Religion

कलियुग के अंत में मनुष्यों की हालत बहुत खराब हो जायेगी, जानें क्या कहते हैं शास्त्र

Effects Of Kaliyuga In Hindi – हिन्दू धर्म में समय को युगों में गिना जाता है, इसमें चार युग होते हैं – सतियुग, त्रेता, द्वापर और कलियुग। ये युग इस बात का संकेत हैं कि पृथ्वी पर कौन सा काल यानि की समय चल रहा है। वर्तमान में पृथ्वी पर कलियुग चल रहा है जो कि 4 लाख 32 हजार वर्ष का है, ये सबसे छोटा युग है पर इस युग में धर्म और ज्ञान की बातें बहुत ही कम लोग करते हैं।

इस युग में विचारशून्यता है और लोग भेड़ चाल चलकर आपना जीवन बरबाद करते जा रहे हैं, कलियुग में ज्ञान, भक्ति और वैराग्य सभी का लोप हो जायेगा और लोग व्यवस्नों और प्रपंचो में फंसकर अपने कीमती जीवन को बरबाद कर देंगे।

कलयुग को लेकर हर व्यक्ति के दिमाग में कई तरह की बातें आती हैं. कहते हैं जब इस दुनिया में पाप अपने चरम पर पहुंच जाएगा तब धरती पर जलजला आएगा और देखते ही देखते सारी पृथ्वी तबाह हो जायेगी। आप जानना चाहते हैं कि कलयुग के अंत में क्या होगा? तो आईये हम आपको बताते हैं कुछ संभव परिणाम।

कम हो जायेगी मनुष्य की आयु

माना जाता है कि कलियुग के अंत में मनुष्य की उम्र केवल 20 साल ही रह जायेगी. 16 साल की उम्र में लोग बूढ़े होने शुरू हो जायेंगे और 20 साल तक पहुंचते-पहुंचते उनकी मृत्यु हो जायेगी. बीते हुए कुछ शताब्दियों के आधार पर आप देख ही रहे है मनुष्य का स्वाथ्य और उम्र कम ही हुई है और आज कल बच्चे समय से पहले ही परिपक्क हो रहे हैं. हिंदू धर्म के अनेक ग्रंथों में इस बात का वर्णन किया गया है. कलयुग के आखरी चरण में लोगों की उम्र लगातार घटती रहेगी और बहुत ही कम उम्र में मौत आ जायेगी.

मनुष्य मांसाहारी और धीरे धीरे नरभक्षी हो जायेगा

कलयुग का अंत आते-आते धरती पर कुछ भी उगना मुश्किल या फिर बंद हो जाएगा. इसलिए सारे लोग मांसाहारी हो जाएंगे. उन्हें मांस-मछ्ली खाकर ही अपना जीवन गुज़ारना होगा. गाय-भैंस दूध देना बंद कर देगी जिसकी वजह से उन्हें बकरी का दूध पीना पड़ेगा. इतना ही नहीं, पेड़ों में फल-फूल भी लगने बंद हो जाएंगे. इंसान धीरे-धीरे नरभक्षी हो जाएगा।

पर, अगर आप कलियुग के प्रभावों से बचना चाहते हैं और अपने मन, बुद्धि को शुद्ध रखना चाहते हैं तो इन किताबों को आज ही प्राप्त करें, ये आपके लिए बहुत लाभकारी हैं –

प्राकृतिक आपदाएं और महाप्रलय आएगी

धीरे-धीरे कलयुग की तरफ बढ़ने पर महाप्रलय नज़दीक आ जाएगा. इस बात का वर्णन गीता और महाभारत में भी किया गया है. बहुत लंबे समय तक सूखा पड़ेगा और बाद में मूसलाधार बारिश होगी. बारिश इतनी ज़्यादा होगी कि धरती जलमग्न हो जायेगी और इसी बारिश और बाढ़ में लोग डूबकर मर जायेंगे. कलयुग के अंत में इतना भयंकर भूकंप और तूफ़ान आएगा कि इंसानों और जानवरों का नामोनिशां मिट जाएगा. एक साथ 12 सूरज निकलेंगे जिसकी गर्मी से धरती सूख जायेगी।

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– गीता (Gita) में लिखी है कलियुग से जुड़ी ये बातें, जो आज हो रहीं सच

पानी से नहीं बल्कि गर्मी से होगा विनाश 

कई ग्रंथों के अनुसार धरती का विनाश पानी से नहीं बल्कि गर्मी से होगा. धरती का तापमान इतना बढ़ जाएगा कि सातों समुद्र और नदियां सूख जाएंगी. संवर्तक नाम की गर्मी पृथ्वी को तबाह कर देगी और लोग इस गर्मी से भस्म हो जाएंगे. वैसे तो हर ग्रंथ में अलग-अलग बातें लिखी गयी हैं. पर एक बात का वर्णन सभी ग्रंथों में किया गया है कि पृथ्वी का विनाश निश्चित है. कलयुग के अंत में महाप्रलय आना निश्चित है।

कलियुग में ऐसा समय आएगा जब स्त्री और पुरुष, दोनों ही अधर्मी हो जाएंगी। स्त्रियां पतिव्रत धर्म का पालन करना बंद कर देगी और पुरुष भी ऐसा ही करेंगे।

कल्कि भगवान

Source – ishtadevata.com

भगवान कल्कि केवल तीन दिनों में पृथ्वी से समस्त अधर्मियों का नाश कर देंगे. और फिर अंत में कलियुग में अंतिम समय में बहुत मोटी धारा से लगातार वर्षा होगी, जिससे चारों ओर पानी ही पानी हो जाएगा. समस्त पृथ्वी पर जल हो जाएगा और प्राणियों का अंत हो जाएगा. इसके बाद एक साथ बारह सूर्य उदय होंगे और उनके तेज से पृथ्वी सूख जाएगी।

साभार – विभिन्न शास्त्र और स्रोत

Pallavi Sharma

पल्लवी शर्मा एक छोटी लेखक हैं जो अंतरिक्ष विज्ञान, सनातन संस्कृति, धर्म, भारत और भी हिन्दी के अनेक विषयों पर लिखतीं हैं। इन्हें अंतरिक्ष विज्ञान और वेदों से बहुत लगाव है।

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