बिल्लियां पालना कई लोगों को बहुत अच्छा लगता है, साथ में वे उसे अपने घर का सदस्य मानकर उसके साथ सारे पल गुजारते हैं। ऐसे में सवाल उठता था कि क्या ज्यदा बिल्ली के साथ घुलने से कहीं मानसिक विकार का खतरा तो पैदा नहीं हो जायेगा।
लंदन में हुई एक रिसर्च में कहा गया है कि गर्भावस्था के दौरान या बचपन में बिल्ली पालने से किसी भी तरह की मानसिक बीमारी का प्रत्यक्ष खतरा नहीं है। इस नये अध्ययन में पूर्व के अनुसंधानों पर प्रकट किए गए संशय को केंद्र में रखा गया था जिसमें कहा गया था कि बिल्लियों के साथ रहने से मानसिक बीमारी का खतरा बहुत अधिक होता है।
हाल के अनुसंधान में कहा गया था कि बिल्ली रखने से कुछ प्रकार के मानसिक विकार उत्पन्न हो सकते हैं क्योंकि बिल्लियों में टोकसोपलसमा गोंदी पाये जाते हैं, जिसका सीधा संबंध सिजोफ्रेनिया जैसी मानसिक समस्याओं से है। ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के अनुसंधानकर्ताओं के नये अध्ययन में यह कहा गया है कि गर्भावस्था या बचपन में बिल्ली के साथ रहने से किशोरावस्था के दौरान मानसिक विकार उत्पन्न होने का खतरा नहीं होता है। इस अध्ययन का प्रकाशन साइकोलॉजिकल मेडिसिन जर्नल में हुआ है।