आज के इस तकनीकी दौर में सायबर हमलों की खबर हर रोज सुनते हैं, अभी हाल में ही कुछ पाकिस्तानी हैकरों ने भारत की कुछ यूनिवर्सिटियों की वेबसाइट को हैक कर लिया था। जिसके बाद भारत के भी कुछ हैकरों ने पाकिस्तान की 500 से ज्यादा वेबसाइटों को हैक करने का दावा किया था। वेबसाइट आदि हैक करने की घटनाओं के बारे में हम लगातार सुनते ही रहते हैं। तकनीक के प्रसार के साथ ये घटनाएं बढ़ती भी जा रही है। कई व्यापारी औऱ प्रतिष्ठान भी अब धीरे-धीरे आॅनलाइन हो रहे हैं। एक रिपोर्ट में सामने आया है कि सायबर हमले झेलने के मामलों में भारत चौथे स्थान पर आ गया है।
सायबर हमले झेलने वाले देशों के मामले में शीर्ष पर अमेरिका है। वहीं दूसरे और तीसरे स्थान पर चीन और ब्राजील है। सायबर हमलों से चीन और अमेरिका इतने प्रभावित है कि विश्व में होने वाले कुल सायबर हमलों का 34 प्रतिशत ये दोनों देश ही झेलते हैं। चौथे स्थान पर भारत को विश्व के 5 प्रतिशत हमलें झेलने पड़ते हैं।
वर्ष 2016 में ईमेल हैक से लेकर विभिन्न तरह की हैक पर फिरौती मांगने की घटनाएं भी देखने को मिली है। हालांकि चीन इस मामले में काम भी कर रहा है औऱ इन घटनाओं पर रोक लगाने में भी कामयाब रहा है। चीन हैकिंग की घटनाओं को वर्ष 2015 में 24 प्रतिशत से वर्ष 2016 में 10 प्रतिशत तक ले आया है।
लेकिन वहीं दूसरी ओर भारत में इस तरह की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है। वर्ष 2015 में ये घटनाएं 3.4 प्रतिशत थी तो वहीं वर्ष 2016 में यह 5.1 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इसके साथ ही कई देशों में बड़ी कंपनियों के सर्वर से भी डाटा लीक होने की घटनाएं आती रहती है।
सिमेंटिक के डायरेक्टर तरूण कौरा के अनुसार,”सिमेंटिक को पता चला है कि बांग्लादेश, वियतनाम, इक्वाडोर औऱ पौलेण्ड के बैंकों पर सायबर अटैक में उत्तरी कोरिया का हाथ होने के सबूत मिले हैं। यह बहुत ही दुस्साहस भरा काम है और पहली बार किसी देश के फायनेंशियल संबंधी सायबर क्राइम में हाथ होने के सबूत मिले हैं।”
सिमेंटिक के डाटा के अनुसार
पिछले आठ वर्षों में करीब 7 बिलियन से भी ज्याद आॅनलाइन आइडेंटी चोरी
वर्ष 2016 में 1.1 बिलियन आॅनलाइन आइडेंटी चोरी
वर्ष 2016 में पिछले वर्ष से दोगुनी आॅनलाइन आइडेंटी चोरी
131 में से 1 ईमेल में होता है मेरिसियस लिंक या अटैचमेंट
रोजाना 400 बिजनेस पर सायबर अटैक
3 वर्ष में फिशिंग ईमेल से व्यवसायों को $3 बिलियन का चूना लगा