प्रकृति ने इंसान को बहुत कुछ दिया हैं| बुद्धि के साथ ही साथ सोचने और समझने की शक्ति भी प्रकृति ने हमें एक वरदान के स्वरूप दिया हैं| अकसर जब भी हम पृथ्वी के सबसे श्रेष्ठ जीव की बात करते हैं, तब हमारे मन में सिर्फ इंसान का ही नाम क्यूँ आता हैं? इसके पीछे का कारण क्या हैं! क्या सिर्फ हमारा दिमाग ही हमें श्रेष्ठ बनाता है; या इसके अलावा भी और कोई चीज़ है, जो हमें सबसे उन्नत प्राणी का दर्जा देता हैं| खैर सिर्फ दिमाग के अलावा इंसानों की फिंगर प्रिंट्स (why do we have finger print’s) ही एक ऐसी चीज़ है जो की इंसानों को पृथ्वी पर मौजूद अन्य जीवों से अलग बनाता हैं|
मित्रों! हमारे शरीर में बहुत सारे अंग है और हर एक अंग का अपना ही एक महत्व हैं| इसके अलावा अलग-अलग अंग के काम भी अलग-अलग हैं| कुछ अंग देखने में मदद करते है, तो कुछ अंग खाना खाने में| ज़्यादातर लोग इंसानी शरीर के अंगों के बारे में बहुत कुछ जानते हैं| परंतु क्या आपने कभी अपने फिंगर प्रिंट्स (why do we have finger print’s) के ऊपर गौर से देखा हैं! क्या आप अपने फिंगर प्रिंट्स के होने के पीछे की वजह को जानते हैं?
अगर आपका जवाब न हैं, तो आज आप इस लेख में आगे अपने फिंगर प्रिंट्स से जुड़ी हर एक अज्ञात बातों को जान लेंगे| मित्रों! आज के इस अनोखे लेख में मेँ आपको इंसानी फिंगर प्रिंट्स के होने की पीछे की वजह को बताऊंगा| इसलिए मेरे साथ इस लेख में आरंभ से अंत तक बने रहिए|
फिंगर प्रिंट्स क्या हैं? – What are Finger Prints? :-
सबसे पहले चलिए फिंगर प्रिंट्स क्या है (what are finger prints) इसके बारे में थोड़ा जान लेते हैं| तो, अगर मेँ सरल भाषा में कहूँ तो आपके हाथों के उंगलीओं ऊपर जो वृत्ताकार लकीरें होती हैं उसे ही विज्ञान की भाषा में फिंगर प्रिंट्स कहा जाता हैं| मित्रों! अब आप पूछेंगे की यह फिंगर प्रिंट्स क्यूँ (why do we have finger print’s) और हमारे उंगलिओं के ऊपर कब से मौजूद रहती हैं? तो मेँ आपको बता दूँ की यह आपके उंगलिओं के ऊपर बचपन से ही मौजूद रहते हैं या यूं की कहें की आपके पैदा होने के साथ ही साथ आपके फिंगर प्रिंट्स भी आपके साथ इस दुनिया में आती हैं|
इसके अलावा मेँ आपको और भी बता दूँ की आपके फिंगर प्रिंट्स कभी भी किसी दूसरे इंसान की फिंगर प्रिंट्स से मेच नहीं करेंगी| आम तौर पर फिंगर प्रिंट्स आपके शरीर के अंदर मौजूद मूल आनुवांशिक कणिका DNA से भी ज्यादा अनोखी है। क्योंकि दो जुड़वा बच्चों की क्षेत्र में कभी-कभार आपको DNA एक समान देखने को मिल जाएंगे, परंतु यहाँ गौरतलब बात यह है की उन दोनों ही जुड़वा बच्चों की फिंगर प्रिंट कभी एक समान नहीं होंगे|
मेँ आपको यहाँ और भी बता दूँ की फिंगर प्रिंट एक ऐसी चीज़ है, जो की आपके साथ जन्म से लेकर मरने तक आपके साथ रहती हैं| इंसानी शरीर भले ही बूढ़ा हो जाए परंतु आपका फिंगर प्रिंट वैसे का वैसा ही रहता हैं| यह कभी भी नहीं बदलता|
हमारे हाथों में फिंगर प्रिंट्स क्यूँ होती हैं? – Why Do We Have Finger Print’s In Our Hand ? :-
ज़्यादातर वैज्ञानिक यह मानते हैं की हमारे फिंगर प्रिंट्स हमें किसी वस्तु को बेहतर ढंग से पकड़ने और छूने की संवेदन को बेहतर ढंग से दिमाग तक पहुंचाने मेँ मदद करती हैं| हालांकि! यह दोनों ही बातें अभी तक पूर्ण रूप से प्रमाणित नहीं किया गया हैं| ज़्यादातर वैज्ञानिक कहते हैं की हमारे उंगलीओं के ऊपर मौजूद फिंगर प्रिंट्स (why do we have finger print’s) कार के टायर के ऊपर मौजूद ग्रिप की ही तरह होती हैं| आम तौर पर कार के टायर के ऊपर मौजूद ग्रिप गाड़ी को सड़क के ऊपर बेहतर ढंग से चलने में मदद करती हैं| यह ग्रिप गाड़ी को सड़क के ऊपर फिसलने नहीं देती|
ठीक इसी तरह हमारे शरीर में मौजूद फिंगर प्रिंट्स हमको किसी वस्तु को बेहतर ढंग से पकड़ने में अच्छा ग्रिप प्रदान करती हैं| खैर इस सिद्धांत को लेकर वैज्ञानिकों के अंदर काफी ज्यादा विवाद हैं| कुछ वैज्ञानिक यह कहते है की हमारे फिंगर प्रिंट्स हमें ग्रिप प्रदान नहीं करती हैं| इसको ले कर कई शोध हुए जहां पर यह पता चला की उंगलीओं के ऊपर मौजूद फिंगर प्रिंट्स दरअसल किसी भी वस्तु से हमारे उंगलीओं की घर्षण बल को कम करने में मदद करती हैं|
खैर अब तक किए गए काफी सारे शोधों से इतना तो पता चला है की, हमारे फिंगर प्रिंट्स हमें किसी भीगे हुए वस्तु या पदार्थ को पकड़ने में बहुत ही ज्यादा मदद करती हैं| आप अपने फिंगर प्रिंट्स के बिना किसी गीली चीज़ को अपने हाथों से नहीं उठा सकते हैं।
फिंगर प्रिंट्स के होने की अजीब वजह! :-
वास्तव में जब आप अपने उंगलीओं के ऊपर मौजूद फिंगर प्रिंट्स (why do we have finger print’s) के होने की पीछे का कारण जान लेंगे तो आपको जरूर ही थोड़ा अजीब लगेगा| मित्रों! पैरिस के जीव-वैज्ञानिक ने हमारे फिंगर प्रिंट्स के होने की अजीब वजह को सामने लाया हैं| उनके हिसाब से हमारे उंगलिओं की त्वचा के नीचे चार अलग-अलग प्रकार के मेकानों रिसेप्टर मौजूद रहते हैं| उन्हीं चार मेकानों रिसेप्टर के अंदर पेसिनियन कार्पोसेल (Pacinian Corpuscles) एक ऐसा रिसेप्टर है जो की हमारे शरीर को छूने की संवेदन को दिमाग तक ले कर जाता हैं| यह रिसेप्टर उंगली की त्वचा से 0.08 इंच नीचे मौजूद रहता हैं|
तो, इस विशेष प्रकार के रिसेप्टर के ऊपर काफी ज्यादा गहन शोध किया गया और पता चला की यह हमारे उंगलीओं के अंदर एक बहुत ही बारीक तरंग पैदा करता हैं (किसी वस्तु को छूने के दौरान) जो की स्नायु तंत्र के द्वारा हमारे दिमाग तक पहुँच जाता है| वैज्ञानिक यह भी मानते हैं की पेसिनियन कार्पोसेल इंसानों के उंगलीओं में बहुत ही प्राचीन काल से मौजूद हैं| इंसानी विकास के प्रारंभिक अवस्था में यह इंसानों को छूने की संवेदना से खाना ढूँढने में मदद करती थी| इसके अलावा यह इंसानों को हानिकारक और लाभकारी खाने की चीजों के अंदर की भेद को सटीक रूप से समझने में मदद करती थी जो की आज सुनने में काफी ज्यादा अजीब लगता हैं|
निष्कर्ष – Conclusion :-
मेरे हिसाब से दोस्तों हमारे फिंगर प्रिंट्स (why do we have finger print’s) ही हमें इतना विकसित प्राणी बनाते हैं| जरा सोच कर ही देखिए अगर आपके उंगलीओं के ऊपर यह फिंगर प्रिंट्स न होते तो, क्या आप कभी किसी वस्तु या व्यक्ति को छु कर उसका अनुभव ले पाते? देखिए, दोस्तों! इस भौतिक जगत में अगर कोई चीज़ हमें पूर्ण रूप से इंसान बनाता है तो वह है हमारे फिंगर प्रिंट्स| क्यूंकी इसी से ही हम स्पर्श का अनुभव ले पाते हैं|
वैज्ञानिकों का भी यही मानना है की हमारे फिंगर प्रिंट्स हमें छूने और वस्तुओं को पकड़ने में काफी ज्यादा मदद करती हैं, हालांकि इसके ऊपर किए गए शोध इसको ले कर जो भी कहें| इसके अलावा मेँ आपको फिंगर प्रिंट्स से जुड़ी और एक रोचक बात बता दूँ की, कुछ-कुछ क्षेत्र में आपके फिंगर प्रिंट्स किसी दूसरे व्यक्ति के फिंगर प्रिंट्स से मेच हो सकते हैं|
जी हाँ! आपने सही सुना आपका फिंगर प्रिंट भी किसी दूसरे व्यक्ति के फिंगर प्रिंट के जैसा ही हो सकता हैं| परंतु यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह हैं की हर 64 अरब लोगों के अंदर किसी दो व्यक्तिओं का फिंगर प्रिंट ही आपस में मेल खा सकते हैं| खैर अभी तो पृथ्वी की कुल जनसंख्या लग-भग 7 अरब हैं और पता नहीं इसे 64 अरब तक पहुँचने में कितना समय लग जाए! तो, अभी के लिए आपका फिंगर प्रिंट सिर्फ आपका हैं|
अंत में मेँ आपसे यह आग्रह करना चाहूँगा की आपको अपने फिंगर प्रिंट को लेकर क्या लगता हैं? जरूर ही बताइएगा|
——————————————————————————————————————————————————Source :- www.livescience.com.