दिल्ली भले ही हमारे देश की राजधानी हो पर वायु प्रदूषण के मामले में इसने सभी रिकोर्ड तोड़ दिये हैं। दिल्ली दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में छठे नंबर पर है। आये दिन इसकी हवा खराब होती जा रही है, हालात सबसे ज्यादा सर्दियों में गंभीर बन जाते हैँ।
पराली जलाए जाने की वजह से इन दिनों दिल्ली-एनसीआर में चारो आेर धुंध छार्इ हुर्इ है। यहां दिन के समय भी अंधेरा सा बना रहता आैर हवा में सांस लेना दूभर है। इन दिनों यहां पर हवा की गुणवत्ता काफी खराब है। इस मौसम में यह पहली बार बहुत खराब कैटेगरी में शामिल हो चुकी है। हाल ही में वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान और शोध प्रणाली की तरफ से जारी आंकड़ों में दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 315 पर रिकॉर्ड किया गया।
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स्थितियां हो सकती हैं आैर ज्यादा गंभीर
वहीं इस संबंध में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक आने वाले दिनों में यहां स्थितियां आैर ज्यादा गंभीर हो सकती हैं। 0 और 50 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स को अच्छा माना जाता है। इसके बाद 51 और 100 के बीच इसे संतोषजनक व 101 और 200 के बीच मध्यम माना जाता है। वहीं 201 और 300 के बीच इसे खराब, 301 और 400 के बीच काफी खराब और 401 और 500 के बीच काफी गंभीर माना जाता है।
वायु की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ कैटेगरी में
सीपीसीबी के मुताबिक आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 358, द्वारका सेक्टर आठ में 376, आईटीओ में 295, जहांगीरपुरी में 333 और रोहिणी में 330 का एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पीएम 10 का स्तर (10 माइक्रोमेटर्स से कम व्यास वाले कणों की हवा में उपस्थिति ) 296 और पीएम 2.5 को 139 दर्ज किया गया। इस मौसम में पहली बार वायु की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ कैटेगरी में शामिल है।
वायु प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी
एक सीपीसीबी अधिकारी ने कहा कि इन दिनों कर्इ इलाकों में प्रदूषण की वजह से स्थितियां गंभीर हैं।खराब हवा की गुणवत्ता के लिए वाहन प्रदूषण, निर्माण गतिविधियों और मौसम संबंधी कर्इ कारकों को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं एक अधिकारी ने कहा कि इसके लिए यहां जलार्इ जाने वाली परार्इ सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। वहीं ग्रेडेड रिस्पास एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू किया जा रहा है। इससे वायु प्रदूषण को काफी हद तक रोकने में मदद मिलेगी।
– वायु प्रदूषण (Air Pollution) से होती हैं भारत और चीन में सर्वाधिक मौतें -रिसर्च
साभार – पीटीआई