्युइंग गम का टुकड़ा निगला होगा. ज़ाहिर सी बात है कि लोग ऐसा करने के लिए मना करते हैं क्योंकि मान्यता ये है कि एक च्युइंग गम का टुकड़ा पचने में 7 साल लेता है. लेकिन सच तो ये है कि च्युइंग गम हमारे शरीर से कभी पचता ही नहीं है. कोई ऐसा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो ये बताये कि च्युइंग गम को पचने में 7 साल लगते हैं।
2. पास से टीवी देखने से आंखें खराब हो जाती हैं
बचपन में कितनी बार ही आपको मम्मी से डांट पड़ी होगी कि ‘इतनी पास से टीवी मत देखो! आंखें ख़राब हो जाएंगी’. मम्मी की चिंता जायज़ है, लेकिन ये सच नहीं है. सिर्फ़ सूर्य और लेज़र बीम से आने वाली रौशनी आपकी आंखों को हानि पहुंचा सकती है. टीवी की रौशनी से ऐसा नहीं होता. हां, वो बात अलग है कि बहुत देर तक पास से टीवी देखने पर आपकी आंखें थक ज़रूर जाएंगी।
3. जो 10% भी अपना दिमाग इस्तेमाल करते हैं, वो बहुत बुद्धिमान होते हैं
आपने कई बार सुना होगा कि इंसान कभी भी अपना 100% दिमाग उपयोग में नहीं लाता. जो लोग अपना 10% दिमाग भी इस्तेमाल करते हैं, उन्हें जीनियस कहा जाता है. लेकिन ये एक मिथ्या ही है. ऐसी कोई रिसर्च या वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो ये साबित करे कि इंसान सिर्फ़ अपना 10% दिमाग उपयोग करने में सक्षम है
4. शरीर का जोड़े चटकना आर्थराइटिस की निशानी है
हम जब भी टेंशन में होते हैं तो अपनी उंगली के जोड़े चटकाने लगते हैं. कई लोग मना भी करते हैं कि ऐसा करने से आर्थराइटिस हो जाएगा. लेकिन नहीं यार, ये आदत बुरी ज़रूर है, लेकिन इससे आर्थराइटिस नहीं होता है. मगर जो लोग लगातार ऐसा करते रहते हैं, उनके हाथ की पकड़ कमज़ोर पड़ जाती है और हाथों में सूजन सी आ जाती है.
5. कभी अपना ब्रेकफास्ट नहीं मिस करना चाहिए
कई लोगों ने हमें कहा है कि सुबह का नाश्ता दिन का सबसे ज़रूरी भोजन होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. नाश्ता करने से आपका दिन ज़रूर अच्छा जाता है, लेकिन इसका आपके वज़न से कोई ताल्लुक नहीं है. कई लोग मानते हैं कि नाश्ता करने से वज़न कंट्रोल में रहता है, लेकिन कई शोध बताते हैं कि ब्रेकफास्ट खाने या छोड़ने से आपके वज़न पर ज़्यादा असर नहीं पड़ता है.
6. सर्दी के मौसम में ठंड लग जाती है
हम सब ये मानते हैं कि सर्दियों में हमारी तबीयत ज़्यादा खराब रहती है, क्योंकि हमें ठंड लग जाती है. सर्दियों में ठंड से बचने के लिए हमें गर्म कपड़े और गर्म जगह चाहिए होती है. पर इस मौसम में तबीयत इसलिए ख़राब होती है क्योंकि ठंड से हमारे शरीर का तापमान गिर जाता है, जिससे शरीर का प्रतिरक्षी तंत्र या इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है. इस वजह से हमारा शरीर कीटाणुओं से लड़ने में थोड़ा असमर्थ हो जाता है.
7. कॉफ़ी हैंगओवर भगाने का सबसे बढ़िया नुस्खा है
कई लोग ये मानते हैं कि कॉफ़ी पीने से हैंगओवर चला जाता है, पर ऐसा नहीं है. कॉफ़ी पीने से आपका नशा नहीं उतरता, बस शरीर में ज़्यादा एनर्जी आ जाती है और आप कमज़ोर महसूस नहीं करते. अगर आपको हैंगओवर है तो कुछ खाएं और आराम करें.
8. ड्रग्स आपके दिमाग और कोशिकाओं को हमेशा के लिए ख़राब कर देते हैं
पहली बात तो ये कि ड्रग्स आपकी ज़िन्दगी के लिए जानलेवा हैं और इनका सेवन नहीं करना चाहिए. लेकिन दूसरी बात ये भी है कि ड्रग्स के सेवन से आपके मस्तिष्क की कोशिकाएं नहीं मरती हैं. 1998 में हुई एक रिसर्च ने ये साबित कर दिया कि ड्रग्स (चरस और गांजा) लेने से हमारे दिमाग में नयी कोशिकाएं बनती रहती हैं जिससे अल्ज़ाइमर जैसी बीमारी का इलाज होता है. फिर भी, स्वस्थ तन और मन के लिए ड्रग्स का सेवन कतई न करें.
9. हर दिन 8 गिलास पानी ज़रूर पीना चाहिए
पानी पीना हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन ये 8 गिलास वाली कहानी पता नहीं कहां से शुरू हुई. कई मिनरल वॉटर कंपनियां अपनी बोतलें बेचने के लिए ऐसे फालतू के तथ्य जनता को बताती है. सच ये है कि आप जितना चाहे पानी पी सकते हैं. आपका शरीर आपको अपने आप बता देता है जब आपको प्यास लगती है. इसके अलावा कई ऐसे स्रोत हैं जिनसे हमें पानी मिलता है जैसे फल और सब्ज़ियां.
10. चेहरे पर मुहांसे नहीं चाहिए तो चॉकलेट खाना छोड़ दें
चॉकलेट खाना किसे पसंद नहीं होता, लेकिन कई लोग चॉकलेट इसलिए छोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उससे मुहांसे हो जायेंगे. चिकनाई भरे खाने और चॉकलेट का कील-मुंहासों से कोई वास्ता नहीं है. मुहांसे तब होते हैं जब आपके शरीर में किसी प्रकार का हार्मोनल बदलाव होता है. चॉकलेट एकदम बेक़सूर है!