चींटियों में सही दिशा में चलने की क्षमता हमारी सोच से कहीं अधिक होती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक़ चींटियां पीछे चलते हुए या गोल-गोल घुम कर चलते हुए भी अपने घर का रास्ता पता कर लेती हैं।
प्रयोग बताते हैं कि इसके लिए वे आसमान में सूरज किस दिशा में है, इसका अनुमान लगाती हैं और उसी के अनुसार दिशा तय करती हैं. साथ ही वे अपने आसपास के दृश्य से भी मदद लेती हैं।
पेरिस में एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी और सीएनआरएस के डॉक्टर एंटोइन स्ट्रैच बताते हैं, “शोध में ये अहम बात सामने आई है कि चींटियां अपने शरीर की स्थिति या पोजिशन से पता लगा लगाती हैं कि उन्हें किधर जाना है।”
“चाहे उनका शरीर जिस भी स्थिति में हो, वे अपनी दिशा, जैसे कि उत्तर में चलती रहती हैं” कीटों की दुनिया में अपने दिशा ज्ञान की क्षमता के कारण चींटियों को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
चींटियां बहुत बड़ी संख्या में एक साथ रहती हैं. इसलिए उन्हें भोजन की तलाश में जाने और फिर उसे अपने बिल तक लाना होता है।
कई बार उन्हें भोजन खींच कर बिल तक लाने के लिए पीछे की ओर चलना पड़ता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक़ छोटे आकार के होने के बावजूद उनका दिमाग़ बहुत तेजी से काम करता है।
चींटियां अपने घर का रास्ता लैंडमार्क के बारे में जानकारी को अपने छोटे दिमाग में एकत्र करते हुए चलती हैं। जब चींटी अपना रास्ता भटक जाती है तो इन विज़ुएल संकेतों के जरिए रास्ता पहचान ही लेती है।